Home ज्योतिष जन्म कुंडली में काल सर्प योग का निवारण आवश्यक क्यों है ?

जन्म कुंडली में काल सर्प योग का निवारण आवश्यक क्यों है ?

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श्री मति पूजा अग्निहोत्री दुबे

जन्म कुंडली में कभी कभी विशेष परिस्थिति में ग्रह योग इस प्रकार उपस्थित होते हैं की काल सर्प योग का निर्माण हो जाता है । यह जन्म पत्रिका में कही पर पूर्ण रूप से और कही पर आंशिक रूप से विद्यमान रहता है ।इसके कई प्रकार होते हैं यह निश्चित है कि जिस जन्म पत्रिका में इस योग का निर्माण होता है वह जातक कई मायनों मैं असाधारण भी होता है ।

परंतु यह भी सुनिश्चित है की किसी क्षेत्र विशेष में यह ग्रह योग अत्यंत बाधक होता है । इस प्रकार ज्योतिष में इसका निवारण करवाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है ।

काल सर्प योग का निवारण होने से जातक पूरी तरह दोष मुक्त हो सकता है और उसके क्षेत्र विशेष में जो भी बाधा उत्पन्न हो रही है इससे मुक्त हो जाता है, परंतु कभी कभी ग्रह योगों का निर्माण जन्म कुंडली में इस प्रकार उपस्थित होते हैं की जातक को इस दोष के निवारण के लिए बार बार प्रयत्न करना पड़ता है ।

इस प्रकार जातक काल सर्प योग का निवारण कर ले तो मनुष्य अपने जीवन में आने वाली अनेकानेक परेशानियों से छुटकारा पा सकता है ।

जिस प्रकार से भगवान राम और लक्ष्मण को इंद्रजीत द्वारा नागपाश में बांधा गाया तब गरुण जी ने भगवान को नागपाश से मुक्त किया था इसलिए रामचरित मानस में कहा गया है –

रण शोभा लगी प्रभुई बाध्ययो नागपास देवन भई पायो, 

खगपती सब धरी खाए माया नाग बरूथ ,

माया विगत भए सब हर्षे वानर जुथ ।

इस सप्ताह आपका भविष्य 

1. मेष 

मेष राशि वाले जातक को मांगलिक प्रसंग,उत्साह , उमंग, व्यस्तता, पारिवारिक उड़चने 

2. बृषब 

सपम्ती विवाद, अनावश्यक यात्रा, निरोत्साह, अलशिया,

3. मिथुन 

भूमि भवन से लाभ, पारिवारिक सुख, समृद्धि,संतान से लाभ,

4. कर्क 

परिवार मे तालमेल बिठाने, मन में अकरान चिंता, व्यर्थ भय

5. सिंह 

संतान की तनाव एवम चिंता

प्रशासनिक परेशानी, प्रवास,

समृद्धि 

6. कन्या 

पारिवारिक तनाव, क्लेश, पीड़ा,

मन में चिंता भय 

7. तुला 

धन प्राप्ति, संतान का कष्ट, दूर प्रवास, भय 

8 वृश्चिक 

तीर्थ यात्रा का योग, धर्म कर्म की रुचि, प्रसन्नता ,

9. धनु 

असफलता, मानसिक तनाव अशान्ति, व्यर्थ विवाद, अनावश्य भ्रमण,

10. मकर 

भवन निर्माण, पारिवारिक उन्नति, मांगलिक प्रसंग, सूख, समृद्धि 

11. कुंभ 

यात्रा, भय, खर्च अधिक, व्यर्थ विवाद, निराशा,

12. मीन 

धन एवं  वैभव की प्राप्ति

उल्लास, उमंग, परीक्षा में सफलता

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