भोपाल। मप्र में पिछले कुछ साल से वन्य जीवों के हमले बढ़ गए हैं। दरअसल, वन क्षेत्रों के आसपास बसे गांवों में पहुंचकर हाथी, बाघ, तेंदुओं के हमले बढऩे के बाद सरकार भी सतर्क हो गई है। ऐसे में वन्य जीव के हमले से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आठ लाख रुपये के स्थान पर अब 25 लाख रुपये देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है। वन विभाग मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुसार जंगलों में वन्यप्राणी के हमले में मरने वाले व्यक्तियों को 25 लाख रुपये हर्जाना देने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
इसमें आर्थिक सहायता दो किस्त में दी जाएगी। गौरतलब कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पिछले महीने 10 हाथियों की मौत हो गई थी। इसके बाद हाथियों के हमले से दो युवकों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद सीएम ने सहायता राशि 25 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की थी। वन्यप्राणी के हमले पर व्यक्ति की मृत्यु पर उसके स्वजन को तुरंत 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। शेष 15 लाख रुपये की बैंक में एफडी की जाएगी। इसमें 10 लाख रुपये की एफडी पांच साल बाद और शेष पांच लाख रुपये की एफडी 10 साल बाद तोड़ी जाएगी।
यह राशि मृतक के वारिसों को ब्याज सहित भुगतान की जाएगी। प्रदेश में बाघ तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों के जंगल से बाहर निकलकर नजदीक की बस्ती में पहुंचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मानव-वन्यप्राणी द्वंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले पांच साल में वन्यप्राणियों के हमले में 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं वर्ष 2023-24 से अक्टूबर माह तक वन्यप्राणी के हमले से जनहानि, व्यक्ति के घायल होने और पशु हानि के प्रकरणों में 15 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि पीडि़त परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान की जा चुकी है।
पांच साल में 292 से अधिक लोगों की मौत
मध्य प्रदेश में बाघ-तेंदुआ सहित अन्य मांसाहारी वन्यप्राणियों के जंगल से बाहर निकलकर नजदीक की बस्ती में पहुंचने की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे मानव-वन्यप्राणी द्वंद की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले पांच साल में वन्यप्राणियों के हमले में 292 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं वर्ष 2023-24 से अक्टूबर माह तक वन्यप्राणी के हमले से जनहानि, व्यक्ति के घायल होने और पशु हानि के प्रकरणों में 15 करोड़ तीन लाख रुपये की राशि पीडि़त परिवारों को क्षतिपूर्ति के रूप में भुगतान की जा चुकी है। वन्यप्राणियों के हमले से हर साल करीब 50 से ज्यादा लोगों की जान चली जाती है। अभी वन विभाग के पास इसके लिए 3 करोड़ का बजट रहता है। अब मुआवजा राशि बढऩे पर बजट को करीब 10 करोड़ का किए जाने की तैयारी है।
एक साल में 40 मामले
वर्तमान में वन विभाग के पास एक साल में जनहानि के करीब 40 मामले आते हैं, जिनमें मुआवजा देने के लिए करीब तीन करोड़ रुपयों का बजट रखा जाता है। यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में प्रस्तुत करने की तैयारी है। महाराष्ट्र में इसी तरह वन्यजीव के हमले से मृत्यु पर स्वजन को राशि दी जाती है। बता दें कि मप्र में वर्तमान में जनहानि पर मुआवजा राशि आठ लाख रुपये, उपचार पर हुआ व्यय तथा स्थाई अपंगता पर दो लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं महाराष्ट्र में वन्यप्राणी के हमले से जनहानि पर 25 लाख, छत्तीसगढ़ में छह लाख और उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात में पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा दिया जाता है।