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नीलगाय के आतंक से परेशान किसान इस देसी उपाय को अपनाये अचूक तरीका

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रबी सीजन की प्रमुख फसलें गेहूं, मक्का, चना, मटर, सरसों और आलू खेतों में बोई जा चुकी है. कई फसलें अब बड़ी होने लगी है. लेकिन इस बीच किसान को खेतों में अपनी खड़ी फसलों को लेकर चिंता में है, क्योंकि नीलगाय और जंगली जानवर फसल को खा जा रहे हैं और कुचल कर बर्बाद कर रहे हैं. इससे किसानों के हजारों रुपये की लागत और कड़ी मेहनत से तैयार होती फसल बर्बाद हो रही है. इनसे बचने के लिए किसान अपने खेतों में कई उपाय भी करते हैं. ऐसा ही एक देसी उपाय है जिससे फसलों को एक साथ तीन फायदे होंगे. आइए जानते हैं क्या हैं ये टिप्स.

चूल्हे का राख है अचूक उपाय

सर्दियों के मौसम में खेतों में गेहूं, चना, मटर, मक्का सहित अन्य सब्जियों की खेती काफी ज्यादा होती है. ऐसे में हर किसान को जानवरों से फसल बचाने के लिए मुफ्त के कुछ उपाय करने चाहिए. इस उपाय में चूल्हे की राख किसानों के बहुत काम आ सकती है. दरअसल, इस समय किसान ठंड से बचने के लिए अपने घर में आग जलाते हैं और कुछ लोगों के घर में तो खाना भी चूल्हे पर बनता है, जहां से लकड़ी जलने के बाद राख मिल जाती है. उस राख को अच्छे से ठंडा करके उसे गेहूं चना मटर मक्का और सब्जियो की फसल में छिड़क दें.

राख के एक नहीं तीन फायदे

राख का स्वाद नीलगाय को पसंद नहीं आता, इससे वह एक पत्ती मुंह में डालने के बाद वापस खेत से लौट जाती है और दोबारा उसे खेत में नहीं आती है. राख डालने से सिर्फ नीलगाय खेत से दूर ही नहीं रहेंगी, बल्कि फसल की भी अच्छी पैदावार होगी. मतलब साफ शब्दों में कहें तो एक पंत दो काज यानी राख को फसल पर डालने से  जानवर उसे नहीं खाएंगे, इसके अलावा फसलों पर पाला भी नहीं पड़ेगा. साथ ही राख खाद और कीटनाशक का भी काम करती है.

ये उपाय भी हैं काफी कारगर

नीलगाय के आतंक से बचने के लिए किसान घरेलू और आसान टिप्स को अपना सकते हैं. इसके लिए किसानों को अपनी फसलों पर चार किलो मट्ठे में छिला हुआ प्याज, बालू के साथ मिलाकर अपनी फसलों पर छिड़काव करें. इस घोल के गंध से नीलगाय आपके खेतों के आसपास भी नहीं आएगी. इसके अलावा आप अपने खेतों के मेंड पर करौंदा, तुलसी, मेथा या फिर लेमन ग्रास का पौधा लगा सकते हैं. इन पौधों के सुगंध से नीलगाय आपके खेतों में नहीं घुसेंगी. साथ ही नीलगाय से बचने के लिए आप नीम और तंबाकू की पत्तियों का घोल बना कर भी अपने खेतों में छिड़काव कर सकते हैं. इन सभी उपायों से आप अपनी फसलों को नीलगाय के आतंक से बचा सकते हैं.

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