खेती में सफलता की यह कहानी झारखंड के बांका जिले की सुनिता देवी की है. वे अमरपुर ब्लॉक के गांव सिझुआ की रहने वाली हैं. सुनीता देवी के पास महज एक हेक्टेयर जमीन है. इस जमीन और इसकी खेती से काम नहीं चला तो सुनीता देवी ने एक होल्सटीन फ्रीजियन गाय खरीदी और डेयरी फार्मिंग शुरू कर दी. शुरू में सुनीता देवी को इनकम नहीं मिली क्योंकि उनकी गाय हर साल बच्चे नहीं दे रही थी. इससे उबरने के लिए सुनीता देवी ने बांका के कृषि विज्ञान केंद्र का दौरा किया.
सुनीता देवी को केंद्र के वैज्ञानिकों ने डेयरी फार्मिंग की वैज्ञानिक पद्धति बताई जिसके आधार पर उन्होंने गाय पालन शुरू किया. सुनीता ने सबसे पहले चारा और भूसा का यूरिया ट्रीटमेंट शुरू किया. इसमें यूरिया मिश्रित चारा खिलाना शुरू किया. जब चारे की कमी पड़ने लगी तो सुनीता देवी ने अपनी बंजर पड़ी जमीन पर हाइब्रिड घासों का उत्पादन शुरू कर दिया. इसमें नेपियर, बरसीम, ग्वार की फली और लोबिया की खेती शुरू की.
है सुनीता देवी की कहानी?
बाद में स्थिति ऐसी आई कि सुनीता देवी साइलेज चारा बनाने में एक्सपर्ट हो गईं और अन्य किसानों को ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया. कई किसान उनसे ट्रेनिंग लेकर साइलेज चारा बना रहे हैं और डेयरी में अच्छी कमाई कर रहे हैं. चारा उत्पादन में सुनीता ने हाइड्रोपोनिक तकनीक का इस्तेमाल किया और दूसरों को भी इसकी ट्रेनिं दी. बाद में दूध का काम तेजी से बढ़ने लगा.
सुनीता ने अपना दायरा बढ़ाते हुए 15 गायों का पालन शुरू किया और इसे बेचने के लिए सुधा डेयरी से संपर्क बनाया. उन्होंने एक दिन में 150 लीटर दूध सुधा को बेचना शुरू किया. इतना ही नहीं, गाय के निकले गोबर से कंपोस्ट बनाया और उसे बेचकर भी कमाई शुरू की. सुनीता देवी का असर है कि उनके सिझुआ गांव के हर परिवार में आज कम से कम दो गया है और हर घर से सुधा डेयरी में 10 लीटर दूध बेचा जाता है.
सुनीता से आबाद हुए कई घर
सुनीता की ट्रेनिंग का कमाल है कि उनके गांव में आज 50 घरों में 43 में क्रॉस ब्रीड के मवेशी पाले जाते हैं. इस गांव में डेयरी से 17 लाख और खेती से 23 लाख की कमाई हो रही है. इस तरह गांव में डेयरी फार्मिंग की वजह से कमाई दोगुनी तक बढ़ गई है. सुनीता देवी की बात करें तो उन्होंने एक गाय से एक लाख से अधिक की कमाई की है जबकि 15 गायों से उनकी कमाई 15 लाख से अधिक है.