एक जमाना था जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था. भारत के वैभव का एक समृद्ध इतिहास रहा है. यहां कई ऐसे लोग पैदा हुए जिनके रईसी की कीर्ति पूरी दुनिया में विख्यात थी. एक ऐसे ही शख्स हैं उस्मान अली खान, जिनके दौलत की कहानी किसी की कल्पना से कहीं ज़्यादा है. हैदराबाद के आखिरी निज़ाम, मीर उस्मान अली खान की कुल संपत्ति 1910987 करोड़ रुपये ($230 बिलियन) थी. यही कारण है कि उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा भारत के पहले और सबसे अमीर अरबपति का खिताब मिला.मीर उस्मान अली खान के कई ऐसे शौक थे जो उनके रईसी का उद्दाहरण देते हैं. उनके पास 50 रोल्स-रॉयस थीं. वो 1000 करोड़ रुपये के हीरे का पेपरवेट के तौर पर इस्तेमाल करते थे.
अमेरिकी जीडीपी के 2% के बराबर थे पैसे
निज़ाम उस्मान अली को टाइम्स समेत कई प्रसिद्ध पत्र और पत्रिकाएं कवर कर चुकी हैं. माना जाता था कि उनकी संपत्ति उस वक्त अमेरिकी जीडीपी के 2% के बराबर थी. एक समय दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति होने का गौरव उन्हें प्राप्त था. उनकी आय का मुख्य स्रोत गोलकुंडा खानों से आता था, जो उनके दौर में हीरे का एकमात्र आपूर्तिकर्ता था. 1724 से 1948 तक यानी 224 वर्षों तक हैदराबाद पर शासन करने वाले निजामों के इतिहास में उनका नाम आज भी अदब से लिया जाता है. वे अपनी शानदार जीवनशैली और कला के प्रति दीवानगी के लिए प्रसिद्ध थे.
50 रोल्स-रॉयस के मालिक थे मीर-उस्मान
मीर उस्मान अली खान के कई ऐसे शौक थे जो उनके रईसी का उद्दाहरण देते हैं. उनके पास 50 रोल्स-रॉयस थीं. वो 1000 करोड़ रुपये के हीरे का पेपरवेट के तौर पर इस्तेमाल करते थे. इसके अलावा, उनके पास एक निजी एयरलाइन, 400 मिलियन पाउंड के गहनों का एक भंडार था. उनके पास कोह-ए-नूर, होप, दरिया-ए नूर, नूर-उल-ऐन, प्रिंसी, रीजेंट और विटल्सबैक हीरे सहित कई बेहद कीमती हीरे थे.
हालांकि इन के बावजूद मीर उस्मान अपनी अपनी शालीनता के लिए जाने जाते थे. जानकारों की माने तो कुछ लोग उन्हें कंजूस भी कहते थे. वो बिल्कुल सादा कपड़े पहनते थे और माना जाता है कि उनका बेडरूम साल में सिर्फ एक बार ही साफ होता था. इसके अलावा, उन्हें वीकाजी बेकरी में बनने वाले उस्मानिया बिस्किट का ख़ासा शौक था.