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कृषि शिक्षा से रोजगार के सुनहरे अवसर:आवेदन की अंतिम तिथि 7 मई, 2024

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कृषि शिक्षा ग्रामीण युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण रोजगार स्रोत है और इसमें कई संभावनाएं हैं. अगर आप गांव के लिए कुछ करना चाहते हैं और खेती, पशुपालन समेत अन्य कृषि संबंधित क्षेत्रों में रुचि रखते हैं तो कृषि शिक्षा आपके लिए उत्कृष्ट अवसर प्रदान कर सकती है. इसके साथ ही यह आपको उच्च शिक्षा, अनुसंधान और नौकरी के क्षेत्र में विभिन्न भूमिकाएं भी स्थापित कर सकती है.

मानव जीवन के प्रारंभ से ही कृषि का क्षेत्र अहम रहा है, क्योंकि कृषि उत्पादन से ही हमें भोजन की प्राप्ति होती है. अगर हम कृषि में प्रगति की बात करें तो पिछले 60-70 वर्षों में कृषि के क्षेत्र में आशादायक प्रगति हुई है. इसके फलस्वरूप बढ़ा कृषि उत्पादन न केवल देश की 140 करोड़ जनसंख्या का पेट भरने के लिए पर्याप्त है, बल्कि अन्य देशों को निर्यात भी कर रहे हैं. आज हमारा देश बहुत से कृषि उत्पादों के उत्पादन में दुनिया के प्रथम स्थान पर है. अब जरूरत है कि कृषि उत्पादन बढ़ाने के साथ ही उत्पादों की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाए, जिससे कि मानव स्वास्थ्य बेहतर हो और साथ ही पर्यावरण भी सुरक्षित हो सके. आज के परिवेश में दूसरी सबसे अधिक जरूरत है कृषि में उद्यम स्थापना की, जिससे कि ग्रामीण युवा बेरोजगारों को अपने गांव में ही आय और रोजगार के साधन मिल सकें. ग्रामीण महिलाओं के लिए भी कृषि विश्वविद्यालयों से शिक्षा लेना एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि वे शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करके कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करके न केवल अपना भविष्य उज्जवल कर सकती हैं, बल्कि समाज को भी लाभ पहुंचा सकती हैं.

कृषि की पढ़ाई में रूचि वाले छात्र जल्दी करें आवेदन

कई दशकों में कृषि का क्षेत्र विभिन्न कारणों से उपेक्षित रहा है. कृषि कार्य में लगे लोगों को सम्मान नहीं मिला, परन्तु पिछले दशक से कृषि में उद्यमिता स्थापित करने का प्रचलन बढ़ा है. इस क्षेत्र में न केवल कृषि के छात्र बल्कि बड़ी निजी कंपनियाँ और स्टार्टअप भी आ रहे हैं. देश के विकास में कृषि शिक्षा और अनुसंधान में बढ़ती संभावनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलसचिव प्रो. रामजी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में छात्रों की अच्छी शिक्षा, अनुसंधान व दक्षता के राष्ट्रीय राज्य स्तर पर पांच कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं. जिनमें प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है. उन्होंने कहा कि राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में छात्रों का प्रवेश प्रदेश स्तरीय संयुक्त प्रवेश परीक्षा (यूपी कैटेट) के माध्यम से होता है. इस साल यूपी कैटेट 2024 प्रवेश परीक्षा का आयोजन कृषि विश्वविद्यालय मेरठ द्वारा ही किया जा रहा है, जिसमें आवेदन 17 मार्च 2024 से ही प्राप्त किये जा रहे हैं और आवेदन की अंतिम तिथि 7 मई, 2024 है.ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता का अभाव

प्रो. रामजी सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता के अभाव में ज्यादातर छात्र इस परीक्षा को देने से वंचित रह जाते हैं, जिससे कि आगे चल कर उनके भविष्य पर इसका विपरीत प्रभाव होता है. विशेषकर अगर पूर्वांचल क्षेत्र की बात करें तो इस क्षेत्र में छात्रों एवं अभिभावकों में कृषि शिक्षा की जागरूकता और भी कम है. इंटरमीडिएट विज्ञान या कृषि में उत्तीर्ण छात्र बीएससी (कृषि) या अन्य समकक्ष पाठ्यक्रम जैसे बागवानी, वानिकी, कृषि अभियंत्रण, खाद्य व दुग्ध प्रौद्योगिकी, पशु चिकित्सा विज्ञान, गृह (सामुदायिक) विज्ञान, मत्स्य विज्ञान और गन्ना प्रौद्योगिकी में प्रवेश ले सकते हैं. इसके अतिरिक्त, एमएससी (कृषि) और पीएचडी में भी प्रवेश लिया जा सकता है.

कृषि क्षेत्र में रोजगार की अधिक संभावनाएं 

कृषि विज्ञान केंद्र, कोटवा, आजमगढ़ में कार्यरत कृषि वैज्ञानिक डॉ. रुद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में कृषि शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा दिए जाने हेतु वर्तमान में कुल 05 राज्य कृषि विश्वविद्यालय संचालित हैं. इन विश्वविद्यालयों में शिक्षा और अनुसंधान का स्तर अन्य महाविद्यालयों से बेहतर होता है, और साथ ही छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जानकारी और अच्छा शैक्षणिक माहौल भी मिलता है. अगर कृषि के क्षेत्र में नौकरी की बात करें तो आज भी कृषि के क्षेत्र में अन्य क्षेत्रों की तुलना में अपार संभावनाएं हैं. परंतु इसके लिए शिक्षा संस्थान जहां से शिक्षा ली गई है बेहद महत्वपूर्ण है. श्री दुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंदेश्वर, आजमगढ़ के सहायक प्राध्यापक डॉ. सर्वेश कुमार ने बताया कि स्थानीय विद्यालयों और महाविद्यालयों से उत्तीर्ण छात्र-छात्राएँ भी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्राप्त कर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.

कृषि पढ़ाई से रोजगार के सुनहरे अवसर

कृषि विभाग आजमगढ़ में वरिष्ठ प्राविधिक सहायक के पद पर कार्यरत डॉ. मुलायम यादव ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालयों में बीएससी (कृषि), एमएससी (कृषि) और पीएचडी करके प्रशासनिक पदों के साथ ही कृषि और अन्य संबंधित विभागों में अधिकारी और कर्मचारी के रूप में चयनित हो सकते हैं. साथ ही, उच्च शिक्षा प्राप्त करके विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में वैज्ञानिक, महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक आदि पदों पर भी चयनित हो सकते हैं. इसके अतिरिक्त, बैंकों, अर्ध-सरकारी कंपनियों और निजी कंपनियों में भी कृषि के छात्रों को अच्छी नौकरियां मिलती हैं. आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या की शोध छात्रा रुपाली सिंह ने बताया कि ग्रामीण छात्राओं के लिए भी कृषि विश्वविद्यालयों से शिक्षा ग्रहण करना एक बेहतर विकल्प है. यहाँ से शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त करके ग्रामीण युवा कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यम स्थापित करके न केवल अपना भविष्य उज्जवल कर सकते हैं, बल्कि अन्य लोगों को आय और रोजगार के साधन मुहैया करा सकते हैं.

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