महंगाई पर काबू पाने की कोशिशों के तहत सरकार अब 38 जरूरी चीजों की कीमतों की रोजाना मॉनिटरिंग करेगी। अब तक 22 चीजों पर नजर रखी जाती थी। नई चीजों में बैंगन, बाजरा, रागी, अंडा, सूजी, बेसन, मैदा, घी जैसे 16 आइटम हैं। गुरुवार को प्राइस मॉनिटरिंग सिस्टम मोबाइल ऐप वर्जन 4.0 लॉन्च करते हुए खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने यह जानकारी दी। मई में 4.8% रहने के बाद जून में रिटेल इंफ्लेशन 5.08% पर चली गई थी। खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर लगातार आठवें महीने 8% से ऊपर रहते हुए जून में 9.36% पर पहुंच गई थी। होलसेल इंफ्लेशन जून में 3.36% के साथ 16 महीनों के ऊंचे स्तर पर थी और होलसेल फूड इंफ्लेशन 10.85% रही।
जोशी ने बताया कि पहली अगस्त से डेली प्राइस मॉनिटरिंग की व्यवस्था में अब 16 और खाद्य वस्तुओं को शामिल कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि अब बाजरा, ज्वार, रागी, सूजी, मैदा, बेसन, घी, मक्खन, बैंगन, अंडा, काली मिर्च, धनिया, जीरा, लाल मिर्च, हल्दी और केले की कीमतों पर भी रोजाना नजर रखी जाएगी। कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 550 सेंटरों के जरिए जरूरी चीजों की कीमतों पर रोज नजर रखता है।
कंज्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी निधि खरे ने कहा कि कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स में 38 चीजों का वेटेज करीब 31% है। वहीं, चावल, गेहूं, आटा और चना दाल सहित 22 चीजों का वेटेज 26.5% था। उन्होंने कहा कि आरबीआई ने विभाग से कहा था कि ज्यादा चीजों की डेली प्राइस मॉनिटरिंग की जाए। जोशी ने कहा कि ज्यादा फूड आइटम्स पर नजर रखने से कीमतों में उतार-चढ़ाव और इंफ्लेशन पर काबू पाने में बेहतर मदद मिलेगी। खरे ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर और मुंबई में 2 अगस्त से NCCF की वैन के जरिए 50 रुपये किलो के भाव पर टमाटर बेचे जाएंगे। मंत्रालय ने 29 जुलाई को दिल्ली-एनसीआर में 60 रुपये किलो पर टमाटर बिक्री शुरू की थी। जोशी ने कहा कि इस कदम के बाद दाम घटे हैं।
2800 रुपये क्विंटल में चावल
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ने राज्यों को यह छूट दी है कि वे अपनी जरूरत के लिए FCI से 2800 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर चावल खरीद सकते हैं और इसके लिए उन्हें नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेना होगा। FCI के पास देश की वेलफेयर स्कीम्स के लिए जरूरी मात्रा से अधिक चावल का भंडार है और नए सीजन में खरीदारी शुरू होने से पहले राज्यों को यह ऑफर दिया गया है। जोशी ने बताया कि राज्य कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ी अपनी जरूरत के लिए सीधे फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से इस भाव पर चावल खरीद सकते हैं। राज्यों को पहले 2900 रुपये क्विंटल का भाव देना होता था।