Home कारोबार गेहूं खरीद में टारगेट से क्यों पीछे है सरकार

गेहूं खरीद में टारगेट से क्यों पीछे है सरकार

0

पंजाब और हरियाणा में गेहूं की खरीद 31 मई को समाप्त हो गई. इन दोनों राज्यों में 19.6 मिलियन टन गेहूं की खरीद की गई है. हालांकि, दोनों राज्यों से ये खरीद उनके संयुक्त लक्ष्य 21 मिलियन टन का 93 प्रतिशत ही है. वहीं, दूसरी ओर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 31 मई तक 6.9 मिलियन टन ही खरीद हो पाई. यानी इन तीनों राज्यों में अपने संयुक्त लक्ष्य के मुकाबले 43 प्रतिशत कम गेहूं की खरीद की गई. हालांकि, इन सब के बावजूद दो महीनों में देश में कुल खरीद 26.51 मिलियन टन तक पहुंच गई. कहा जा रहा है कि जून महीने में गेहूं खरीद में कोई उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद नहीं है. इसलिए सरकार ने इस अप्रत्याशित रूप से कम खरीद की वजहों जानने के लिए तैयारी शुरू कर दी है.

हालांकि, इस वर्ष गेहूं खरीद का आधिकारिक अनुमान 37.29 मिलियन टन था, लेकिन सरकार 30-32 मिलियन टन खरीद की उम्मीद कर रही थी. गेहूं व्यापारी अंकित जिंदल ने कहा कि जब 2021-22 में 43.3 मिलियन टन की रिकॉर्ड खरीद हुई थी, तब खरीद केंद्रों पर आवक कथित तौर पर 44.4 मिलियन टन थी और सरकार ने 2022-23 के लिए 44.4 मिलियन टन खरीद लक्ष्य तय किया था. पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए, खरीद अधिक होनी चाहिए थी, क्योंकि इस साल फसल अच्छी थी. उन्होंने कहा कि आवक भी इतनी खराब नहीं थी.

36.30 मिलियन टन गेहूं की आवक

खाद्य मंत्रालय के अनुसार, खरीद कार्यक्रम में शामिल सभी एजेंसियों द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में खरीद केंद्रों और मंडियों में कुल 36.30 मिलियन टन गेहूं आया. हरियाणा ने लगभग पूरा गेहूं खरीद लिया है, जबकि पंजाब ने केंद्रीय पूल के लिए आवक का 94 प्रतिशत खरीदा है. दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में आए 4.4 मिलियन टन से अधिक गेहूं में से केवल 21 प्रतिशत खरीदा गया और मध्य प्रदेश के मामले में यह आवक का 50 प्रतिशत है. राजस्थान थोड़ा बेहतर रहा, जहां सरकारी एजेंसियों द्वारा 63 प्रतिशत आवक खरीदी गई.

10 मिलियन टन गेहूं खुले बाजार में बेचा

विशेषज्ञों ने कहा कि केंद्र ने 2023-24 में देश भर में एक ही आरक्षित मूल्य (MSP स्तर के आसपास) तय करके साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से अपने आधिकारिक भंडार से लगभग 10 मिलियन टन गेहूं खुले बाजार में बेचा. इसके अलावा, किसान भी जागरूक हो रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि सर्दियों में कीमतें बढ़ेंगी, इसलिए भंडारण की क्षमता रखने वालों में से एक बड़ा हिस्सा पूरी उपज को बेचने से बच रहा है. विशेषज्ञों ने कहा कि कोई नहीं जानता कि किसानों के पास मौजूद यह गेहूं बाजार में कब आएगा.

इस दिन तक होगी गेहूं की खरीद

हालांकि, गेहूं की खरीद 30 जून तक जारी रहने वाली है, लेकिन यह इससे पहले ही समाप्त होने की संभावना है. क्योंकि आवक लगभग खत्म हो गई है. उत्तर प्रदेश और बिहार में आधिकारिक खरीद अवधि 15 जून तक है, जबकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में यह 30 जून तक है.

Exit mobile version