भारत में इनहेरिटेंस टैक्स को लेकर बीते दिनों राजनीतिक माहौल काफी गरम रहा है। इस पर अब राजनीतिक अर्थशास्त्री और लेखक गौतम सेन ने बड़ा डर जाहिर कर दिया है। उन्होंने इसका जिक्र करते हुए कहा है कि भारत में इनहेरिटेंस टैक्स लागू करने की कांग्रेस की योजना के चलते अंबानी और अडानी जैसे सबसे धनी लोग टैक्स से बचने के लिए अपने कारोबार को दुबई में शिफ्ट कर सकते हैं। उनका मानना है कि इससे अंबानी, अडानी और टाटा जैसे भारत के सबसे दौलतमंद घराने टैक्स-हेवन देशों में जा सकते हैं। इससे भारत की संपत्ति को बड़ा नुकसान होगा।
गौतम सेन लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से रिटायर हुए हैं। वह इंडो-यूके राउंडटेबल के सदस्य और यूएनडीपी में वरिष्ठ सलाहकार भी रहे हैं। सेन ने भारत में इनहेरिटेंस टैक्स (विरासत कर) लागू करने के सुझाव पर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने इसकी तुलना अमेरिका से की। एक समाचार एजेंसी के साथ खास इंटरव्यू में बताया कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को कैसे प्रभावित कर सकता है।
दुबई बन सकता है पसंदीदा ठिकाना
सेन ने कहा, ‘बहुत अमीर यानी अंबानी, अडानी, महिंद्रा, टाटा और मेरा अनुमान है कि बहुत अमीर अरबपति वर्ग के करीब 500 लोग भारत से दुबई चले जाएंगे। देश छोड़ने वाले ज्यादातर भारतीय मिलियनेयर ने दुबई को अपना गंतव्य चुना है। इनमें से 70 फीसदी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि दुबई में इनकम टैक्स नहीं लगाया जाता है। वे अपने व्यवसायों को संयुक्त अरब अमीरात में फिर से रजिस्टर करेंगे। इसका मतलब है कि भारत उनसे केवल कॉर्पोरेट टैक्स ही वसूल पाएगा क्योंकि उनका व्यवसाय भारत में ही रहेगा।’
सेन के मुताबिक, ‘इसलिए भारत को बहुत ज्यादा संपत्ति का नुकसान होगा। अब दूसरे देशों पर विचार करें तो स्वीडन में पहले बहुत ज्यादा इनहेरिटेंस टैक्स था। स्वीडन ऐतिहासिक रूप से सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक है। हालांकि, स्वीडन ने कई अमीर व्यक्तियों के प्रवास के कारण इनहेरिटेंस टैक्स को समाप्त कर दिया। उदाहरण के लिए IKEA के मालिक स्वीडन से बाहर चले गए थे।’
इनहेरिटेंस टैक्स के नुकसान सामने आए
इकनॉमिस्ट ने कहा, ‘इनहेरिटेंस टैक्स हटाने के बाद उन्होंने पाया कि बहुत सारी संपत्ति वापस आ गईं, आर्थिक विकास में सुधार हुआ और टैक्स कलेक्शन भी सुधरा। ऐसे में अतिरिक्त टैक्स रेवेन्यू के साथ वे इसे स्वीडन में कम समृद्ध व्यक्तियों में रीडिस्ट्रिब्यूट करने में सक्षम थे। इस तरह स्वीडन में औसत नागरिक के लिए विरासत कर या संपत्ति कर का खत्म होना फायदेमंद था। अब भारत में अगर आप इस तरह की अराजकता फैलाते हैं तो आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप कृषि भूमि पर ऐसा नहीं कर सकते हैं।’
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने हाल ही में सुझाव दिया था कि भारत को अमेरिका की तरह ही इनहेरिटेंस टैक्स लागू करने पर विचार करना चाहिए। सेन ने इस बात पर प्रकाश डाला कि धन का वितरण हर अर्थव्यवस्था और समाज में होता है। पिछले दस वर्षों में भारत ने ग्रामीण क्षेत्रों और आबादी के सबसे गरीब तबके की खुशहाली में उल्लेखनीय सुधार देखा है।