Home कारोबार पूरे एफएमसीजी उद्योग के वॉल्यूम में सुधार आने की उम्मीद

पूरे एफएमसीजी उद्योग के वॉल्यूम में सुधार आने की उम्मीद

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हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुख्य वित्त अ​धिकारी (CFO) रितेश तिवारी

हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुख्य वित्त अ​धिकारी (CFO) रितेश तिवारी ने कहा है कि कंपनी तथा पूरे एफएमसीजी उद्योग के वॉल्यूम में सुधार आने की उम्मीद है। शार्लीन डिसूजा के साथ बातचीत में उन्होंने यूनिलीवर के और ब्रांडों को भारत लाने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। बातचीत के मुख्य अंश :

मौजूदा स्तर से बिक्री में वृद्धि कैसे करेंगे?

हमारा उद्देश्य वृद्धि को पटरी पर लाना है। इसके लिए हम वहां जाएंगे, जहां ग्राहक, वृद्धि और पैसा है। प्रीमियम उत्पादों में वृद्धि के अवसर हैं और हम इस सेगमेंट पर हम खूब जोर दे रहे हैं।

ग्रामीण बाजारों में भी वृद्धि की संभावना है। अभी वृद्धि में ग्रामीण बाजारों की तुलना में शहरी क्षेत्र ज्यादा योगदान दे रहा है, मगर ऐसा कोई कारण नहीं है कि ग्रामीण बाजार में एफएमसीजी की खपत न बढ़े। बीती तिमाही में ग्रामीण बाजार में सुधार के थोड़े संकेत दिखे थे। दो साल की सालाना चक्रवृद्धि दर के हिसाब से वृद्धि सकारात्मक बनी हुई है। मगर यह शहरी क्षेत्र के स्तर के बराबर अभी नहीं पहुंच पाई है। अगर वृद्धि में सुधार जारी रहा तो एफएमसीजी वृद्धि के लिए ग्रामीण बाजार आकर्षक होगा। इस बीच हम प्रीमियम, संगठित रिटेल और शहरी वृद्धि पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।

एचयूएल का मुख्य जोर किस पर होगा, प्रीमियम सेगमेंट में हिस्सा बढ़ाना या सामान्य बाजार में सुधार लाना?

एचयूएल का एक-तिहाई कारोबार प्रीमियम सेगमेंट से आता है। इसी तरह एक-तिहाई से थोड़ा ज्यादा मास मार्केट और एक-तिहाई से थोड़ा कम मध्य सेगमेंट में है। निकट अव​धि में हमें सामान्य सेगमेंट में उच्च वृद्धि हासिल नहीं होगी। मगर ग्रामीण बाजार में सुधार से इस सेगमेंट में तेजी आने की उम्मीद है। प्रीमियम सेगमेंट और शहरी बाजारों ने वृद्धि को सहारा दिया है।

सौंदर्य प्रसाधन सेगमेंट में हमारी बिक्री एक अंक में बढ़ी है। मगर प्रीमियम सौंदर्य उत्पादों की बिक्री में दो अंक में इजाफा हुआ है। सामान्य सौंदर्य उत्पादों की बिक्री में गिरावट आई है। ग्रामीण और कम आय वाले लोगों के पास गैर-जरूरी खर्च के लिए पैसे कम होने से इस सेगमेंट के उत्पादों की बिक्री प्रभावित हुई है। हालांकि हम इस सेगमेंट में अपने रुख में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं। हमारी रणनीति अपने उत्पादों के जरिये ज्यादा से ज्यादा भारतीयों का दिल जीतना है।

हम उस क्षेत्र में अपने निवेश को अनुकूलित कर रहे हैं जहां निवेश पर अ​धिक रिटर्न मिलता है। इसमें आधुनिक व्यापार, ई-कॉमर्स और प्रीमियम सेगमेंट भी शामिल है।

ऐसी कौन सी श्रेणी है जिसमें अ​धिग्रहण पर ध्यान देंगे?

अपना पोर्टफोलियो बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है। सौंदर्य प्रसाधन क्षेत्र में अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करने के लिए तीन चीजें करेंगे। पहला, हम अपने मौजूदा ब्रांडों को नए फॉर्मेट में विस्तार करेंगे। इस क्षेत्र में नवाचार और नए उत्पाद देखेंगे। दूसरा, हम यूनिलीवर के और ब्रांड भारत लाएंगे। तीसरा, मूल्यवर्द्धन वाले अ​धिग्रहणों की भी संभावना तलाशेंगे।

मार्जिन बढ़ने की क्या उम्मीद है?

हम बिक्री वृद्धि, सकल मार्जिन में सुधार और प्रतिस्पर्धा बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। सकल मार्जिन बढ़ने से हमें हमारे ब्रांडों, क्षमता, बाजार शोध और डिजिटल तकनीक पर निवेश करने में सहूलियत होती है। निकट अव​धि में हम 23 से 24 फीसदी के मौजूदा एबिटा मार्जिन स्तर को बनाए रखेंगे। मध्यम से दीर्घाव​धि में एबिटा मार्जिन में सुधार होगा।

आप नए माध्यमों की कैसी वृद्धि की उम्मीद करते हैं?

आधुनिक व्यापार में हमारी बाजार हिस्सेदारी सामान्य व्यापार से अ​धिक है। हम आधुनिक व्यापार में ज्यादा इनोवेशन ला रहे हैं जिससे आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स में हमारे उत्पादों के वर्गीकरण में और सुधार होगा। आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स में हमारा प्रीमियम पोर्टफोलियो ऊपर दिखते हैं। ​क्विक कॉमर्स ग्राहकों की खरीदारी की सुविधा के लिए एक शानदार नया चैनल है। आज के समय में हमारी आइसक्रीम की करीब 15 फीसदी बिक्री ​क्विक कॉमर्स के जरिये हो रही है।

एचयूएल की आय में आधुनिक व्यापार की हिस्सेदारी किस तरह बढ़ने की उम्मीद है?

उच्च वृद्धि आधुनिक व्यापार और ई-कॉमर्स के जरिये आ रही है। ये माध्यम पारंपरिक व्यापार की तुलना में तेज वृद्धि दर्ज करते रहेंगे। बिक्री के इन दोनों माध्यमों का हमारी कुल बिक्री में करीब 30 फीसदी की हिस्सेदारी है। हालांकि पारंपरिक रिटेल भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह वर्षों से सबसे बड़ा चैनल बना हुआ है। आज 13 लाख स्टोरों के पास हमारा ​शिखर ऐप है। इसके जरिये हम सीधे रिटेलरों से बात करने में सक्षम होते हैं।

क्या सरकार के नए मानदंडों का आपके पोषण कारोबार पर असर पड़ने की आशंका है?

भारतीय खान-पान में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अ​धिक है और सूक्ष्म पोषक तत्त्वों की कमी है। पोषण की जरूरत पर हॉर्लिक्स और बूस्ट के जरिये ध्यान दिया जा रहा है। हम मानदंडों के अनुसार अपने उत्पाद तैयार करने पर पूरा ध्यान देते हैं। प्लस रेंज के उत्पाद और हॉर्लिक्स लाइट में चीनी नहीं मिलाई जाती है।

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