Home खेती किसानी कृषि वार्ता योगी सरकार इस तकनीक से जुटा रही है हर खेत का डेटा

योगी सरकार इस तकनीक से जुटा रही है हर खेत का डेटा

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Farmers Income में इजाफा करने के लिए Agriculture Productivity को बढ़ाना जरूरी है. इसके लिए यूपी में योगी सरकार Cropping Intensity Technique को अपनाया है. इसके लिए सरकार ने एक Command Canter भी स्थापित किया है. इस सेंटर में विभिन्न विभागों द्वारा बताए गए खेती योग्य क्षेत्रफल की सही जांच कर सही डाटा उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे हर खेत की उत्पादन क्षमता का भी पता चल सकेगा. कमांड सेंटर फसलों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए Satellite Data का उपयोग कर रहा है. इसके आधार पर तीनों सीजन में बोई गई फसल का सही क्षेत्रफल पता करके फसलों की उपज का भी सटीक आंकलन किया जा सकेगा. सरकार की दलील है कि देश की बढ़ती जनसंख्या के मद्देनजर फसल गहनता को अपना कर ही खाद्य एवं अन्य जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा.

मांत उत्पादकता पर पहुंची बुआई

योगी सरकार ने Cropping Intensity को लेकर चल रही कार्ययोजना की जानकारी देते हुए बताया कि बीते 7 दशक में पूरे देश के Net Crop Area यानी बुआई के रकबे में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है. बुआई का यह का स्तर उस बिंदु पर पहुंच गया, जिसके बाद अब सुगमतापूर्वक इसमें किसी प्रकार की वृद्धि प्राप्त करना संभव नहीं हैं. अर्थशास्त्र की भाषा में इसे सीमांत उत्पादकता यानी Marginal Productivity कहते हैं.

इसके मद्देनजर ही यूपी सरकार ने फसल गहनता में इजाफा करके एक ही खेत से एक फसली सीजन में अधिक से अधिक फसलें लेने की योजना को साकार रूप देना प्रारंभ कर दिया है. फसल गहनता के वास्तविक आंकड़े जुटाकर एक खेत से एक Crop Year में कई फसलें प्राप्त की जाती हैं. यह एक कृषि वर्ष की अवधि में कृषि योग्य भूमि की प्रति इकाई उच्च उत्पादकता का संकेत भी देती है. जापान सहित अन्य विकसित देश काफी पहले से Cropping Intensity Technique का लाभ उठा कर उत्पादन क्षमता में इजाफा कर रहे हैं.

डाटा में मिला था अंतर

सरकार की ओर से बताया गया कि हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कृषि विभाग और उद्यान विभाग द्वारा बुआई के बारे में पेश किए गए आंकड़ों और कमांड सेंटर के डाटा में अंतर पाया गया था. इसके बाद दोनों विभागों को आम, केला, गन्ना और अन्य Horticulture Crops का डाटा फिर से जुटाने को कहा गया है.

बैठक में पेश किए गए कृषि विभाग के आंकड़ों में प्रदेश का बुआई क्षेत्र 169.37 लाख हेक्टेयर बताया गया था. दूसरी तरफ, कमांड सेंटर के सैटेलाइट डेटा के अनुसार प्रदेश में खरीफ और रबी का कुल कॉमन क्रॉप एरिया 96.49 लाख हेक्टेयर था. जबकि खरीफ, रबी और जायद का कुल Common Crop Area 28.85 लाख हेक्टेयर है. इसमें खरीफ फसलों का रकबा 21.43 लाख हेक्टेयर और रबी फसलों का रकबा 33.76 लाख हेक्टेयर था. कुल मिलाकर बोई गई फसलों का वास्तविक क्षेत्रफल 177.41 लाख हेक्टेयर है.

फसल गहनता की मौजूदा स्थ‍िति

आंकड़ों में अंतर होने के आधार पर सरकार की दलील है कि सहीं आंकड़े जुटाए बिना खेती में उपज और किसानों की वास्तविक जरूरतों का सही आंकलन नहीं किया जा सकता है. इसके लिए सरकार ने डाटा की एकरूपता पर जोर देते हुए फसल गहनता तकनीक का सहारा लिया है.

ताजा आंकड़ों के आधार पर योगी सरकार का दावा है कि क्रॉपिंग इंटेंसिटी के मामले में यूपी 177.10 प्रतिशत के साथ देश के औसत स्तर 155.40 प्रतिशत से आगे है. वहीं, Cropping Intensity के मामले में मध्य प्रदेश अव्वल है. एमपी की फसल गहनता 189.90 प्रतिशत, हरियाणा की 181.80 प्रतिशत और पंजाब की 192.50 प्रतिशत  भी अव्वल हैं.

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