बुंदेलखंड क्षेत्र में मूंगफली की खेती इस बार किसानों ने ज्यादा क्षेत्रफल में शुरू की है। कम लागत में मोटा मुनाफा होने के कारण क्षेत्र में हर साल इसकी खेती का रकबा भी बढ़ रहा है। चित्रकूट धाम मंडल के महोबा में अबकी बार सर्वाधिक 11889 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मूंगफली की खेती किसानों ने शुरू की है।
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की जमी पर अबकी बार खरीफ के सीजन में मूंगफली की पहली बार बम्पर खेती करने को किसान आगे आए है। शासन ने भी इस साल मूंगफली की खेती का दायरा भी बढ़ाया है। किसानों को डिपार्टमेंट इसकी खेती करने के लिए मुफ्त बीज देने की व्यवस्था की है। मूंगफली की खेती से वीरभूमि बुंदेलखंड में किसानों की तकदीर भी बदल रही है। कम लागत में मोटा मुनाफा मिलने के कारण इसकी खेती का हर साल रकबा भी बढ़ रहा है।
बुंदेलखंड क्षेत्र में काफी अर्से से किसान परम्परागत खेती के साथ मोटा मुनाफा देने वाली फसलों की खेती की तरफ कदम तेजी से बढ़ाए है। खासकर मूंगफली की खेती से यहां के किसानों की तकदीर भी बदल रही है। बुंदेलखंड के हमीरपुर, महोबा, बांदा, चित्रकूट समेत अन्य जिलों में इसकी खेती से कुछ दशक पहले बहुत ही सीमित क्षेत्रफल में होती थी लेकिन इधर कुछ सालों से इसकी खेती बड़े स्तर पर किसान कर रहे है।
बुंदेलखंड के महोबा में मूंगफली की खेती अधिक दायरे में हर साल होती है इसीलिए महोबा मूंगफली की खेती का हब माना जाता है। उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि बुंदेलखंड के महोबा में सर्वाधिक मूंगफली की खेती होती है। इसकी डिमांड लगातार बढ़ने के कारण किसानों ने इस बार परमपरागत खेती केसाथ मूंगफली की खेती ज्यादा दायरे में शुरू की है। बताया कि बुंदेलखंड के मऊरानीपुर और झांसी के आसपास के इलाकों में लाल कलर की मूंगफली की खेती किसान करते है।
इसकी खेती से क्षेत्र के किसानों की तकदीर भी बदल रही है। इसीलिए इस बार मूंगफली की खेती का क्षेत्रफल डेढ़ गुना तक बढ़ा है। राजकीय कृषि विज्ञान केन्द्र महोबा के वैज्ञानिक डॉ.एसपी सोनकर ने बताया कि मंूगफली सेहत के लिए गुणकारी है। इसे गरीबों का बादाम कहा जाता है। सर्दी के मौसम में सौ ग्राम मूंगफली खाने से सेहत फिट रहती है। इसमें जिंक, कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन-ई के अलावा पोषत तत्व प्रचुर मात्रा में होते है।
बुंदेलखंड के महोबा में मूंगफली की खेती का बढ़ा दायरा
उपनिदेशक कृषि हरीशंकर भार्गव ने बताया कि बुंदेलखंड के चित्रकूट धाम बांदा मंडल में इस बार खरीफ में 13832 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मूंगफली की बोआई कराई गई है। इसमें महोबा में सर्वाधिक 11889 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मूंगफली की खेती किसानों ने शुरू की है। हमीरपुर में 868 हेक्टेयर में मूंगफली की खेती अबकी बार कराई जा रही है, जबकि बांदा में सबसे कम 1074 हेक्टेयर में इसकी खेती किसान करेंगे।
चित्रकूट में एक हेक्टेयर भूमि में ही मूंगफली की खेती होगी। बताया कि पिछले वर्ष खरीफ के सीजन में मंडल में 9468 हेक्टेयर क्षेत्रफल में ही इसकी खेती हुई थी। लेकिन इस बार शासन ने मूंगफली की खेती का रकबा बढ़ाया है। बताया कि इसकी खेती में लागत कम आती है लेकिन मुनाफा तगड़ा होता है।
मूंगफली की खेती से बुंदेलखंड में किसानों की चमक रही तकदीर
उपनिदेशक कृषि प्रसार ने बताया कि हमीरपुर समेत बुंदेलखंड क्षेत्र में मूंगफली की खेती से हजारों किसानों की किस्मत चमकी है। इसकी फसल कीट और रोगों से महफूज रहती है। कम लागत में मूंगफली की खेती से कई गुना मुनाफा भी मिलता है। इसीलिए हर साल इसकी खेती का रकबा बढ़ रहा है। बताया कि अर्से पहले यहां हमीरपुर में 200 हेक्टेयर में मूंगफली की खेती होती थी लेकिन अब 868 हेक्टेयर क्षेत्रफल में इसकी खेती किसान कर रहे है।
सर्वाधिक सरीला क्षेत्र में 211 हेक्टेयर में खेती हो रही है। कुरारा में 65, सुमेरपुर में 172, गोहांड में 133, राठ में 192 हेक्टेयर में मूंगफली की खेती इस साल किसानों ने की है। कम लागत में मोटा मुनाफा होने से मूंगफली की खेती को लेकर किसान खुश है।