आजकल लोग किचन गार्डन में रोजमर्रा की चीजों की खेती करने में रूचि दिखाने लगे हैं. न केवल किचन गार्डन बल्कि लोग अपने घर के बगीचे में भी सब्जी उगाने लगे हैं. दरअसल किचन गार्डन का मकसद घर की साग-सब्जियों की रोजाना की जरूरत को पूरा करना और डेली डाइट में विविधता और नयापन लाना है. लेकिन कब कौन सी सब्जी उगाई जाए, इसे लेकर अक्सर कंफ्यूजन रहता है. आज हम आपके इस कंफ्यूजन को दूर कर देते हैं और आपको बताते हैं कि कौन से मौसम में कौन सी सब्जी या फिर साग या फल किचन गार्डन में सही रहेगा.
किचन गार्डन के लिए कारगर बोंसाई टेक्निक
किचन गार्डन में आप बोंसाई टेक्निक की मदद से कम जगह और छोटे पौधों में सब्जियां और फल तैयार कर सकते हैं. साथ ही इन पेड़ों के मिनी वजर्न में भी आपको सारे गुण मिल सकते हैं. इस तरह से बोसाई टेक्निक की मदद से कम जगह और छोटे पौधों की मदद से कई तरह की शाक-सब्जियां उगाई जा सकती हैं.
कौन से महीने में क्या बोएं
- जनवरी के महीने में आप तरबूज, खरबूज, मूली, चुकंदर, धनियां, हाइब्रिड बन्दगोभी लोबिया, भिंडी, कद्दू, ककड़ी, करेला और हरा साग लगाया जा सकता है.
- फरवरी में आप भिंडी, बैगन, चौलाई, करेला, परवल, कुंदरू, ग्वारफली और लोबिया लगा सकते हैं.
- वहीं अप्रैल में भिंडी, ककड़ी, करेला, कद्दू, परवल, कुंदरू लगाया जा सकता है.
- मई के महीने में बहुत गर्मी होने की वजह से जमीन सूख जाती है. इसलिए बेहतर रहेगा कि आप कोई फसल न लगाएं.
- जून के महीने में आप लौकी, तोराई, मिर्च, भिंडी, अरबी, सेम, करेला, भुट्टा, टमाटर और मूंगफली के साथ ही अगेती गोभी लगा सकते हैं.
- जुलाई का महीना मॉनसून का महीना है और इस सीजन में खरीफ की फसल जैसे प्याज, बैगन, शकरकंद, चुकंदर, धनिया, पुदीना, अदरक, गाजर, केला, सेब, शलजम लगाया जा सकता है.
- अगस्त में आप मध्यम फूल गोभी, गांठगोभी, शलजम, गाजर, भिंडी, टमाटर, मूली, पालक, लोबिया धनिया लगा सकते हैं.
- सितंबर के महीने में टमाटर, पपीता, मूली, चुकन्दर, फूलगोभी, परवल, आलू, गाजर.
- अक्टूबर में आप मटर, बैंगन, फूलगोभी, बंदगोभी, गाजर, आलू, मेथी, पालक, चौलार्इ, चुकन्दर, शलजम, हरी प्याज, मिर्च, टमाटर और बाकी पत्ती वाले साग लगा सकते हैं.
- नवंबर में मटर, मूली, शलजम, चुकन्दर, बन्दगोभी, आलू, हरे साग, धनियां, प्याज, टमाटर बोया जा सकता है.
- दिसंबर के महीने में आप प्याज, हरा साग और मूली लगा सकती हैं.
- क्या हैं किचन गार्डन के फायदे
किचन गार्डन या फिर गार्डन में लगा नींबू पपीता, केला और अमरूद के पेड़ पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकते हैं. साथ ही इनकी वजह से आपके घर में हरियाली नजर आती है और इससे पॉजिटिवटिी में इजाफा होता है. वहीं आप खाली समय में इसमें समय बिताकर या फिर किचन गार्डन में जरूरत से ज्यादा शाक-सब्जियां पैदा कर के आर्थिक फायदा भी हासिल कर सकते हैं.