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दुनिया की नंबर वन कंपनी बन गई इफको

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शीर्ष सहकारी संस्था के रूप में इफको देश के सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक विकास में दे रहा है लगातार योगदान

 रासायनिक खाद बनाने वाली भारत की सहकारी संस्था इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोओपरेटिव लिमिटेड यानी इफको तो देश का नाज है ही, इसे दुनिया भर में पहला स्थान मिला है। यह स्थान प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है। इसी अनुपात पर बनायी गई दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी संस्थाओं की सूची में इफको दुनिया की नं. 1 सहकारी संस्था के रूप में सामने आया है।

नई दिल्ली: इंडियन फारमर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) को आप जानते ही होंगे। वही, सहकारी क्षेत्र की रासायनिक खाद बनाने वाली कंपनी। इस कंपनी को पुनः दुनिया की शीर्ष 300 सहकारी संगठनों की सूची में पहला स्थान मिला है। यह रैंकिंग प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (GDP) पर कारोबार के अनुपात पर आधारित है। यह दर्शाता है कि इफको राष्ट्र के सकल घरेलू उत्पाद और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

किसकी सूची में मिला है इफको को पहला स्थान

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक संगठन है, इंटरनेशन कोओपरेटिव एलायंस । यह एक गैर सरकारी कोओपरेटिव संगठन है, जिसकी स्थाना साल 1885 में हुई है। इसी इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (ICA) की 12वीं वार्षिक वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनीटर रिपोर्ट के 2023 संस्करण के अनुसार यह देश के सकल घरेलू उत्पाद एवं आर्थिक विकास में इफको के कारोबारी योगदान को दर्शाया गया है। कुल कारोबार के मामले में इफको पिछले वित्तीय वर्ष के अपने 97वें स्थान के मुकाबले 72वें स्थान पर पहुंच गया है। अपनी 35,500 सदस्य सहकारी समितियों, 25,000 पैक्स और 52,400 प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के साथ इफको ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘आत्मनिर्भर कृषि’ की ओर अग्रसर सहकार से समृद्धि का सशक्त उदाहरण है।
कई वर्षों से है इस स्थान पर

इफको ने पिछले कई वर्षों से अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा है जो इफको और इसके प्रबंधन के सहकारी सिद्धांतों में अटूट भरोसे का प्रमाण है। इसे देश में मजबूत सहकारी आंदोलन के प्रतीक के रूप में भी देखा जा सकता है, जिसे केंद्र द्वारा सहकारिता मंत्रालय के गठन और श्री अमित शाह जी, माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार के कुशल नेतृत्व से गति मिली है। मंत्रालय द्वारा की गई पहल से अनुकूल माहौल बना है और भारत में सहकारिता आंदोलन को फलने-फूलने में मदद मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ध्येय “सहकार से समृद्धि” से प्रेरणा लेते हुए और विभिन्न फसलों पर वर्षों की कड़ी मेहनत, अनुसंधान और प्रयोग की बदौलत इफको ने किसानों के लिए दुनिया का पहला नैनो यूरिया और नैनो डीएपी विकसित किया।

उर्वरकों के अलावा अन्य क्षेत्र में भी

इफको नैनो उर्वरकों के साथ-साथ जैव-उर्वरक, सागरिका जैसे जैव-उत्तेजक और कृषि-रसायन आदि के छिड़काव के लिए सहायक उपकरण और स्पेयर के साथ 2,500 कृषि ड्रोन खरीद रहा है। इफको 5000 से अधिक ग्रामीण उद्यमियों को प्रशिक्षण देगा और 2500 कृषि ड्रोन का वितरण करेगा। साथ ही, इफको ग्रामीण स्तर पर योग्य उद्यमियों की पहचान करने में लगा है जिन्हें “प्रमाणिक चालक” के रूप में ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। ये ड्रोन इन ग्रामीण उद्यमियों के प्रशिक्षण के स्थान और कार्यक्रम के अनुसार उपलब्ध कराये जाएंगे।

क्या है वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनिटर

वर्ल्ड कोआपरेटिव मॉनिटर (WCM) एक परियोजना है, जिसे दुनिया भर में सहकारी समितियों के बारे में मजबूत आर्थिक, संगठनात्मक और सामाजिक आंकड़ा एकत्र करने के लिए बनाया गया है। वैश्विक सहकारी आंदोलन पर वार्षिक मात्रात्मक आंकड़े एकत्रित करने वाली यह अपनी तरह की एकमात्र रिपोर्ट है। उल्लेखनीय है कि इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस (ICA) दुनिया भर में सहकारी समितियों की आवाज है। आईसीए विधायी वातावरण बनाने के लिए वैश्विक और क्षेत्रीय सरकारों और संगठनों के साथ काम करता है जो सहकारी समितियों को बनाने और विकसित करने की अनुमति देता है। इंटरनेशनल कोआपरेटिव एलायंस एक गैर-लाभकारी अंतरराष्ट्रीय संघ है जिसकी स्थापना 1895 में सहकारी सामाजिक उद्यम मॉडल को आगे बढ़ाने के लिए की गई थी।

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