आज हम आपको गुजरात के बनासकांठा जिले के रहने वाले भावेश पुरोहित की कहानी के बारे में बताएंगें. भावेश पुरोहित ने ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी पहल की. उन्होंने धेनु प्रसाद नाम की एक कंपनी एक शुरू की, जो आज 70 लाख रुपये सालाना कमाई कर रही है. आइए जानते हैं भावेश पुरोहित के सफर के बारे में.
भावेश पुरोहित की शिक्षा
भावेश पुरोहित की शिक्षा की बात करें तो भावेश ने बायोटेक्नोलॉजी में डिग्री ले रखी है. दरअसल, भावेश अपने पिता से प्रेरित से. भावेश के पिता एक गौशाला के जरिए बेसहारा गायों को बचाते थे. ऐसे में भावेश ने अपने कॉलेज के दौरान अपने पिता को गायों को बचाते हुए देखा. इसी से भावेश प्रेरित हुए और साल 2017 में धेनु प्रसाद नाम की कंपनी खोली
.ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए खोली कंपनी
भावेश की धेनु प्रसाद कंपनी ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक अनोखी पहल है. यह कंपनी गोमूत्र से प्राकृतिक खाद बनाती है. इस कंपनी का उद्देश्य केमिकल कीटनाशकों की जगह गोमूत्र से बनी प्राकृतिक खादों को बढ़ावा देना है. भावेश को कंपनी खोलने का आइडिया गायों को देखने से गया. भावेश ने देखा कि बहुत सारी गायों को यूं ही छोड़ दिया जाता है. भावेश चाहते थे कि ये गाय किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद हों. ऐसे में भावेश के दिमाग में गोमूत्र को 100% प्राकृतिक खाद में बदलने का विचार आया.
तीन साल की रिसर्च के बाद भावेश के स्टार्टअप ने गोमूत्र खाद लॉन्च की. शुरुआत में भावेश ने अपने पिता की गौशाला से सिर्फ 50 लीटर गोमूत्र जुटाया लेकिन कोई भी किसान जैविक खेती के बारे में ज्यादा नहीं जानते था. ऐसे में किसान इसे आजमाने को तैयार नहीं थे. भावेश ने किसानों को गोमूत्र खाद के फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया, जिसके बाद भावेश को काफी सफलता मिली.
आज धेनु प्रसाद कंपनी हर महीने 45,000 लीटर गोमूत्र को प्रोसेस करती है. साथ में प्राकृतिक कीटनाशक और धनभूमि (मृदा कंडीशनर) जैसे उत्पाद भी पेश करती है. आज के समय में धेनु प्रसाद कंपनी का राजस्व 70 लाख रुपये है.