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अफगान को टक्कर देगा हिंदुस्तानी मसाला,4 साल पहले बोया बीज, अब आई फसल

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किचेन में तड़का लगाने के काम आने वाली जिस बेशकीमती और खास मसाले के उत्पादन से ईरान और अफगानिस्तान अब तक दुनियाभर में अपना दबदबा बनाए हुए थे, उनकी यह बादशाहत खत्म होने वाली है. वह दिन दूर नहीं जब इस मसाले के उत्पादन में भारत आत्मनिर्भर होगा और दुनिया हिमाचल प्रदेश के इस प्रोडक्ट का स्वाद चखेगी.

अनूठे स्वाद और महक की वजह से खाने को स्वादिष्ट बना देने वाला मसाले हींग के सबसे बड़े उत्पादक ईरान और अफगानिस्तान माने जाते हैं. भारत भी इन्हीं देशों से हर साल लगभग 900 करोड़ रुपए की हींग का आयात करता है. लेकिन अब हींग उत्पादन में आत्मनिर्भर होने का समय आ गया है. जल्द ही भारत समेत दुनियाभर के किचेन में हिमाचल में पैदा होने वाली हींग का तड़का लगाया जा सकेगा. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में हींग उगाने का ट्रायल सफल हुआ है. देश में पहली बार हींग के पौधे उगाए गए हैं. हिमाचल के कुल्लू, मंडी, चंबा और जनजातीय जिले किन्नौर व लाहौल स्पीति में बोए गए हींग के बीज अब पौधे बन चुके हैं. आने वाले वर्षों में हींग को लेकर भारत को अफगानिस्तान और ईरान पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

हिमाचल में हींग उत्पादन को लेकर लोकल18 ने पालमपुर स्थित सीएसआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायो रिसोर्स टेक्नोलॉजी (CSIR-IHBT) के वैज्ञानिक डॉक्टर रमेश चौहान से बात की. डॉ. चौहान बताते हैं कि हींग के पौधे के लिए हिमाचल के ऊंचाई वाले क्षेत्र उपयुक्त हैं. हींग को ढलानदार इलाकों में उगाया जा सकता है. इसके लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती. इस वर्ष लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, मंडी और चंबा में हींग के करीब 14 हजार पौधे बांटे गए हैं.

हिमाचल करेगा हींग की आपूर्ति
सीएसआईआर-आईएचबीटी और कृषि विभाग ने करीब 4 साल पहले साल 2020 में किसानों को हींग के बीज बांटे थे. डॉ. रमेश चौहान ने बताया कि हींग के बीज ईरान और अफगानिस्तान से मंगवाए गए थे. उसी साल हींग के करीब 300 बीज रोपे गए. हालांकि उस समय किसानों को हींग उत्पादन की जानकारी नहीं थी. सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने उन्हें इसकी ट्रेनिंग दी. सालभर के भीतर लगभग एक तिहाई बीज कामयाब हो गए थे. यही बीज अब अंकुरित होकर पौधों का रूप ले चुके हैं. बीजों से अंकुरित पौधों से लाहौल के मडग्रां और क्वारिंग में हींग का उत्पादन शुरू हो गया है. आगामी वर्षों में हिमाचल प्रदेश देश-दुनिया में हींग की आपूर्ति करेगा.

30 से 40 हजार रुपए किलो है दाम
ट्रायल के दौरान हींग उगाने वाले किसान ने लोकल18 को बताया कि हींग का पौधा करीब 4 से 5 सालों में तैयार होता है. एक पौधे में 10 ग्राम के आसपास हींग तैयार होती है. बाजार में हींग का दाम करीब 30 से 40 हजार रुपए प्रति किलो है. भारत में केवल हिमाचल में ही हींग की खेती हो रही है. कुछ वर्षों में हिमाचल में हींग का उत्पादन शुरू होने से भारत को बाहरी देशों पर इसके आयात के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा.

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