उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है, जहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार पहुंच गया है. इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी का असर इंसानों के साथ ही पशुओं पर भी दिख रहा है. धूप की तपिश और लू लगने से पशुओं में तनाव बढ़ जाता है और सुस्ती आ जाती है. इसका सीधा असर दूध की मात्रा पर पड़ता है. दूध की मात्रा में गिरावट आ जाती है और पशुपालकों को नुकसान होने लगता है. मामले में उप्र पशुपालन विभाग निदेशक डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि दूध उत्पादन में कमी को रोकने हेतु सभी पशुपालकों को अपने पशुओं का विशेष ख्याल रखना होगा. उसके लिए सुबह से शाम तक पशुओं को छायादार स्थान पर बांधकर रखना चाहिए, वहीं खेतों में खुला नहीं छोड़े, जिससे वो गर्मी या लू की चपेट में ना आ सकें.
पशुओं की ऐसे करें देखभाल
उन्होंने बताया कि गर्मियों में पशुओं के खान-पान का ख्याल रखना होगा. उनको ज्यादा से ज्यादा हरा चारा देना चाहिए. वहीं सुबह और शाम उनको नहलाना चाहिए. वहीं पशुओं को दिन 4 से 5 बार साफ और ठंडा पानी पिलवाएं. जिससे उनके अंदर सुस्ती ना रहे. डॉ. आरएन सिंह बताते हैं कि अगर पशुपालक यह शिकायत करते हैं कि उनके पशु कम चारा खाते हैं या कम दूध देते हैं. पशुओं में इस तरह के लक्षण तब दिखाई देते हैं जब कीट पशुओं पर चिपक जाते हैं. ये कीट पशुओं का खून चूसते रहते हैं. जिसका सीधा असर दूध उत्पादन पर पड़ता है. इस समस्या निपटने के लिए पशु चिकित्सालय से निशुल्क दवा भी उपलब्ध कराई जाती है. नियमित रूप से दवा ख़िलाने से कीटों का प्रभाव नष्ट हो जाता है.
पशुओं को समय पर लगवाएं टीका
पशु विशेषज्ञों की मानें तो ज्यादा तापमान बढ़ने पर एक बाल्टी पानी में 250 ग्राम चीनी और 20-30 ग्राम नमक का घोल बनाकर पशु को पिलाएं. पशुओं को समय पर टीका लगवाएं और पशु बाड़े में ठंडक बनाने के उपाय करें. ऐसे में पशुओं को लोबिया घास खिलाएं. लोबिया घास में फाइबर, प्रोटीन और औषधीय गुण होते हैं, जो पशुओं में दूध की मात्रा बढ़ाते हैं.
तो फिर ऐसे बढ़ेगी दूध की मात्रा?
पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. आरएन सिंह ने आगे बताया कि दूध बढ़ाने और पशुओं की अच्छी हेल्थ के लिए अजोला घास भी खिला सकते हैं. ये घास पानी में उगाई जाती है. पोषण से भरपूर ये ग्रीन फीड पशुओं के लिए संजीवनी समान है.
रोजाना 200 से 300 ग्राम सरसों का तेल और 250 ग्राम गेहूं का आटा लें. इसका मिश्रण बनाकर रख लें. शाम को जब पशु चारा पानी खा लें तो ये मिश्रण 7-8 दिन तक लगातार पशु को खिलाएं. इसका असर दूध उत्पादन पर 7 दिनों के अंदर दिखने लगेगा.
पशुपालक हो रहा बड़ा नुकसान!
उधर, लखनऊ के बेहटा इलाके के रहने वाले पशुपालक रवि यादव बताते हैं कि जो भैंस रोजाना 10 लीटर दूध देती थी, वो अब सुबह शाम 6-7 लीटर के करीब दूध दे रही है. दरअसल गर्मी के मौसम में पशुओं को दो बार नहलाने के बाद सुस्ती नहीं जाती है. उन्होंने बताया कि गाय-भैंस के लिए तालाब में 2-3 घंटे अगर छोड़ दिया जाए, तो उनको थोड़ी राहत मिलेगी. लेकिन भीषण गर्मी और लू के कारण हम लोग अपने पशुओं को तालाब में नहीं छोड़ रहे हैं. बीते 15 वर्षों से डेयरी चलाने वाले रवि यादव ने आगे बताया कि हर साल गर्मी के मौसम में दूध की मात्रा में गिरावट आ जाती है और हम को नुकसान होने लगता है.