नीदरलैंड के रॉटरडैम में आईएसएफ वर्ल्ड सीड कांग्रेस 2024 भव्य आयोजन किया गया जिसमें दुनियाभर में कृषि क्षेत्र से लोग शामिल हुए. वही आईएसएफ वर्ल्ड सीड कांग्रेस 2024 के तीसरे दिन नवाचार से लेकर महिला किसान से संबंधित विषयों पर चर्चा की गई. इस दौरान ईस्ट-वेस्ट सीड ग्रुप में संचार और सार्वजनिक मामलों की वैश्विक प्रमुख माइक ग्रूट से विशेष चर्चा की. चर्चा के दौरान ग्रूट ने कहा, “ईस्ट-वेस्ट सीड ग्रुप की शुरुआत मेरे फादर ने 42 साल पहले की थी. कंपनी का एक स्पष्ट मिशन है. छोटे किसानों की आय और आजीविका में सुधार करना. इसलिए, उन्होंने इन किसानों की सहायता के लिए सब्जी के बीजों के बारे में अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग किया और फिलीपींस से थाईलैंड, इंडोनेशिया और अंत में भारत की यात्रा की.”
उन्होंने आगे कहा, “हमें लगता है कि हम भारतीय किसानों के जीवन में योगदान दे सकते हैं, खासकर इसलिए क्योंकि हमारे बीज रोग प्रतिरोधक क्षमता, एकरूपता और लंबे समय तक टिकने की क्षमता प्रदान करते हैं. हम किसानों को सब्जी की खेती की तकनीकों में सहायता करने के लिए बेहतर किस्में विकसित कर रहे हैं. इसके अलावा, हम किसानों, सरकारी अधिकारियों और बीज की दुकानों के मालिकों को भी प्रशिक्षित करते हैं कि ख़राब बीज की किस्मों से कैसे निपटना है.”भारत में ईस्ट-वेस्ट की मौजूदगी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमने महाराष्ट्र के औरंगाबाद से शुरुआत की और फिर बीज उत्पादन के लिए कर्नाटक के बैंगलोर में अपना बेस बनाया. हम महिला किसानों के साथ भी काम कर रहे हैं क्योंकि हमें एहसास है कि महिलाएं कृषि की रीढ़ हैं. अगर उन्हें सहयोग दिया जाए तो वे अपना व्यवसाय बढ़ा पाएंगी और आत्मनिर्भरता हासिल कर पाएंगी और साथ ही समुदायों के लिए ज्ञान का स्रोत भी बन पाएंगी.” उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी कृषि क्षेत्र में युवाओं को भी प्रोत्साहित कर रही है.
उन्होंने कहा, “अनुमान है कि हमारे बीजों से 23 मिलियन किसान लाभान्वित होते हैं और हमारा अनुमान है कि यह दुनिया भर में लगभग 200 मिलियन लोगों को भोजन उपलब्ध कराता है. जनसमूह को आकर्षित करके और विभिन्न देशों में काम करके, हम एक स्वस्थ और टिकाऊ व्यवसाय बनाने में सक्षम हुए हैं. निकट भविष्य में समूह के लिए लक्षित देशों में फिलीपींस, इंडोनेशिया, कंबोडिया, भारत और कुछ अफ्रीकी देश शामिल हैं.”