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औषधीय मेंथा से बंपर कमाई , तेल निकालने के लिए घर में लगाएं प्लांट

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आज बदलते समय के साथ लोग खेती में नए-नए प्रयोग के जरिए बेहतर कमाई कर रहे हैं. इसमें औषधीय पौधों की खेती भी किसानों के लिए बेहतर कमाई का रास्ता बन रही है. देशभर में किसानों के बीच हर्बल पौधों की खेती की चलन बढ़ी है. बढ़िया मुनाफे के चलते छोटे से लेकर बड़े किसान तक इन पौधों की खेती का रुख कर रहे हैं. ऐसे में किसान मेंथा की खेती या उसके प्लांट को घर में लगा कर तेल निकाल सकते हैं क्योंकि मेंथा के तेल की डिमांड मार्केट बहुत ज्यादा है. हर्बल प्रोडक्ट्स में बढ़ते इसके उपयोग से किसानों को अच्छा मुनाफा मिलने लगा है. ऐसे में आइए जानते हैं कैसे घर में लगा सकते हैं मेंथा का प्लांट.

घर में लगाएं मेंथा का प्लांट

घर में मेंथा का प्लांट लगाने पर कम रखरखाव की आवश्यकता होती है. इसे आप आसानी से घर में लगा सकते हैं. बात करें इसकी खेती की तो मेंथा का पौधा अच्छी जल निकास वाली मिट्टी और छाया में अच्छी तरह पनपता है. वहीं पौधा जब बड़ा हो जाता है तो उसमें नाइट्रोजन डालना चाहिए. आप चाहें तो इसकी पहली कटाई 70 से 80 दिनों में कर सकते हैं और कटाई के बाद पौधे को 3 से 4 घटों के लिए खुली धूप में रखना चाहिए. इसके बाद औषधीय गुणों से भरपूर मेंथा का तेल निकाल सकते हैं.

इसके प्लांट के लिए एक भट्टी और एक टैंक की जरूरत होती है जिसे आप अपने घर में लगा सकते हैं. दरअसल टंकी में पानी भरते हैं और उसमें मेंथा का पौधा डालते हैं. भट्टी की आंच से पानी गरम होता है और भाप बनती है. जब भाप निकलती है तो वह अपने साथ मेंथा के तेल को लेकर ऊपर की ओर उठती है. फिर उसी भाप को एक पात्र में भेजा जाता है. उस पात्र में भाप ठंडा होकर पानी में तब्दील होती है. उस पानी की ऊपरी सतह पर तेल इकट्ठा होता है जिसे बाद में छान लिया जाता है. फिर यही तेल बाजार में बिकने के लिए तैयार होता है. 

मेंथा से बनते हैं ये प्रोडक्ट्स

मेंथा को किसानों के बीच मिंट नाम से भी जाना जाता है. दवाइयों के साथ-साथ इसके तेल का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स, टूथपेस्ट और कैंडी भी किया जाता है. इस वक्त भारत मेंथा तेल का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जिसके तेल का इस्तेमाल सुगंधित इत्र और महंगी दवाइयां बनाने में होता है. कम समय में ही किसान इस फसल की खेती कर मालामाल हो सकते हैं.  

कब होती है मेंथा की बुवाई

मेंथा की बुवाई के लिए अप्रैल से जून तक का महीना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना जाता है. मेंथा की फसल को पानी की बेहद जरूरत पड़ती है. अगस्त महीने में इसकी फसल की कटाई की जा सकती है. फसल को धूप में सुखाने के बाद प्रोसेसिंग के द्वारा इससे तेल निकाला जाता है. करीब एक हेक्टेयर जमीन पर मेंथा की खेती करने पर 100 लीटर तक तेल का उत्पादन हासिल किया जा सकता है. मेंथा का तेल का रेट अभी 1000 से 1500 रुपये किलो है. अगर आप 100 किलो तेल का उत्पादन करते हैं तो आप तकरीबन डेढ़ लाख तक की कमाई कर सकते हैं. 

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