Home Uncategorized Adani Group पर दांव लगाने वालों की हुई चांदी

Adani Group पर दांव लगाने वालों की हुई चांदी

0

कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने अदाणी ग्रीन एनर्जी में अगस्त 2023 में 923 रुपये प्रति शेयर भाव पर 4,300 करोड़ रुपये निवेश किए थे जिनकी वैल्यू अब 9,650 करोड़ रुपये हो गई है।

अमेरिका की जीक्यूजी पार्टनर्स और सॉवरिन फंड कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी के अलावा अबु धाबी की इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी ने अदाणी समूह (Adani Group) के शेयरों में अपने निवेश पर तगड़ी कमाई की है।बता दें कि पिछले एक साल में अदाणी समूह (Adani Group) की लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में हुए खासे उछाल के कारण कमाई में इजाफा हुआ है।

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद मार्च 2023 में जीक्यूजी पार्टनर्स ने अदाणी समूह (Adani Group) की कंपनियों में 4.3 अरब डॉलर (35,774 करोड़ रुपये) का निवेश किया था और शुक्रवार के बंद भाव के हिसाब से उसके निवेश की कीमत अब 9.76 अरब डॉलर (81,132 करोड़ रुपये) हो गई है।

कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने अदाणी ग्रीन एनर्जी में अगस्त 2023 में 923 रुपये प्रति शेयर भाव पर 4,300 करोड़ रुपये निवेश किए थे जिनकी वैल्यू अब 9,650 करोड़ रुपये हो गई है। शुक्रवार को अदाणी ग्रीन का शेयर 1,925 रुपये पर बंद हुआ।

इसी तरह इंटरनैशनल होल्डिंग कंपनी ने शुरुआत में अदाणी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) में साल 2022 में 2 अरब डॉलर निवेश किया था और पिछले साल अक्टूबर में उसने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 5 फीसदी कर ली थी।अब उसके निवेश की वैल्यू बढ़कर 2.8 अरब डॉलर हो गई है। अदाणी एंटरप्राइजेज का शेयर (Adani Enterprises Share) शुक्रवार को 3,385 रुपये पर बंद हुआ।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अदाणी ग्रुप के शेयरों को लगा था झटका

शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी 2023 में आई रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों खासी गिरावट आई थी और इनमें तब सुधार हुआ जब प्रवर्तकों ने समूह की विभिन्न कंपनियों के शेयर जीक्यूजी पार्टनर्स को बेचे और विभिन्न कंपनियों के कर्ज का समय से पहले भुगतान कर दिया और इस तरह से निवेशकों को अपने वित्तीय हालात के बारे में बताया।बाद में सेबी (SEBI) की जांच में भी हिंडनबर्ग के आरोपों में कुछ नहीं मिला। अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों से इनकार किया था।

अदाणी के शेयरों में बढ़ोतरी फंड के चेयरमैन व मुख्य निवेश अधिकारी राजीव जैन के कॉन्ट्रेरियन दांव की बड़ी सफलता मानी जा रही है। 23 साल के निवेश अनुभव के बाद जैन ने जून 2016 में अपनी फर्म का गठन किया था।उन्होंने वोंटोबेल ऐसेस मैनेजमेंट में उप-मुख्य कार्याधिकारी और मुख्य निवेश अधिकारी के तौर पर काम किया है। फोर्ब्स के मुताबिक, 56 वर्षीय जैन का नेटवर्थ (जिनका जन्म भारत में हुआ और जो 90 के दशक की शुरुआत में अमेरिका चले गए) का 4.6 अरब डॉलर होने का अनुमान है।

मीडिया को दिए साक्षात्कार में जैन ने कहा कि दुनिया भर में कुछ ही बड़े उभरते बाजार हैं और भारत उनमें से एक है।जैन ने एक टीवी चैनल को इस साल फवरी में बताया था कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने सभी उभरते बाजारों में सबसे अच्छी आय वृद्धि में से एक दर्ज की है और मुझे लगता है कि आय में इस वृद्धि का पर्याप्त प्रसार नहीं हुआ है क्योंकि अंतत: आय ही बाजार को आगे ले जाती है और जब कंपनियों की आय मजबूत हो तो बाजार उसका अनुसरण करता है।

पिछले साल जीक्यूजी पार्टनर्स ने आईटीसी, पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) और जीएमआर एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर के अलावा एयरटेल व वोडाफोन आइडिया में भी निवेश किया। इस संबंध में जानकारी के लिए शुक्रवार को जीक्यूजी पार्टनर्स को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला।

Exit mobile version