जमुई जिले के किसानों के लिए खुशखबरी है! भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना लेकर आई है। इस योजना के तहत, किसानों को आधुनिक तकनीकों से दलहन की खेती करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें मुफ्त बीज, खाद और दवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
पहले चरण में अलग-अलग प्रखंडों से 300 किसानों का चयन
इस योजना को लागू करने के लिए भारत सरकार के सहकारिता विभाग ने जमुई के कृषि विज्ञान केंद्र को चुना है। पहले चरण में, जिले के अलग-अलग प्रखंडों से 300 छोटे किसानों को चुना गया है। इन किसानों को आधुनिक तरीके से दलहन की खेती करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।शुरुआत में, किसानों को आधा-आधा एकड़ जमीन में अरहर की खेती करने के लिए मुफ्त बीज दिया जाएगा। इसके बाद, मूंग, मसूर, चना और मटर जैसी दलहनों की खेती के लिए भी किसानों को मुफ्त बीज उपलब्ध कराया जाएगा। पटना स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख ने बतायाा कि इस योजना के माध्यम से चयनित किसानों को आधा-आधा एकड़ जमीन में प्रथम चरण में अरहर की खेती करने के लिए बीज उपलब्ध कराया जाएगा। दूसरे चरण में कई किसानों को चयनित करके उन्हें मूंग,मसूर, चना और मटर की खेती के लिए भी बीज दिया जाएगा।
किसानों अरहर की उन्नत किस्म का बीज
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि किसानों को अरहर की उन्नत किस्म राजेंद्र अरहर-1 का बीज दिया जाएगा। साथ ही, फसल की देखभाल के लिए भी कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से किसानों की मदद की जाएगी। सरकार का लक्ष्य है कि किसान परंपरागत खेती की जगह नकदी फसलों की खेती की ओर आकर्षित हों और अपनी आय में वृद्धि करें।बताया गया है कि परंपरागत खेती अब महंगी होती चली जा रही है, इसलिए किसानों को नकदी फसल की खेती की ओर झुकाव पैदा करने के लिए यह योजना प्रारंभ की गई है।
सहकारिता विभाग की ओर से फसल की खरीदारी
इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि किसानों की उगाई गई दलहन की फसल को राष्ट्रीय सहकारिता विभाग की ओर से खरीदा जाएगा। इससे किसानों को अपनी फसल का सही मूल्य मिलेगा और बिचौलियों का शोषण नहीं होगा। इस योजना के माध्यम से किसानों के आर्थिक की स्थिति में भी काफी सुधार होगा। सरकार द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है किसान अधिक से अधिक नकदी फसल की खेती करें।