Home खेती किसानी कृषि वार्ता खेती किसानी के लिए उथलपुथल भरा रहा मई 2024 का पहला सप्ताह

खेती किसानी के लिए उथलपुथल भरा रहा मई 2024 का पहला सप्ताह

0

खेती किसानी के लिए मई 2024 का पहला सप्ताह काफी उथलपुथल भरा रहा। खासकर सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार को प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाने का सरकार का फैसला काफी चर्चा में रहा।

विदेश व्यापार निदेशालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक प्याज के निर्यात पर 550 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लागू कर रहेगा। यानी कि प्याज का निर्यात इस रेट से कम पर नहीं होगा। साथ ही, निर्यात पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी लागू होगी।

लोकसभा चुनाव के दौरान सरकार का इस फैसले को प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव से जोड़ कर देखा जा रहा है। निर्यात पर पाबंदी की वजह से प्याज किसान नाराज हैं। माना जा रहा है कि उनकी नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है। पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने सफेद प्याज के निर्यात की अनुमति दी है, चूंकि सफेद प्याज गुजरात में उगता है, इस वजह से महाराष्ट्र के किसान ज्यादा नाराज थे।

गेहूं की खरीद भी पिछड़ी
रबी विपणन सीजन 2024-25 के लिए गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। सरकारी एजेंसियां अब तक 202 लाख टन गेहूं खरीद चुकी हैं। इस साल का गेहूं खरीद का लक्ष्य 372.90 लाख टन रखा गया है। केद्रीय खाद्यान्न खरीद पोर्टल के मुताबिक सबसे अधिक खरीद पंजाब से हुई है। यहां से 95 लाख टन गेहूं की खरीद हुई है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले इस साल लगभग 10 प्रतिशत कम खरीद हुई है। पिछले साल गेहूं की सरकारी लगभग 261.97 लाख टन हुई थी, जबकि 2021-22 में 433 लाख टन खरीद हुई थी।

जायद फसल की बुआई शुरू

रबी की फसलों की कटाई के बाद देश में जायद यानी गर्मी के मौसम की फसलों की बुआई शुरू हो गई है। चार मई 2024 तक के आंकड़े बताते हैं कि देश में 72.76 लाख हेक्टेयर में फसलों की बुआई हो चुकी है, जबकि इस समय तक पिछले साल 67.87 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी, जो 4.90 लाख हेक्टेयर कम है। सबसे अधिक जायद सीजन के चावल की बुआई हुई है। जो 30.30 लाख हेक्टेयर है। इसके बाद मूंग की बुआई सबसे अधिक हुई है। इस साल अब तक 16.76 लाख हेक्टेयर में मूंग की बुआई हुई है।

कर्नाटक-आंध्र में प्याज की बुआई प्रभावित 

केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि कर्नाटक और आंधप्रदेश में सूखे का असर प्याज की खेती पर पड़ा है। खरीफ सीजन 2023-24 के लिए प्याज की बुआई कर्नाटक में 83.24 हजार हेक्टेयर और आंध्र प्रदेश में केवल 5.07 हजार हेक्टेयर में ही हुई है। इस वजह से पूरे देश में प्याज की बुआई पिछड़ गई है। पूरे देश में 2.85 लाख हेक्टेयर में ही प्याज की बुआई हुई, जबकि साल 2022-23 में कुल 3.29 लाख हेक्टेयर में प्याज लगाई गई थी।

रबी सीजन के आलू की बुआई
2023-24 के रबी सीजन में कुल 22.82 लाख हेक्टेयर में आलू लगाया गया, जबकि इससे पहले 2022-23 में 22.78 लाख हेक्टेयर में आलू लगाया गया था।

कीमतों में उतार चढ़ाव 
चावल, गेहूं, अरहर और सोयाबीन की अखिल भारतीय थोक कीमतों में पिछले सप्ताह के दौरान वृद्धि देखी गई। हालांकि, चना, उड़द, मूंग, मसूर, मूंगफली, सरसों, तिल और सूरजमुखी की कीमतों में कमी रही। आलू की थोक कीमतों में वृद्धि भी रही, लेकिन पिछले सप्ताह के दौरान प्याज और टमाटर की कीमतों में कमी देखी गई।

Exit mobile version