मौजूदा वक्त में देश के अंदर किसान आंदोलन काे लेकर माहौल गरमाया हुआ है. मुद्दा फसलों की MSP गारंटी कानून की मांग का है. किसानों की इस मांग पर संसद में भी संग्राम हो चुका है. कुल जमा MSP गारंटी कानून की मांग देश की किसान राजनीति के केंद्र में है, लेकिन MSP गारंटी कानून की इस मांग के इतर मूंग को लेकर भी किसान और राजनीति का माहौल गरमाया हुआ है. जिसका मैदान मध्य प्रदेश बना हुआ है. यानी मध्य प्रदेश में मूंग पर महाभारत जारी है. मसलन, राज्य में मूंग खरीद को लेकर किसान सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह राज्यसभा में मूंग खरीद का मुद्दा उठा चुके हैं. आइए जानते हैं कि क्यों मध्य प्रदेश में मूंग खरीद को लेकर सड़क से लेकर ससंद तक संंग्राम छिड़ा हुआ है.
दिग्विजय सिंह ने मूंग महाभारत पर क्या कहा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य ने बीते रोज संसद में मध्य प्रदेश में मूंग खरीद का मुद्दा उठाया. इस दौरान दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में मूंग खरीद के मामले में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि राज्य में मूंग का उत्पादन बढ़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार MSP पर मूंग की खरीदी करती है. इसके लिए किसानों को ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर स्लॉट बुक कराना होता है. इस बार स्लॉट बुकिंग प्रक्रिया जून के आखिरी सप्ताह से शुरू होकर 31 जुलाई तक संचालित होनी थी, लेकिन अधिकांश समय तक पोर्टल का सर्वर डाउन रहा.
उन्होंने कहा कि पोर्टल का सर्वर डाउन होने, तकनीकी खराबी या किसी अन्य वजह से पोर्टल बंद रहा और किसान अपनी फसल बेचने के लिए स्लॉट बुक नहीं करा पाए. दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि इसी बीच राज्य सरकार ने 22 जुलाई को ऑनलाइन स्लॉट बुकिंंग की व्यवस्था को बंद कर दिया. इससे बड़ी संख्या में किसान स्लॉट बुकिंग कराने से वंचित रह गए.
इसी संदर्भ में दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर यादव को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें मूंग खरीद प्रक्रिया में अनियमित्ता का हवाला देते हुए लिखा है कि अभी तक प्रदेश में 20 फीसदी मूंग की खरीदी हुई है और बुकिंग बंद हो गई है. MSP पर मूंग खरीदी ना होने से किसानों को प्रति क्विंटल 2 से 3 हजार रुपये कम में बाजार में बेचना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने अपने पत्र में वेयरहाउस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दोबारा से बुकिंग शुरू करने की मांग की थी.
खरीद, 15 अगस्त तक करने की मांग
मध्य प्रदेश में मूंग खरीद पर जारी राजनीतिक महाभारत के बीच प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है, जिसके तहत मूंग खरीद की अंतिम तारीख को बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने 5 अगस्त तक कर दिया है, लेकिन किसानों ने इस तारीख को भी आगे बढ़ाने की मांग की है. इस संबंध में किसान महापंचायत के मध्य प्रदेश अध्यक्ष राजेश धाकड़ ने कृषि मंत्री को पत्र लिखकर मूंग खरीद की अंतिम तारीख 15 अगस्त करने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने मूंग खरीद के लिए ऑनलाइन स्लाॅट बुकिंंग की तारीख बढ़ाने की मांग भी की है. धाकड़ के अनुसार अभी तक 50 फीसदी किसान स्लॉट बुक नहीं कर पाएं हैं. क्याेंकि किसान धान बुवाई में व्यस्त थे.
क्या मूंग खरीद के लिए वेयरहॉउस में भ्रष्टाचार है
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मूंग खरीद पर सवाल उठाते हुए वेयरहाउस में भ्रष्टाचार व्याप्त होने का आरोप लगाया है. इसकाे लेकर किसान महापंचायत के मध्य प्रदेश अध्यक्ष राजेश धाकड़ कहते हैं कि वेयरहाउस में तुलाई व्यवस्था ठीक नहीं है. किसान अपनी ट्रॉलियों के साथ 5-5 दिनों से मूंग बेचने के लिए लाइन पर लगे हुए हैं. ऊपर से बारिश किसानों की परेशानी बढ़ा रही है. बारिश में मूंग भीगने से उसमें नमी बढ़ रही है. इस कारण किसान, सर्वेयर और वेयरहाउस मालिक के बीच विवाद की स्थिति बन रही है. इन हालातों में जरूरी है कि मूंग तुलाई की व्यवस्था को दुरस्त करते हुए धर्मकांटे में मूंग तुलाई का आदेश जारी किए जाएं.
मूंग खरीद प्रक्रिया पर शुरू से संग्राम
मध्य प्रदेश में मूंग खरीद प्रक्रिया शुरू से ही विवादित रही है. खरीद सीजन शुरू होते ही प्रदेश सरकार ने प्रति हेक्टेयर मूंग खरीद में कटौती का आदेश जारी किया था. जिसके तहत पहले प्रति हेक्टेयर प्रति किसान ने 14 क्विंटल मूंग खरीद का नियम था, जिसमें बदलाव कर प्रति हेक्टेयर 8 क्विंटल मूंग खरीद का आदेश जारी किया गया था. प्रदेश सरकार के इस फैसले को लेकर किसानों में नाराजगी थी, जिसके बाद प्रदेश सरकार ने प्रति हेक्टेयर 12 क्विंटल मूंग खरीद का आदेश जारी किया है.