तेलंगाना के किसानों के लिए खुशखबरी है. कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार किसानों के 2 लाख रुपये के फसल ऋण माफी के लिए 9 दिसंबर की अंतिम तारीख तय कर सकती है. हालांकि मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी अपने मंत्रिपरिषद के साथ 4 जून को चुनाव आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के बाद अंतिम निर्णय लेंगे. सीएमओ सूत्रों का कहना है कि विचार विमर्श के बाद 9 दिसंबर को कट-ऑफ तारीख तय करने का प्रस्ताव रखा गया है. इसका मतलब यह होगा कि जिन किसानों ने 9 दिसंबर, 2023 से पहले लोन लिया था, उनका फसल ऋण माफ हो जाएगा.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि 9 दिसंबर, 2023 के बाद प्राप्त ऋण को माफी योजना के तहत नहीं लाया जा सकता है. सरकार ने अनुमान लगाया है कि इस योजना को एक बार में लागू करने के लिए उसे 32,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता हो सकती है. कांग्रेस ने 7 दिसंबर, 2023 को सरकार बनाई और 9 दिसंबर से, जो कि सोनिया गांधी का जन्मदिन है, अपनी छह में से दो गारंटी को लागू करना शुरू कर दिया. यह तारीख इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अलग तेलंगाना राज्य के गठन की औपचारिक घोषणा 2009 में भारत सरकार की ओर से तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने इसी दिन की थी.
क्या है सरकार की तैयारी
हालांकि, प्राप्त ऋण की शुरुआती अवधि की कट-ऑफ तारीख अभी तय नहीं की गई है, हालांकि सीएमओ में चर्चा है कि सरकार 1 अप्रैल, 2019 से ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को राहत देने की योजना बना रही है. सीएमओ के एक सूत्र ने कहा कि यदि ब्याज सहित ऋण राशि 2 लाख रुपये से अधिक है, तो सरकार वादे के अनुसार 2 लाख रुपये माफ करने का इरादा रखती है और शेष बकाया का भुगतान किसानों को करना होगा.
15 अगस्त तक माफ कर देंगे फसल ऋण
बीआरएस सरकार ने किसानों के 1 लाख रुपये तक के फसल ऋण माफ करने का वादा किया था, लेकिन इसके कार्यान्वयन में देरी हुई. हालांकि पिछली सरकार छोटे और मध्यम किसानों का कर्ज माफ कर सकती थी, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव संहिता लागू होने के कारण बड़ी संख्या में किसानों को कर्ज माफ नहीं किया जा सका. हाल के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान, सीएम रेवंत रेड्डी ने राज्य के 17 संसदीय क्षेत्रों में लगभग हर लोकप्रिय देवता के नाम पर शपथ ली थी कि वह 15 अगस्त तक फसल ऋण माफ कर देंगे.