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गेहूं उत्पादक राज्यों में इस बार गर्मी का असर फसल पर नहीं दिखेगा

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गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में गर्मी का सबसे बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना

इस बार गर्मियों में सामान्य से ज्यादा तापमान रहेगा. मौसम विभाग ने बताया है कि इस साल अप्रैल से जून के बीच अत्यधिक गर्मी महसूस की जाएगी. इसका सबसे अधिक असर मध्य और पश्चिमी भारत में दिखेगा. मौसम विभाग यानी कि IMD ने यह जानकारी तब है जब अप्रैल से जून के बीच देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. यानी वोटर्स को राजनीतिक गर्मी के साथ मौसमी गर्मी का भी अहसास करना पड़ेगा.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, मध्य और पश्चिमी प्रायद्वीपीय भारत में इसकी उच्च संभावना है. इसी क्रम में आईएमडी ने एक बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश को छोड़कर गेहूं उत्पादक राज्यों में 7 अप्रैल तक लू की कोई चेतावनी नहीं है. इससे साफ है कि गर्मी का असर इस बार गेहूं की फसल पर नहीं दिखेगा, इसलिए गेहूं की पैदावार गिरने की आशंका न के बराबर है.

महापात्र ने कहा, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, पूर्वोत्तर राज्यों और उत्तरी ओडिशा के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से नीचे रहने की संभावना है. इस अवधि के दौरान मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म हवा चलने की संभावना है. उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में सामान्यतः चार से आठ दिनों की तुलना में दस से 20 दिनों तक लू चलने की आशंका है.

क्या कहा IMD ने?

महापात्र ने कहा कि गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा, उत्तरी छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश में गर्मी का सबसे बुरा प्रभाव पड़ने की संभावना है. अप्रैल में देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है, मध्य दक्षिण भारत में इसकी उच्च संभावना है. आईएमडी ने कहा कि अप्रैल में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में सामान्य से सामान्य से नीचे अधिकतम तापमान रहने की संभावना है.

मौसम कार्यालय ने कहा कि अप्रैल में मध्य भारत के कई इलाकों और उत्तरी मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के आसपास के इलाकों में सामान्य से अधिक गर्मी वाले दिन रहने की संभावना है. महापात्र के अनुसार, इन क्षेत्रों में सामान्यतः एक से तीन दिनों की तुलना में दो से आठ दिनों तक लू चलने की आशंका है. गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, ओडिशा, पश्चिमी मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश में अप्रैल में गर्मी का सबसे बुरा असर होने का अनुमान है. भारत में लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच सात चरणों में होंगे.

ओडिशा में गर्मी

भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय केंद्र, भुवनेश्वर ने एक मौसम पूर्वानुमान जारी किया है, जिसमें 2 अप्रैल से ओडिशा के कई जिलों में तापमान में संभावित वृद्धि का संकेत दिया गया है. आईएमडी बुलेटिन के अनुसार, अधिकतम तापमान में अनुमानित वृद्धि और अधिक नमी होने के कारण ओडिशा के विभिन्न जिलों में अधिकतम (दिन) तापमान और न्यूनतम (रात) तापमान में वृद्धि होने की संभावना है. नतीजतन, 2 अप्रैल से 6 अप्रैल तक पूरे राज्य में गर्म और नम मौसम की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है.

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