Home विविध 10 देशभक्ति के नारे जिन्होंने दिलों में जला दी आजादी की आग

10 देशभक्ति के नारे जिन्होंने दिलों में जला दी आजादी की आग

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 भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 को मनाया जा रहा है। इंडिपेंडेंस डे… वो दिन जो हमें हमारी आजादी की कीमत का एहसास करता है। खासकर अगर आप अमर शहीदों के नारे सुन लें, आपके दिल में भी आजादी की आग भड़क उठेगी। अगर इनमें से कुछ स्वतंत्रता दिवस के नारे आपने अपनी 15 अगस्त की स्पीच में शामिल कर लिए, तो समझो काम बन गया। क्योंकि इनके बिना स्वतंत्रता दिवस का भाषण अधूरा सा लगेगा।

चंद्र शेखर आजाद का नारा

अंग्रेजों उन्हें जिंदा पकड़ न सकें, इसके लिए खुद को गोली मारकर शहीद हो जाने वाले शूरवीर चंद्र शेखर आजाद ने कहा था- “दुश्मन की गोलियों का हम सामना करेंगे, आज़ाद ही रहेंगे, आज़ाद ही रहेंगे”

शहीद भगत सिंह का नारा

आजादी की बात हो और भगत सिंह का नाम न आए, ये तो हो ही नहीं सकता। भगत सिंह के कई नारों में से एक है- ‘जिंदगी तो अने दम पर जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो जनाजे उठाये जाते हैं’

भाष चंद्र बोस का नारा

नेता जी के नाम से प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस ने भारत के लिए कई नारे लिखे थे, जिनमें से एक था- ‘स्वतंत्रता दी नहीं जाती, ली जाती है’

भगत सिंह के नारे

अंग्रेजों की बगावत करते हुए भगत सिंह ने कहा था- ‘वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को नहीं कुचल पाएंगे’

महात्मा गांधी का नारा

राष्ट्रपति, बापू, महात्मा की उपाधि पाने वाले मोहनदास करमचंद गांधी (गांधी जी) ने कहा था- ‘आजादी का कोई अर्थ नहीं, अगर इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हो’

राम प्रसाद बिस्मिल का नारा

‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है’- ये नारा राम प्रसाद बिस्मिल के कारण प्रसिद्ध हुआ था। इसलिए भी इसे उनके नाम से जाना जाता है। हालांकि बताया जाता है कि इसे लिखने वाले रचनाकार का नाम बिस्मिल अजीमाबादी था

।गांधी जी का नारा

महात्मा गांधी के आजादी के नारों में से एक रहा है- ‘जब राज्य कानूनविहीन या भ्रष्ट हो जाता है तो सविनय अवज्ञा एक पवित्र कर्तव्य बन जाता है’

भगत सिंह का सबसे प्रसिद्ध नारा

निडर और जांबाज शहीद भगत सिंह का हौसला जितना बुलंद था, उतनी ही ताकत उनकी कलम में भी थी। उन्होंने कई भारत की आजादी के नारे लिखे, कविताएं लिखीं। लेकिन एक नारा- ‘इंकलाब जिंदाबाद’ सबसे ज्यादा प्रचलित हुआ।

बाल गंगाधर तिलक का नारा

लोकमान्य की उपाधि पाने वाले बाल गंगाधर तिलक ने कहा था- ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा’

नेता जी का नारा

सुभाष चंद्र बोस का ये नारा बच्चा-बच्चा जानता है- ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’

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