पंजाब के कपूरथला जिले में धान उत्पादक किसानों के साथ बहुत बड़ी चिटिंग हुई है. उन्हें ब्रांडेड कंपनियों के बैग में मिलावटी धान के बीज दिए गए हैं. इससे खेतों में लगी फसल प्रभावित हुई है. किसानों का कहना है कि अगर उम्मीद के मुताबिक पैदावार नहीं हुई, तो लागत निकालना भी मुश्किल हो जाएगा. खास बात यह है कि इस तरह की चिटिंग कोई एक किसान के साथ नहीं हुई है, बल्कि कई किसान मिलावटी बीज के शिकार हुए हैं. वहीं, शिकायत के बाद कृषि विभाग मिलावटी बीज बेचने वाले दुकानदार का लाइसेंस रद्द कर दिया है.
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कपूरथला के नवांपिंड गेटवाल गांव के किसान गुरनूर सिंह का कहना है कि उन्होंने 70 एकड़ में धान की खेती की है. कुछ दिन पहले वे खेत पर गए थे. उन्होंने देखा कि खेत के एक हिस्से में धान के दाने पक चुके हैं. वहीं, दूसरे हिस्सों में दाने अभी भी पैनिकल इनीशिएशन अवस्था में थे. यानी वे दूध बनने की अवस्था में नहीं पहुंचे थे. खास बात यह है कि उनके 70 एकड़ में लगी धान की फसल का यही हाल है. कुछ दिन बाद गुरनूर सिंह को जल्द ही उन्हें पता चला कि कई अन्य किसान भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में सभी को फसल की पैदावार प्रभावित होने के भय सता रहा है. वहीं, जांच करने पर कृषि विभाग ने पाया कि किसानों द्वारा बोए गए बीज में एक कम अवधि वाली किस्म की मिलावट है. इसके चलते ये समस्याएं आ रही हैं.
800 एकड़ की फसल हुई प्रभावित
हालांकि, कृषि विभाग ने बीज भंडार मालिक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया है और इस किस्म को बनाने वाली कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजा है. जानकारी के अनुसार गुरदासपुर क्षेत्र में भी कुछ किसानों को इस समस्या का सामना करना पड़ा है. गुरदासपुर के मुख्य कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों ने इस समस्या की शिकायत की है. उन्होंने बताया कि कंपनी और स्टोर मालिक को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है. कपूरथला के नवांपिंड गेटवाल, मिठरा, छोटा बूलपुर, धाम और कुछ अन्य गांवों के कई किसानों ने 800 एकड़ से अधिक भूमि पर लंबी अवधि वाली किस्म (एसआर 110) बोई थी. बीज स्थानीय स्टोर से खरीदे गए थे. लेकिन वे एक ही खेत में धान के पौधों की वृद्धि में अंतर देखकर हैरान रह गए.
कंपनी को भी कारण बताओ नोटिस जारी
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह किस्म पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) द्वारा अनुशंसित नहीं है. किसानों ने कपूरथला के मुख्य कृषि अधिकारी (सीएओ) से संपर्क किया, जिसके बाद पांच सदस्यीय समिति गठित की गई. समिति के एक सदस्य ने बताया कि स्वीकार्य मिश्रण सीमा 1-2 प्रतिशत है, लेकिन इस मामले में अज्ञात बीज का 15-20 प्रतिशत मिश्रण पाया गया है. कपूरथला के सीएओ बलबीर चंद ने कहा कि जांच करने पर पता चला कि बीजों में मिलावट की गई थी. मैंने बीज स्टोर मालिक का लाइसेंस रद्द कर दिया है और एसआर 110 बीज बनाने वाली कंपनी को भी कारण बताओ नोटिस भेजा है. हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं.
फसल कटाई के बाद नुकसान का आकलन
उन्होंने कहा कि फसल कटाई प्रयोगों (सीसीई) के दौरान वास्तविक नुकसान का आकलन किया जा सकता है. साथ ही, सीएओ ने कृषि विभाग के निदेशालय को बीज अधिनियम के अनुसार कंपनी के उत्पादन और विनिर्माण लाइसेंस को रद्द करने के लिए लिखा है. नवांपिंड गेटवाल के एक अन्य किसान कुलदीप सिंह, जिन्होंने 14 एकड़ में बीज बोया था, कहा कि अब, जो अनाज पक गया है वह जल्दी ही गिर जाएगा और अन्य को पकने में कुछ दिन लगेंगे. हमने मजदूरी, उर्वरक, कीटनाशकों पर खर्च किया है और अब हमें नुकसान उठाना पड़ेगा. कृषि निदेशक जसवंत सिंह ने कहा कि मैंने मामले को विस्तार से जानने के लिए कंपनी के अधिकारियों और मुख्य कृषि अधिकारियों को बुलाया है.