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जैविक खेती का एक चौथाई रकबा मध्य प्रदेश में, दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र

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  1. देश में कुल 64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती,प्रदेश में तीन हजार से अधिक क्लस्टर बने

भोपाल। खादों के ज्यादा उपयोग से जमीन और मानव स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान की रिपोर्ट के बीच अच्छी खबर यह है कि मध्य प्रदेश तेजी से जैविक खेती की ओर बढ़ा है। देश में जैविक खेती का सबसे बड़ा रकबा मध्य प्रदेश में 15 लाख 92 हजार हेक्टेयर है। दूसरे नंबर पर 13 लाख हेक्टेयर के साथ महाराष्ट्र है। इसके बाद गुजरात में नौ लाख 37 हजार हेक्टेयर, राजस्थान में छह लाख 78 हजार है।

बाकी राज्यों में जैविक खेती का रकबा तीन लाख हेक्टेयर से कम है। देश में कुल 64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है। केंद्र सरकार की पारंपरिक कृषि विकास योजना के अंतर्गत प्रदेश में तीन हजार से अधिक क्लस्टर बने हैं। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्रालय की पिछले दिनों राज्य सभा में प्रस्तुत की गई एक रिपोर्ट में सामने आई है।

मध्य प्रदेश सरकार ने भी जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं शुरू की हैं। बता दें कि प्रदेश में खेती का कुल रकबा डेढ़ करोड़ हेक्टेयर है। प्रदेश में कुछ किसान लंबे समय से जैविक खेती करते रहें हैं, पर सरकारी प्रोत्साहन के साथ इसकी शुरुआत वर्ष 2001 में प्रत्येक विकासखंड में एक गांव में जैविक खेती के साथ हुई थी।

केंद्र सरकार की जैविक उत्पादन कृषि नीति (एनपीओपी) के अनुसार राज्य सरकार ने वर्ष 2011 में अपनी जैविक कृषि नीति बनाई है। इसमें जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए कई प्रविधान किए गए हैं। उत्पादों का सीधे विक्रय की जगह ब्रांड नाम उपलब्ध कराना, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार उपलब्ध कराना, जैविक उत्पाद विपणन केंद्रो का विकास, प्रसंस्करण की सुविधाएं प्रदान करना, उत्पादों का जैविक प्रमाणीकरण शामिल है।

प्रदेश में लगभग 15 लाख टन प्रतिवर्ष तैयार हो रहा जैविक उत्पाद

किसान एवं कृषि कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 14 से 15 लाख टन जैविक उत्पाद तैयार हो रहा है। इसमें लगभग पांच लाख टन से अधिक जैविक उत्पाद निर्यात किए जाते हैं। सहकारिता के माध्यम से भी इसे और विस्तार दिया जा रहा है।

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