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भाकियू का ट्रैक्टर तिरंगा मार्च, राकेश टिकैत के नेतृत्व में सड़क पर निकलेंगे हजारों किसान 

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सानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने 9 अगस्त 2024 को ट्रैक्टर तिरंगा मार्च का ऐलान किया है. राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं के नेतृत्व में किसान उत्तर प्रदेश के हर जिले में ट्रैक्टर लेकर निकलेंगे. बीते दिनों भाकियू की मासिक बैठक में किसानों के मुद्दों को लकेर मार्च की घोषणा की गई थी. वहीं, राकेश टिकैत ने 9 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग की है. वहीं, किसानों को विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सुरक्षा बंदोबस्त तगड़े कर दिए हैं

फसलों पर एमएसपी गारंटी कानून, गन्ना किसानों के भुगतान, बिजली संकट समेत कई तरह की किसानों की समस्याओं को लेकर किसान अलग-अलग संगठनों के नेतृत्व में आंदोलित हैं. भारतीय किसान यूनियन ने किसानों के मद्दों को हल कराने के लिए विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसके लिए वह ट्रैक्टर तिरंगा मार्च निकालेंगे. भाकियू नेता राकेश टिकैत समेत अन्य किसान नेता ट्रैक्टर तिरंगा मार्च का हिस्सा बनेंगे. 

शांतिपूर्वक विरोध-प्रदर्शन करेंगे किसान

भाकियू ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन के लिए तैयारियां की हैं. इसके लिए बीते करीब सप्ताह भर से जिला स्तर पर भाकियू की बैठकें चल रही हैं. बैठकों में किसानों और ग्रामीणों को तिरंगा ट्रैक्टर मार्च में शामिल होने को कहा है. भाकियू नेताओं ने किसानों से बड़ी संख्या में शामिल होने को कहा है, साथ ही शांतिपूर्वक और अनुशासन में मार्च में हिस्सा लेंगे. किसानों के ट्रैक्टर तिरंगा मार्च को लेकर जिलों की पुलिस और प्रशासन ने कमर कस ली है और सुरक्षा बंदोबस्त मजबूत किए गए हैं. 

9 अगस्त राष्‍ट्रीय पर्व घोषित करे सरकार – राकेश टिकैत 

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में 15 अगस्त की तरह ही 9 अगस्त की तारीख भी राष्ट्रीय महत्व की तारीख है.  मेरा आग्रह है कि भारत सरकार इस तारीख को राष्ट्रीय क्रांति दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व घोषित करे. सोमवार को किसान साथियों से बातचीत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि 1942 में 9 अगस्त को महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो के आह्वान पर करो या मरो के संकल्प के साथ स्वतंत्रता हासिल करने के लिए पूरा देश सड़क पर उतर पड़ा था. 

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