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इलाचयी की करें खेती, होगा अधिक मुनाफा

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इलायची की खुशबू बहुत अच्छी होने के साथ ही इसे खाने के कई फायदे भी है। इलायची का इस्तेमाल चाय से लेकर मिठाइयां बनाने में खूशबू के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। वहीं पान के स्वाद को बढ़ाने में भी इलाचयी का उपयोग किया जाता है। इस तरह देखा जाए तो अनेक खाने पीने की चीजों में इलायची का इस्तेमाल होता है। इसकी बाजार मांग को देखते हुए इसकी खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी है। खास बात यह है कि बाजार में इलायची की कीमत 3000 रुपए किलोग्राम है। ऐसे में कम जगह पर इलायची की खेती करके भी अच्छा लाभ लिया जा सकता है। हालांकि इलायची की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है। इसका पौधा आधिक गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाता है। इसलिए इसकी खेती अधिकांशत: ठंडे इलाकों में की जाती है। हमारे देश में इलायची की खेती केरल, कर्नाटक ओर तमिलनाडु में की जाती है।

इलायची की खेती कब करें

भारत में इलायची की खेती का उचित समय मार्च से जून तक का माना जाता है। लेकिन जुलाई माह में इसे खेत में लगाना ज्यादा उचित रहता है। इस समय बारिश होने से इसमें सिंचाई की आवश्यकता कम पड़ती है। इलायची के पौधे को हमेशा छाया में ही लगाना चाहिए। अधिक धूप इसकी फसल के लिए नुकसानदेह होती है।

कैसे की जाती है इलाचयी की खेती/इलाचयी की खेती का तरीका

बारिश से पहले इलायची की खेती के लिए नर्सरी तैयार की जाती है। इसकी नर्सरी तैयार करने के लिए एक किलोग्राम बीज पर्याप्त होते हैं। नर्सरी में जब इसके पौधे एक फीट तक बड़े हो जाए तब इसे खेत में लगाना चाहिए। इसके पौधे की खेत में रोपाई का सबसे उपयुक्त समय बरसात का होता है। आप बरसात के मौसम में इसे लगा सकते हैं। इसके बाद करीब दो साल बाद इसका पौधा फल देना शुरू कर देता है। इसके पौधे में फल लगने के बाद 15 से 25 दिन के अंतराल में इसकी तुड़ाई की जाती है। इसके फलों की तुड़ाई करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जब इसका फल पूरी तरह से पक जाए तब ही इसकी तुड़ाई करें।

इलाचयी का हरा रंग बरकरार रखने के लिए यह करें उपाय

हरी इलायची ताजा रहे और इसका रंग भी बरकरार रहे तो इसके लिए इलायची की कटाई के बाद इसे दो प्रतिशत वाशिंग सोडा के घोल में 10 मिनट तक भिगोया जाता है। इसे बाद इसे सुखाया जाता है। आमतौर पर इसे बिजली के ड्रायर में या फिर धूप में सुखाया जाता है। इसे 14 से 18 घंटे तक सुखने के लिए छोड़ा जाता है ताकि यह अच्छी तरह से सूख जाए।

इलायची को बाजार में ले जाने से पहले करें ये काम

जब इलायची अच्छी तरह से सूख जाए तो इसे हाथ या तार की जाली से रगड़ा जाता है। इसके बाद इसकी आकार या रंग के अनुसार छांटाई की जाती है। इसके बाद इसे बाजार में बचने के लिए ले जाया जाता है। 

क्या है बाजार में इलायची का भाव

इलायची की कीमत क्वालिटी और पैकिंग के आधार पर तय की जाती है। बाजार में हरी इलायची कीमत 1000 रुपए से शुरू होकर 6,000 रुपए तक है। यदि आप बाजार से इलायची खरीदते हैं तो इसकी औसत कीमत 3000 रुपए है। यदि आप 50-100 ग्राम पैकिंग वाली सबसे अच्छी क्वालिटी की इलायची खरीदते हैं तो उसकी कीमत 5 से 6 हजार रुपए तक होती है।

इलायची की खेती से कितना हो सकता है मुनाफा

यदि आप एक हैक्टेयर में इसकी खेती करते हैं तो इसकी 135 से लेकर 150 किलोग्राम तक उपज प्राप्त की जा सकती है। यदि आप इसे 1100 से लेकर 2000 रुपए किलोग्राम के भाव से भी बाजार में बेचते है तो भी इससे आपको 3 लाख रुपए की कमाई आसानी से हो सकती है।

इलायची के सेवन से होने वाले लाभ/ इलाचयी के फायदे

इलायची में कई प्रकार के पोषक तत्व पाएं जाते हैं जिसके कारण इसका उपयोग निरंतर बढ़ता जा रहा है। इसमें कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, पोटैशियम, डाइटरी फाइबर, मैग्नीशियम, फास्फोरस व आयरन पाया जाता है। इसका प्रयोग पाचन संबंधी समस्याओं के लिए किया जाता है। इसके सेवन से भूख बढ़ती है। मुंह में बदबू आना व उल्टी आने पर इसका उपयोग काफी लाभकारी होता है। इसके अलावा इसका प्रयोग अस्थमा, ब्लड प्रेशर, दांत दर्द, सर्दी-जुकाम आदि में भी राहत पहुंचाने वाला माना गया है। लेकिन इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही किया जाना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से कई तरह के नुकसान भी हो सकते हैं। 

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