ईद उल-अज़हा (बकरीद) के त्योहार से पहले आम आदमी को बड़ा झटका लगा है. एक बार फिर प्याज के दाम आसमान छूते नजर आ रहे हैं. ऐसे में आम आदमी अगले कुछ दिनों तक महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. सामने आई जानकारी के मुताबिक, जून महीने में प्याज की कीमतों में 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. गर्मी के मौसम में हरी सब्जियां वैसे ही महंगी हैं, ऐसे में अब प्याज ने आम आदमी की टेंशन बढ़ा दी है. कीमतों में उछाल के पीछे की प्रमुख वजह डिमांड ज्यादा और सप्लाई कम बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि प्याज व्यापारियों ने स्टॉक को रोकना शुरू कर दिया है.
दिल्ली में 12 रु. महंगा हुई प्याज
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बीते 10 दिनों में प्याज की कीमत में 12 से 15 रुपये का इजाफा हुआ है. सोमवार को नासिक की लासलगांव प्याज मंडी में इसकी थोक औसत कीमत 26 रुपये थी, जबकि 25 मई को 17 रुपये के थोक रेट पर व्यापार हुआ था. सामने आई जानकारी के मुताबिक, अच्छी क्वालिटी की प्याज का थोक रेट 30 रुपये प्रति किलो दर्ज किया गया है.
स्टॉक होल्ड कर रहे किसान और व्यापारी
बता दें कि जून महीने में प्याज किसानों और व्यापारियों के पास रखे गए स्टॉक से आती है. किसानों ने अपने स्टॉक को बेचना कम कर दिया है. जिसके बाद प्याज की कीमत में इतना उछाल देखने को मिल रहा है. किसानों को उम्मीद है कि रबी फसल 2023-24 में गिरावट की वजह से कीमतें बढ़ेंगी. हालांकि 40% एक्सपोर्ट फीस की वजह से प्याज के निर्यात में कमी देखने को मिली है, लेकिन व्यापारियों का दावा है कि 17 जून को ईद-अल-अज़हा के लिए प्याज की घरेलू मांग अचानक से बढ़ गई है.
दक्षिण राज्यों में बढ़ी डिमांड
नासिक के प्याज व्यापारी विकास सिंह ने कहा, “महाराष्ट्र के प्याज की मांग मजबूत है, खासकर दक्षिणी राज्यों से ।” “कीमतों में उछाल का एक मुख्य कारण यह है कि किसान और स्टॉकिस्ट इस बात को लेकर आशावादी हैं कि केंद्र सरकार निर्यात शुल्क हटा सकती है. इस उम्मीद के आधार पर, वे कीमतों में उछाल की उम्मीद में प्याज को रोके हुए हैं.”