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स्वर्ग के इन पत्तों से बरसेगा पैसा,ग्रामीणों की चमकेगी किस्मत

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मई के महीने में इस बार मौसम भी बदला-बदला सा नजर आ रहा है. शहडोल संभाग में पिछले कई दिनों से आंधी, तूफान, बारिश और ओला हर कुछ देखने को मिल रहा है. अभी भी मौसम खराब ही चल रहा है, ऐसे में इसी महीने में तेंदूपत्ते की तुड़ाई का काम भी शुरू होना है, जो ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए पैसा देने वाला पत्ता होता है. आइये विस्तार से जानते हैं क्या होता है तेंदू और इसके पत्ते से कैसे होती है कमाई...

क्या होता है तेंदू ?

तेंदू जंगली पेड़ है जिसका फल बहुत ही स्वादिष्ट होता है और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े ही चाव के साथ इसे खाया जाता है. आजकल इसके फल को शहरों में गांव के लोग सड़क किनारे बेचते भी मिल जाएंगे, जिसकी काफी डिमांड रहती है. औषधीय महत्व का ये फल माना जाता है. ग्रामीण क्षेत्र के ज्यादातर युवा इससे अच्छी खासी कमाई भी करते हैं.

गांव में, खेत खलिहानों में और जंगलों में इस पेड़ की भरमार होती है और गर्मी के सीजन में इस तेंदू के पेड़ के पत्ते भी बिकते हैं. सरकार इसे बकायदा खरीदती भी है और पत्ते तोड़ने वालों को अच्छे दाम भी देती है. कुल मिलाकर ये पेड़ नहीं पैसों का पिटारा है.

कैसे मिलते हैं तेंदू पत्ते से पैसे ?

अगर कोई ग्रामीण तेंदूपत्ता तुड़ाई का काम कर रहा है और वो बेचने आता है तो सबसे पहले तेंदूपत्ता का जो कलेक्शन होता है उसमें सबसे पहले तो पत्तों की गड्डी बनाई जाती है. एक गड्डी में 50 पत्ते होते हैं. इस तरह से 100 गड्डी बनाई जाती है और 100 गड्डी के 400 रुपये के हिसाब से ग्रामीणों को पैसे दिए जाते हैं. मतलब तेंदूपत्ता तुड़ाई करने वाल जितना पत्ता लेकर आएगा उतना ही पैसा पायेगा.

इसके बाद जो तेंदूपत्ता ग्रामीणों से कलेक्ट होता है, उसे वन विभाग या सहकारिता के माध्यम से बेंच दिया जाता है, जो की जंगल से ही बिक जाता है. इसका जो रेट है वो अलग-अलग होता है, उससे जो भी प्रॉफिट होता है उसको फेडरेशन के माध्यम से ग्रामीणों को ही किसी न किसी रूप में दे दिया जाता है. जैसे बोनस, ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य, सीसी रोड बनवाना, चौपाल बनवाना, प्रतीक्षालय बनवाना आदि, इस तरह के विकास कार्यों में इन्वेस्ट किया जाता है.

तेंदूपत्ता पर मौसम की मार

पिछले कई दिनों से शहडोल संभाग में मौसम की मार देखने को मिल रही है. मौसम में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है. मई के महीने में प्रचंड गर्मी पड़ती है, तापमान 35 से 45 के बीच रहता है, लेकिन इस बार मई के महीने की शुरुआत से ही आसमान में घने बादल छाए रहते हैं, कभी भी बारिश हो जाती है और कभी आंधी तूफान चलता है.

तेंदूपत्ते की तुड़ाई में लगी महिलाएं

इतना ही नहीं कभी ओले गिरते हैं और इस बारिश-ओले की वजह से तेंदूपत्ता के ठेकेदारों का मानना है की पत्ते की क्वालिटी पर इस मौसम का असर होगा. साथ ही ओला गिरने से पत्तों में छेद हो जाते हैं. इसके अलावा इस मौसम की मार की वजह से पत्तों में कई तरह के रोग लग जाते हैं. कुल मिलाकर इसके चलते तेंदूपत्ता के प्रोडक्शन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है.

तेंदू पत्ता तुड़ाई की तैयारी जोरों पर

मई के महीने में तेंदूपत्ता की तुड़ाई की तैयारी जोरों पर चल रही है. जो ग्रामीण हर वर्ष तेंदूपत्ते की तुड़ाई करते हैं वह भी अपनी तैयारी में जुट गये हैं. घर के जो काम हैं उसे पहले से ही निपटाने में लगे हुए हैं जिससे तेंदूपत्ता तुड़ाई के समय में वो पूरा फोकस तेंदूपत्ता पर ही लगा सकें. क्योंकि, जितना ज्यादा पत्तों का संग्रहण करके वो बेचेंगे उतना उन्हें पैसा मिलेगा.

तेंदूपत्ता इकट्ठा करती महिलाएं

अक्सर देखने को भी मिलता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पूरा का पूरा परिवार ही तेंदू पत्ते की तुड़ाई के काम में लग जाता है. स्वामी दीन बैगा बताते हैं कि “उनके घर का काम थोड़ा बचा था, जिसे वो इन दिनों जल्दी-जल्दी पूरा करने में लगे हैं, क्योंकि जैसे ही उन्हें सरकार की ओर से सूचना मिलेगी कि तेंदू पत्ते की तुड़ाई का काम शुरू हो गया है वह पूरे परिवार के साथ तेंदू पत्ते के तुड़ाई के काम में लग जाएंगे. इसमें अच्छा खासा पैसा भी मिलता है और कई फायदे भी होते हैं.”

वन विभाग भी कर रहा तैयारी

वन विभाग भी कर रहा तैयारी

तेंदूपत्ता तुड़ाई को लेकर वन विभाग की टीम भी लगातार तैयारी में जुटी हुई है और बैठकों का दौर जारी है. शुक्रवार को शहडोल जिले के नरसरहा डिपो में दक्षिण वन मंडल शहडोल की ओर से तेंदूपत्ता के ठेकेदारों के साथ बैठक की गई. इसमें साउथ डीएफओ श्रद्धा प्रेंद्रे स्टाफ के साथ बैठक में थी और उन्होंने तेंदूपत्ता के ठेकेदारों से तेंदूपत्ता तुड़ाई को लेकर उसकी तैयारी को लेकर चर्चा की. साथ ही ठेकेदारों के भी इश्यूज को सुना.

सोहागपुर एसडीओ बादशाह रावत बताते हैं कि “बैठक में तेंदूपत्ता तुड़ाई के सीजन की तैयारी को लेकर बैठक की गई थी जिसमें ठेकेदारों से चर्चा की गई. जिसमें प्रमुख तौर पर तेंदूपत्ता की तुड़ाई कब से शुरू करनी है, ठेकेदारों की स्थानीय समस्याओं को भी सुना गया. उनका समाधान भी किया गया और मुख्य रूप से बैठक तेंदूपत्ता तुड़ाई की डेट तय करने के लिए की गई थी. तेंदूपत्ता के ठेकेदारों ने बताया कि अभी पानी गिरा है मौसम खराब था जिससे अभी तेंदूपत्ता अच्छा नहीं आया है, इसलिए 15 मई से तेंदूपत्ते की तुड़ाई का काम किया जाएगा.”

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