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प्राकृतिक खेती से उत्पादन में कमी आएगी, यह भ्रम,सब्सिडी देगी भारत सरकार: शिवराज सिंह

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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन में कमी आएगी, यह लोगों का भ्रम है. प्राकृतिक खेती से न तो उत्पादन कम होगा और न ही भंडारण में कमी आएगी. उन्होंने ऐसे किसानों को बधाई दी जो बिना केमिकल फर्टिलाइजर के अनाज का उत्पादन कर रहे हैं.

कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए केमिकल और फर्टिलाइजर के प्रयोग का परिणाम हम सबके सामने है. आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज को लेकर चिंतित है, लेकिन इसके जिम्मेदार हम खुद हैं. इससे ये सिद्ध हो गया है कि आने वाली पीढ़ी के लिए ये धरती रहने लायक नहीं रहेगी. ऐसे में हमें समय रहते संभलना होगा. इसके लिए हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा. इसे ध्यान में रखते हुए भारत सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी देने पर विचार कर रही है. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में प्राकृतिक खेती के विज्ञान पर क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. 

केमिकल फर्टिलाइजर का किया जा रहा इस्तेमाल

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया, को आत्मसात कर आगे बढ़ने वाला देश है. भारत की यह भावना प्राचीन खेती में भी निहित थी. उस समय खेती में केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल नहीं होता था. ऐसे में धरती उपजाऊ होती थी और अन्न पोषक पैदा होते थे. वहीं धीरे-धीरे धरती पर दबाव बढ़ता गया और उत्पादन बढ़ाने के लिए ज्यादा से ज्यादा केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल होने लगा. साथ ही नई-नई वैराइटी के लिए ऐसे बीज का प्रयोग होने लगा जिसमें ज्यादा खाद, पानी और कीटनाशक की जरूरत पड़ने लगी. इससे उत्पादन तो बढ़ा, लेकिन बीमारियां भी बढ़ती गई. इसके लिए कैंसर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलानी पड़ीं. आज हम सभी अपनी सेहत को लेकर काफी गंभीर हैं.

केमिकल मानव जाति के अस्तित्व पर खतरा

यही वजह है कि लोग बिना केमिकल फर्टिलाइजर के कृषि उत्पाद को खरीदने के लिए दोगुने दाम देने को तैयार हैं. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन में कमी आएगी, यह लोगों का भ्रम है. प्राकृतिक खेती से न तो उत्पादन कम होगा और न ही भंडारण में कमी आएगी. उन्होंने ऐसे किसानों को बधाई दी जो बिना केमिकल फर्टिलाइजर के अनाज का उत्पादन कर रहे हैं.

लखनऊ में आयोजित हुई प्राकृतिक खेती पर कार्यशाला

चौहान ने कहा कि कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल से धरती की उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है. इससे कीट मित्र जमीन से खत्म होते जा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि दुनिया में आपदाएं बढ़ती जा रही है. यह मानव जाति के अस्तित्व पर खतरा है. ऐसे में हमे समय रहते सावधान रहना होगा और धरती के अस्तित्व को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा. 

प्राकृतिक खेती के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत सरकार धरती के अस्तित्व को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए भारत सरकार प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देगी. इसके लिए उन्हे प्राकृतिक खेती के सर्टिफिकेशन की भी व्यवस्था करेगी. साथ ही तीन साल तक किसानों की क्षतिपूर्ति के लिए उनके खातों में पैसा भेजेगी. उन्होंने कहा कि बिना केमिकल के उत्पादन के साथ स्वाद भी बढ़ाया जा सकता है. इसके लिए भारत सरकार संकल्पित है. इस दिशा में लगातार काम किया जा रहा है. देश के वैज्ञानिक बिना केमिकल के उत्पादन बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.

प्राकृतिक खेती किसानों के लिए बेहद फायदेमंद- राज्यपाल आचार्य देवव्रत

इसी कड़ी में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने अपने संबोधन में कहा कि प्राकृतिक खेती और जैविक खेती दो अलग-अलग चीजें हैं और इस अंतर को समझना जरूरी है. उन्होंने प्राकृतिक खेती के फायदों पर भी प्रकाश डाला. राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती में पानी की कम जरूरत होती है और यह किसानों के लिए काफी फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब सरकार प्राकृतिक खेती के महत्व को समझ गई है.

वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश के एक राज्य में कृषि कार्य में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग का हश्र ये हुआ कि आज वहां से ‘कैंसर ट्रेन’ चलानी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि हरित क्रांति से कृषि उत्पादन जरूर बढ़ा, मगर ये अधूरा सच है. आज फर्टिलाइजर की अधिकता के कारण एक ‘धीमा जहर’ हमारी धमनियों में घुस रहा है. ये दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों पर ही नहीं पड़ा है, बल्कि पशु-पक्षी भी इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं.

यूपी में जल्द बनेगा प्राकृतिक खेती पर कृषि विश्वविद्यालय- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि देश में कई इलाके ऐसे भी थे जहां प्राकृतिक ढंग से भी कृषि उत्पादन अधिक था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में जल्द ही एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित किया जाएगा.

इतिहास के पन्नों को पटलना होगा- सीएम योगी

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत रहे। वहीं केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा कि हरित क्रांति का लाभ अन्न उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में हुआ है, मगर ये अधूरा सच है. हमें 17वीं और 18वीं सदी के भारत के उन प्रांतों में प्राकृतिक खेती से होने वाले उत्पादन दर को भी देखना होगा जब धरती अपने प्राकृतिक स्वरूप में थी और अन्न उत्पादन भी ज्यादा था.

गाय भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही फर्टिलाइजर वाला चारा- सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि फर्टिलाइजर का दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों में ही नहीं देखने को मिल रहा बल्कि पशु-पक्षी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमरोहा में निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल में 12 से 14 गाय अचानक मर गईं, जब हमने वहां विशेषज्ञ भेजे तो ये पता लगा कि चारे में बड़े पैमाने पर फर्टिलाइजर मिला था, जिसके कारण उनकी मौत हुई. हमें समझना होगा कि जब गाय अत्यधिक फर्टिलाइजर को बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है तो मनुष्य की स्थिति क्या होगी.  इस मौके पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख और मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे.

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