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इस तरह करें नकली और मिलावटी खाद और उर्वरक की पहचान

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फसलों के उत्पादन में खाद और उर्वरक का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जिसमें यूरिया और डीएपी दोनों ऐसे रासायनिक उर्वरक हैं जिनका इस्तेमाल लगभग सभी फसलों में किया जाता है। कई बार किसानों को दुकानदारों के द्वारा नकली या मिलावटी उर्वरक दे दिए जाते हैं जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में सभी किसानों को असली और नकली उर्वरकों की पहचान करना आना चाहिए। किसान खुद आसान तरीके अपनाकर असली उर्वरकों की पहचान कर सकते हैं।

असली यूरिया की पहचान कैसे करें?

किसान ज्यादा उत्पादन लेने के लिए फसल में किसी उर्वरक का सबसे अधिक इस्तेमाल करते हैं तो वो यूरिया है। इसकी कीमत सबसे कम होना बड़ी वजह है। यूरिया के दाने सफेद चमकदार और आकार में गोल होते हैं। ये पानी में घुलनशील होता है तथा घोल को छूने पर ठण्डा महसूस होता है। यूरिया हथेली पर रखकर और मुट्ठी बंद कर फूंक मारने से हल्का गीला हो जाता है। खुले में रखने पर यह वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है तथा गरम तवे पर डालने से यह पिघल जाता है। तेज आंच करने पर इससे अमोनिया की तीक्ष्ण गंध आती है। यूरिया को तवे पर गर्म करने से इसके दाने पिघल जाते है यदि हम आंच तेज कर दें और इसका कोई अवशेष न बचे तो समझ लें यही असली यूरिया है।

डीएपी की पहचान कैसे करें?

डीएपी कठोर दानेदार, भूरा, काला या बादामी रंग का होता है। नाखूनों से तोड़ने पर यह आसानी से नहीं टूटता है। यूरिया की तरह डीएपी भी मुट्ठी में भरकर फूंक मारने पर हल्का गीला हो जाता है। इसके दानों में चूना मिलाकर हाथ से रगड़ने पर तीक्ष्ण गंध आती है। यदि हम डी.ए.पी. के कुछ दाने धीमी आंच पर तवे पर गर्म करें और इसके दाने फूल जाएं तो किसान समझ लें की यही असली डी.ए.पी. है।

सुपर फास्फेट

डीएपी के विपरीत सुपर फास्फेट नरम दानेदार तथा भूरा, काला या बादामी रंग का होता है। नाखूनों से तोड़ने पर यह टूट जाता है। सुपर फास्फेट के दाने गरम करने पर यथावत बने रहते हैं, डीएपी की तरह फूलते नहीं हैं। सुपर फास्फेट भूरे मटमैले रंग के पाउडर में भी होता है। पाउडर को खुले में रखने पर वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है। इसके कुछ दानों को गर्म करें यदि ये नहीं फूलते है तो समझ लें यही असली सुपर फास्फेट है ध्यान रखें कि गर्म करने पर डी.ए.पी. व अन्य काम्प्लेक्स के दाने फूल जाते है जबकि सुपर फास्फेट के नहीं इस प्रकार इसकी मिलावट की पहचान आसानी से की जा सकती है।

म्यूरेट ऑफ पोटाश

म्यूरेट ऑफ पोटाश पिसे नमक की तरह सफेद, लाल रंग की ईंट के पावडर अथवा सफेद नमक और लाल मिर्च के पावडर के मिश्रण जैसा होता है। गीला करने पर इसके कण आपस में चिपकते नहीं है। पानी में घोलने पर पोटाश का लाल भाग ऊपर तैरने लगता है। इसके कण लाई की तरह फूलकर बड़े हो जाते हैं। यह भी खुले में रखने पर वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है।

एनपीके

यह सख्त दाने दार, भूरा काला बादामी रंगों से युक्त तथा नाखूनों से आसानी से न टूटने वाला उर्वरक है। यह चूर्ण के रूप में भी उपलब्ध होता है। इस दानेदार उर्वरक की मिलावट बहुधा डी.ए.पी. व एन.पी.के. मिक्चर उर्वरकों के साथ किए जाने की सम्भावना बनी रहती है। तवे पर धीमी आंच में गरम करने से एनपीके के दाने लाई की तरह फूलकर बड़े हो जाते हैं। खुले में रखने पर यह वातावरण की नमी अवशोषित कर गीला हो जाता है।

जिंक सल्फेट

किसान भाई जिंक सल्फेट की असली पहचान ये है कि इसके दाने हल्के सफेद पीले तथा भूरे बारीक कण के आकार के होते है। किसान भाई जिंक सल्फेट में प्रमुख रूप से मैगनीशियम सल्फेट की मिलावट की जाती है। भौतिक रूप से सामान्य होने के कारण इसके असली व नकली की पहचान करना कठिन होता है। डी.ए.पी. के घोल मे जिंक सल्फेट का घोल मिलाने पर थक्केदार घना अवशेष बनाया जाता है। जबकि डी.ए.पी. के घोल में मैगनीशियम सल्फेट का घोल मिलाने पर ऐसा नही होता है।

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