Home मौसम मौसमी संकेत:हीटवेब बढ़ाएगी मुश्किलें

मौसमी संकेत:हीटवेब बढ़ाएगी मुश्किलें

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देश के कई इलाकों में दिन तप रहे हैं तो रातों में कुछ ठंडक है। लेकिन मौसम विभाग के अनुमान इस माह भीषण गर्मी और हीटबेव के संकेत दिए है। भले ही मई का पहला सप्ताह दिल्ली उत्तर प्रदेश के कई शहरों के लिए राहत भरा रहने वाला हो लेकिन आने वाले दिनों में ये गर्मी आपके होश उड़ाने वाली है। हाल ही में आईएमडी ने मई महीने में लू को लेकर ऐसी भविष्यवाणी की है जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। मौसम विभाग के अनुसार इस महीने देश के उत्तर- पश्चिम और पूर्वी क्षेत्रों में इस बार दोगुनी लू चलने की संभावना है।


मौसम विभाग ने लू के साथ ही कुछ राज्यों में अधिक बारिश की भी संभावना जारी की है। आईएमडी ने आज नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। आईएमडी प्रमुख मृत्युजंय महापात्र ने बताया कि ओडिशा के कई हिस्से, उत्तर छत्तीसगढ़, झारखंड, दक्षिणी पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के कुछ हिस्से, आंध्र प्रदेश के रायलसीमा और केरल में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है।
हर साल मई में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पूर्वी मध्य प्रदेश, गंगीय पश्चिम बंगाल, बिहार और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में तीन दिन लू चलती थी लेकिन इस साल पांच से सात दिनों तक लू चलने का अनुमान है। आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्र ने कहा बताया कि मई में आमतौर पर औसतन तीन हीटवेव वाले दिन होने की उम्मीद होती है लेकिन इस साल हीटवेव के दिनों की संख्या अधिक हो सकती है।मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात क्षेत्र में लगभग आठ से 11 दिन लू चलने की संभावना है। आईएमडी ने आगे कहा कि उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के कुछ हिस्सों और पूर्वोत्तर प्रायद्वीपीय भारत के आसपास के क्षेत्रों को छोड़कर भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य अधिकतम तापमान होने की संभावना है।

भारत ही नहीं दुनिया के कई देशों में तप रही धरती, लू से बांग्लादेश में स्कूल बंद करने की आई नौबत

गर्मियों के साथ तापमान का बढ़ना और लू जैसी आपदाओं का आना कोई नया नहीं है। लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों से इनका जोखिम बढ़ रहा है वो आम आदमी के लिए नई चुनौतियां पैदा कर रहा है।

इस मामले में साल 2024 की शुरूआत भी कोई अच्छी नहीं रही जनवरी-फरवरी-मार्च तीनों महीनों ने लगातार बढ़ते तापमान के नए रिकॉर्ड बनाए थे। उसके बाद अप्रैल और अब मई में भी यह सिलसिला जारी है। यदि पिछले कुछ दिनों से देखें तो न केवल भारत बल्कि दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से गर्मी और लू के बढ़ने की खबरे सामने आ रही हैं।

भीषण गर्मी और लू से हालात किस कदर खराब हो चुके हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फिलीपींस और दक्षिण सूडान में बढ़ती गर्मी से स्कूलों को बंद करना पड़ा था। इसी तरह बांग्लादेश में भी गर्मी का कहर इस कदर हावी हो चुका है कि वहां भी स्कूलों को बंद करने का आदेश देना पड़ा। इसी तरह एशिया और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में तो लगातार लू का कहर जारी है।

इस बारे में सेव द चिल्ड्रन ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी है कि अप्रैल में पड़ रही भीषण गर्मी के चलते बांग्लादेश में स्कूलों को बंद करना पड़ा था। बांग्लादेश में भीषण गर्मी का यह सिलसिला अभी भी जारी है, जिसकी वजह से बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने एक और सप्ताह के लिए देश में सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। बांग्लादेश में पारा 42 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है, जिसकी वजह से करीब 3.3 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा सके हैं।

बांग्लादेश उच्च न्यायालय के इस आदेश में विश्वविद्यालयों को शामिल नहीं किया गया है। साथ ही परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को भी इससे छूट दी गई है। बांग्लादेश में स्कूल रविवार तक बंद रहेंगे। हालांकि इस बीच जिन स्कूलों में एयरकंडीशनिंग की व्यवस्था है उनमें पढ़ाई जारी रखने की अनुमति दी गई है।

बांग्लादेश मौसम विभाग ने भी बुधवार को जानकारी दी है कि अप्रैल 2024 का महीना अब तक का सबसे गर्म अप्रैल था। इस दौरान राजधानी ढाका के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक में सिगरेट स्टॉल के मालिक महफुजुर रहमान ने अंतराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी एएफपी के हवाले से कहा है कि पिछला सप्ताह ‘असहनीय’ था।

उन्होंने एएफपी को बताया कि, “पिछले कुछ दिन इतने गर्म थे कि ऐसा लग रहा था कि मेरा सिर घूम रहा है। इस गर्मी की वजह से में काम पर फोकस नहीं कर पा रहा।” उनका आगे कहना है कि मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों हो रहा है। शायद हमने धरती पर अत्याचार और पाप किए हैं।

सेव द चिल्ड्रन ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जलवायु और पर्यावरण से जुड़े जोखिम हर साल 3.7 करोड़ से अधिक बच्चों की शिक्षा में व्यवधान पैदा कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक गर्मी का शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, गर्म वर्षों के दौरान स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बेहद कम हो जाती है।

बांग्लादेश में सेव द चिल्ड्रन के कंट्री निदेशक शुमोन सेनगुप्ता ने भीषण गर्मी के शिक्षा पर पड़ते प्रभाव को उजागर करते हुए प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि बांग्लादेश में भीषण गर्मी का मतलब है कि बच्चे इस सप्ताह स्कूल नहीं लौट पाए हैं। यह सभी के लिए एक चेतावनी है। जो जलवायु सम्बन्धी चुनौतियों की याद दिलाती है।” उनके मुताबिक लू और गर्मी जैसे जलवायु से जुड़े खतरों का शिक्षा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। जिस साल गर्मी ज्यादा पड़ती है उस साल स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति घट जाती है।

वहीं जो छात्र इस भीषण गर्मी में स्कूल पहुंच भी जाते हैं उन्हें भी ध्यान एकाग्र करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। गर्मी का यह जोखिम देशों के बीच असमानता को भी उजागर करता है। बांग्लादेश जैसे कम आय वाले देशों के छात्रों के गर्मी से प्रभावित होने की आशंका कहीं ज्यादा होती है। वहीं दूसरी तरफ एयर कंडीशनिंग जैसे समाधानों तक उनकी पहुंच कम होती है।

दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के कई देश लू और भीषण गर्मी के कहर से झुलस रहे हैं। म्यांमार से लेकर फिलीपींस तक कई देशों में तो तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया है। इस असाधारण रूप से बढ़ते तापमान में अल नीनो की भूमिका से भी पूरी तरह इंकार नहीं किया जा सकता। कंबोडिया, म्यांमार, वियतनाम और भारत में मौसम विभाग ने भी आशंका जताई है कि तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहेगा।

फिलीपीन्स में बढ़ती गर्मी के चलते रविवार को स्कूल बंद कर दिए थे। सोमवार को स्कूलों ने दो दिनों के लिए स्कूल में कक्षाएं स्थगित कर दी थी। फिलीपींस की राजधानी मनीला में गत शनिवार को तापमान 38.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ऐसा ही कुछ हाल थाईलैंड का भी था, जहां देश के उत्तरी क्षेत्रों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं राजधानी बैंकाक में भी तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।

थाईलैंड के मौसम विभाग का अनुमान है कि इस साल गर्मियां, पिछले वर्ष की तुलना में एक से दो डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म हो सकती हैं। थाईलैंड के रोग नियंत्रण विभाग ने पिछले सप्ताह जानकारी दी थी कि इस साल अब तक गर्मी और हीट स्ट्रोक से कम से कम 30 लोगों की मौत हो चुकी है।

बढ़ते तापमान से बदहाल धरती

इसी तरह कंबोडिया के जल संसाधन और मौसम विज्ञान मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को एसोसिएटेड प्रेस को जानकारी दी है कि इस साल कंबोडिया पिछले 170 वर्षों के सबसे अधिक तापमान का सामना कर रहा है। एजेंसी ने पूर्वानुमान लगाया है कि इस सप्ताह देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इसी तरह सोमवार को मध्य मैगवे, मांडले, सागाइंग और बागो क्षेत्र ने रिकॉर्ड तापमान का सामना किया।

मीडिया में प्रकाशित खबर के मुताबिक दक्षिण सूडान में तापमान के 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की आशंका को देखते हुए स्कूलों को दो सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया था। इसकी वजह से 22 लाख बच्चे प्रभावित हुए थे। गौरतलब है कि मार्च में पूर्वी अफ्रीका भीषण लू की चपेट में था।

इसी तरह इजराइल भी लू और गर्मी से झुलस रहा है। इजराइल मौसम विज्ञान सेवा (आईएमएस) का कहना है कि गत गुरुवार को ग्रेटर मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र में पिछले 85 वर्षों में अप्रैल का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया था। इजराइल के तटीय शहर तेल अवीव में गत गुरुवार को तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।

भारतीय मौसम विभाग ने भी जानकारी दी है कि 1901 के बाद से पूर्वी भारत के लिए यह अब तक का सबसे गर्म अप्रैल का महीना था, जब तापमान 28.12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पश्चिम बंगाल में पिछले 15 वर्षों के दौरान अप्रैल 2024 में सबसे ज्यादा लू वाले दिन दर्ज किए थे। इसी तरह ओडिशा में भी अप्रैल के दौरान गर्मी की स्थिति पिछले नौ वर्षों में सबसे खराब रही।

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