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अब 20 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के किसान उठा सकते हैं ‘सुकृति’ का लाभ

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क्षेमा सुकृति की विस्तृत पहुंच किसानों और उनके परिवार के उन सदस्यों के लिए एक वरदान है, जिनकी बीमायोग्य आय होती है. वे मुफ्त में पंजीकरण कर सकते हैं और केवल 499 रुपये प्रति एकड़ की दर से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं. किसान क्षेमा ऐप पर लॉग-इन करके सुकृति को कुछ आसान स्टेप्स में खरीद सकते हैं, जो भारत का पहला और एकमात्र स्वनिर्धारित फसल बीमा उत्पाद है. 

सुकृति किसानों को नौ जोखिमों में से एक मुख्य और एक सहायक परिस्थिति का चयन करने का विकल्प देती है. यह खूबी उन्हें उन परिस्थितियों का चयन करने में सहायता करता है जो उनकी फसल को, जलवायु, क्षेत्र, खेत का स्थान, अन्य ऐतिहासिक प्रवृत्तियों आदि के आधार पर, सबसे ज्यादा प्रभावित कर सकती हैं. कवर किए गए जोखिमों में चक्रवात, जल-जमाव (जलप्रिय फसलों के लिए लागू नहीं), बाढ़, ओलावृष्टि शामिल हैं, जबकि छोटे जोखिमों में भूकंप, भूस्खलन, बिजली से लगी आग, जानवरों का हमला (बंदर, खरगोश, जंगली सूअर, हाथी) और विमान से होने वाले नुकसान शामिल हैं.

सुकृति अब किसानों और उनके परिवार के बीमा योग्य आय रखने वालों सदस्यों के लिए और भी आकर्षक हो गई है. वे अब अपने घर से ही सुकृति खरीद सकते हैं और 100 से अधिक मौसमी फसलों का बीमा करा सकते हैं. यह योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सहित किसी भी अन्य बीमा योजना की तुलना में अधिक फसलों को कवर करती है. किसान, सुकृति खरीदते समय, अतिरिक्त प्रीमियम देकर बीमित राशि बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं ताकि अपने वित्तीय हितों की सुरक्षा कर सकें. क्षेमा ने बीमा खरीदने से लेकर दावा जमा करने तक की उपभोक्ता जर्नी को ऐप द्वारा सहज बना दिया है.

पीएमएफबीवाई का उत्पादन सूचकांक निम्न बिंदु शामिल करता है:

  • केवल चुनिंदा फसलें ही कवर की जाती हैं
  • बीमा के लिए गाँव/मंडल को इकाई क्षेत्र माना जाता है
  • दावों के निपटान में समय अधिक लगता है
  • सीसीई का संचालन करके दावों का निपटान
  • क्षेमा सुकृति क्षतिपूर्ति सूचकांक निम्न बिंदु शामिल करता है:
  • १०० से अधिक मौसमी फसलें कवर की गई हैं
  • खेत का क्षेत्रफल बीमा की इकाई है
  • कम समय में दावों का निपटान
  • टेक्नॉलजी आधारित दावों का निपटान

क्षेमा ने खरीफ मौसम के पहले चरण में फसल बीमा को अधिक सुलभ बनाने की अपनी पहल के तहत 9.40 लाख किसानों को सुकृति उपलब्ध कराई है जो 2.32 मिलियन एकड़ उपजाऊ भूमि को सुरक्षा प्रदान करेगी.

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