खेत की सिंचाई करने के लिए किसानों को मजदूर और मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. किसनों की इस मुश्किल को आसान बनाने के लिए रांची की बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने एक मशीन का निर्माण किया है, जिसकी मदद से किसान एक जगह पर खड़े रहते हुए भी पांच एकड़ खेत की सिंचाई कर सकते हैं.
खेती के कामों को करने के लिए किसान को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है, जिसमें समय और खर्च दोनों ही काफी बर्बाद होता है. भारत में खेती के लिए आधुनिक उपकरणों का अपयोग बढ़ने से किसानों के लिए खेती करनी काफी सरल हो गई है. लेकिन आज भी कई किसानों के लिए खेत की सिंचाई करना एक बड़ी चुनौती बना हुआ है. खेत की सिंचाई करने के लिए किसानों को मजदूर और मोटी रकम खर्च करनी पड़ती है. किसनों की इस मुश्किल को आसान बनाने के लिए रांची की बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने एक मशीन का निर्माण किया है, जिसकी मदद से किसान एक जगह पर खड़े रहते हुए भी पांच एकड़ खेत की सिंचाई कर सकते हैं.
5 एकड़ खेत की सिंचाई हुई आसानी
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ने वाटर स्प्रिंकलर मशीन का निर्माण किया है, जिसकी मदद से किसान मात्र 1 घंटे में एक जगह पर खड़े होकर 5 एकड़ खेत की आसानी से सिंचाई कर सकते हैं. इस मशीन के साथ किसानों के लिए खेतों की सिंचाई काफी आसान हो जाएगी और इससे खेती में आने वाली लागत में भी कमी देखने को मिल सकेगी.1 लीटर डीजल में 1 घंटा सिंचाई
यूनिवर्सिटी ने इस मशीन में कंप्रेसर मोटर लगाई है, जिससे 125 हॉर्स पावर उत्पन्न होती है. इस मशीन में एक टंकी दी गई है, जिसमें 20 लीटर तक पानी भरा जा सकता है. इस मशीन का इंजन डीजल से चलता है और इसके साथ किसान 1 लीटर डीजल में 1 घंटे तक आसानी से सिंचाई कर सकते हैं. यूनिवर्सिटी ने इस मशीन में 100 फीट लंबा पाइप दिया है और इसके अंतिम छोर पर स्प्रिंकल मशीन है. जिससे पानी एक साथ एक ही जगह नहीं नहीं गिरता है और पानी बारिश की तरह बूंद-बूंद होकर एक समान खेत में जाता है. जिससे पानी की बर्बादी नहीं होती और खेतों की सिंचाई अच्छे से हो जाती है.
200 मीटर तक पहुंचेगा पानी
इस मशीने से पानी एक पाइप के जरिए काफी अच्छे प्रेशर के साथ निकलता है, जिससे किसान एक जगह खड़े होकर भी आसानी से 200 मीटर तक पानी को पहुंचा सकते हैं, लंबा पाइप होने से आप पीछे होकर भी पानी को खेत में आसानी से पहुंचा सकते हैं. इसकी अधिक हॉर्स पावर होने से पानी तेज गति से खेतों तक पहुंचता है.