आज का युवा किसान खेती को लेकर काफी सजग हो गया है. कई किसान अब खेती के पारंपरिक तरीकों को छोड़कर आधुनिक तरीकों को अपना रहे हैं. इतना ही नहीं इससे बंपर कमाई भी कर रहे हैं. खेती में इनोवेशन की ऐसी ही मिसाल पेश की है असम के धेमाजी जिले के रहने वाले देबोजित चंगमई ने. जो कम जगह पर कई चीजें एक साथ उगा रहे हैं.
मिला बड़ा सम्मान
कम जमीन, कम समय और कम लागत में अच्छी पैदावार करना देबोजित चंगमई का मूल मंत्र है. इसी तरीके पर काम करके न केवल उन्होंने सफलता हासिल की बल्कि उन्हें भारत सरकार का प्रतिष्ठित पंडित दीनदयाल अंत्योदय कृषि पुरस्कार भी मिल चुका है.
3 बीघा जमीन से तगड़ी कमाई का तरीका
चंगमई अपनी तीन बीघा जमीन पर खेती करते हैं. इसी जमीन पर उनका घर भी है. वे 5 ग्रीनहाउस के जरिये तरह-तरह के सब्जियां और फल उगाते हैं. कम जगह में ज्यादा मुनाफ़ा कमाने के लिए उन्होंने सभी चीजों का बहुत ही सोच-समझकर निर्माण किया है. ग्रीनहाउस के जरिये सालभर में अलग-अलग फसल उगाते हैं. ऑफ सीजन में भी तगड़ी कमाई करते हैं.
टमाटरों की खेती के बारे में चंगमई का कहना है कि आम समय में जब अन्य किसान 15 रुपये किलो में टमाटर बेचते हैं उस समय भी वे 40 से 80 रुपये किलो में टमाटर बेचते हैं. जब आमतौर पर कोई फसल की खेती नहीं करता है उस समय वे ग्रीनहाउस की मदद से उन फसलों को उगाते हैं. जिससे उन्हें अधिक लाभ होता है.
वे ग्रीनहाउस में न केवल टमाटर बल्कि, मिर्च, बैंगन, पपीता, नींबू जैसी कई फसलों को तैयार करते हैं. ग्रीन हाउस की सहायता से ऑफ सीजन में भी कई फसलों को उगाया जा सकता है.
किसानों की करते हैं मदद
चंगमई न केवल अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं बल्कि अन्य किसानों की भी मदद करते हैं. वे किसानों को मिर्च, नींबू जैसे पौधे देते हैं. लोगों को खेती के तरीकें और फसलों के लिए खाद, पानी, दवाइयों की जानकारी भी देते हैं. इसके अलावा वे धान के अच्छे किस्म की खेती करते भी तगड़ी कमाई कर रहे हैं.
चंगमई का कहना है कि वे किसानों को उन फसलों को उगाने की सलाह देते हैं, जिनकी ज्यादा डिमांड रहती है. ताकि मुनाफा बढ़ सके.