बंजर जमीन और पानी की किल्लत तो लगाएं ये फसल, शुगर मरीजों के लिए है फायदेमंद, 100 रु किलो बिक जाएगी

0
21

देश में ऐसे किसान हैं जिनकी जमीन उपजाऊ नहीं है, साथ ही उन्हें पानी की भी समस्या है, जिसकी वजह से उन्हें अच्छी आमदनी नहीं हो पाती। क्योंकि उत्पादन अच्छा नहीं होता, वो कई तरह की फसलें नहीं उगा पाते, जिसकी वजह से किसान कमाई नहीं कर पाता। इसलिए इस लेख में हम आपको एक ऐसी फसल के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिसकी कीमत किसानों को ₹60 से ₹100 प्रति किलो तक मिलती है। जिससे लागत निकल आती है।ये फसल 3 महीने में तैयार हो जाती है। आप इसकी खेती साल में चार बार कर सकते हैं। खासियत ये है कि इस फसल को आप कम उपजाऊ जमीन में भी लगा सकते हैं और पानी की ज्यादा जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

फसल का नाम

दरअसल, शकरकंद की खेती करने वाले किसान संजीव महतो जमशेदपुर के रहने वाले हैं और खेती करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। किसान का कहना है कि वह दो बीघे में इसकी खेती करते हैं और 3 महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है, यानी चार सीजन में इसकी खेती से अच्छे पैसे कमाए जा सकते हैं। शुगर के मरीजों के लिए यह काफी फायदेमंद है। इसमें प्रति सीजन 10 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है, जिससे अच्छी आमदनी होगी।

किसी भी चीज में मुनाफा लेने के लिए उसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। जैसे किसान ने खेती करने से पहले प्रशिक्षण लिया था जिससे खेती अच्छी हुई, नुकसान नहीं हुआ। किसान ने जिस केंद्र से प्रशिक्षण लिया वह ‘आती पुआल मशरूम प्राइवेट लिमिटेड’ है यह एक एग्रीकल्चर संस्था है। जिससे अच्छा ज्ञान किसान को मिला है।

खेती का तरीका

शकरकंद की खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी तैयार की जाती है, उसके बाद मिट्टी तैयार करके पौधे रोपे जाते हैं। मेड़ बनाकर उसमें पौधे रोपे जाते हैं। बीच-बीच में खरपतवार निकालते रहते हैं। जरूरत पड़ने पर सिंचाई करें और खाद का इस्तेमाल करें। शकरकंद की कुछ किस्में ऐसी हैं जो रोपने के 120 दिन बाद तैयार हो जाती हैं। खुदाई के बाद फसल को धूप में रखकर स्टोर किया जा सकता है।

किसान अगर सही जमीन में खेती करेंगे तो अच्छी फसल होगी। जिसमें शकरकंद की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी बेहतर है। जिसका पीएच मान 5.8 से 6.8 के बीच होना चाहिए। मिट्टी की जाँच कराकर मिट्टी के बारे में जान सकते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here