देश के मध्य भागों में प्री-मॉनसून की बारिश शुरू हो गई है. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बारिश की अधिक मात्रा देखी गई है. इसी क्रम में ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों में हल्की और छिटपुट मौसमी गतिविधियां देखी गई हैं. प्री-मॉनसून की यह गतिविधि 05 अप्रैल से अलग-अलग तीव्रता और तेजी के साथ जारी है. बारिश का यह दौर अगले 4 दिनों तक जारी रहने की संभावना है, हालांकि इसके इलाके बदलते रहेंगे.समाचार एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ लाइन मराठवाड़ा, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक फैली हुई है. इसके अलावा, एक और उत्तर-दक्षिण ट्रफ लाइन कर्नाटक, रायलसीमा से होते हुए तमिलनाडु और केरल के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंच रही है. ओडिशा-आंध्र तट के पास बंगाल की खाड़ी पर भी एक चक्रवात बना हुआ है.
समाचार एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, उत्तरी मध्य महाराष्ट्र और दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ लाइन मराठवाड़ा, विदर्भ, छत्तीसगढ़ और ओडिशा तक फैली हुई है. इसके अलावा, एक और उत्तर-दक्षिण ट्रफ लाइन कर्नाटक, रायलसीमा से होते हुए तमिलनाडु और केरल के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंच रही है. ओडिशा-आंध्र तट के पास बंगाल की खाड़ी पर भी एक चक्रवात बना हुआ है. यह गतिविधि पूर्व-पश्चिम क्षेत्र में लगातार गर्म और नम हवा को बढ़ावा दे रही है, जिससे पूरे क्षेत्र में लंबे समय तक बारिश हो रही है.
प्री-मॉनसून की बारिश
दो दिनों के बाद ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मौसम की हलचल कम होने की संभावना है. हालांकि, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अगले 4 दिनों तक रुक-रुक कर गतिविधियां जारी रहेंगी. तेलंगाना और उत्तरी कर्नाटक के हिस्से में बादल रहेंगे और हल्का मौसम रहेगा. मध्य महाराष्ट्र में ऐसी कोई गतिविधि नहीं होगी. विदर्भ और मराठवाड़ा में तूफान की आशंका है. कुछ स्थानों पर और विशेषकर मराठवाड़ा में ओलावृष्टि की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. बिजली गिरने के साथ तेज़ तेज़ हवाएं और ओलावृष्टि भी हो सकती है. यह खड़ी फसलों के लिए अच्छी स्थिति नहीं है. महाराष्ट्र में बारिश की गतिविधि फिर से जारी रह सकती है.
आईएमडी का अनुमान है कि 13-16 अप्रैल के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है. दिल्ली में 13 और 14 अप्रैल को गरज के साथ बारिश की गतिविधियां भी हो सकती हैं. आईएमडी के मौसम पूर्वानुमान में कहा गया है कि 13 और 14 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर में छिटपुट भारी वर्षा/बर्फबारी होगी. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पंजाब में 13 और 14 अप्रैल को कई स्थानों पर और 15 अप्रैल को कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान लगाया है. मौसम ब्यूरो के अनुसार, ऐसा ही पूर्वानुमान हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए भी है.
ओलावृष्टि की आशंका
बढ़ते तापमान के बीच शहरों में रहने वालों के लिए बारिश कुछ राहत ला सकती है, लेकिन यह अनुमान किसानों के लिए चिंता का कारण बन गया है क्योंकि पंजाब में गेहूं की कटाई का मौसम अभी शुरू हुआ है. 13 अप्रैल को बैसाखी के साथ, जो फसल कटाई का त्योहार है, किसानों ने कहा कि अगर बारिश हुई तो उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
13 अप्रैल को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में छिटपुट ओलावृष्टि भी हो सकती है. 13 अप्रैल को राजस्थान में धूल भरी आंधी/तूफान (50-60 किमी प्रति घंटे से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार) चलने की संभावना है. आईएमडी के अनुसार, पूर्वी हवाओं के प्रभाव के कारण राजस्थान में गुरुवार और शुक्रवार को भी अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश जारी रहने की संभावना है.
मध्य प्रदेश के बैतूल में गिरे ओले, किसानों और व्यापारियों को हुआ बड़ा नुकसान
मध्य प्रदेश के बैतूल में मंगलवार शाम को भारी ओलावृष्टि की खबरें हैं. बताया जा रहा है कि यहां पर इतनी ओलावृष्टि हुई कि लगा मानों बर्फ की चादर बिछ गई है. ओलावृष्टि के बाद यहां का नजारा बिल्कुल कश्मीर और शिमला जैसा था. करीब 40 मिनट तक बारिश के साथ यहां पर ओले गिरे हैं. दूर-दूर तक बर्फ की सफेद चादर नजर आ रही थी. इस ओलावृष्टि से यहां के किसानों को भारी नुकसान हुआ है. ओलावृष्टि ऐसे समय में हुई है जब यहां पर लोग मशहूर मेघनाथ मेले का आनंद उठाने के लिए दूर-दूर से आए थे.
मेले में मची भगदड़
श्याम आर्य नामक एक व्यक्ति ने बताया कि मेघनाथ मेला लगा था कि अचानक तेज बारिश के साथ ओले गिरने लगे. इससे मेले में भगदड़ मच गई और व्यापारियों और किसानों को काफी नुकसान हुआ है. जिन किसानों की फैसलें खेत में रखी थी, उन्हें खासतौर पर बड़ा नुकसान हुआ है. बैतूल जिले के भीमपुर विकासखंड के चौहटा, पोपटी और कुनखेड़ी गांव में शाम को तेज हवा के तेज बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई. बताया जा रहा है कि ओले बेर के आकार के थे.
ओलों के गिरने से खेत, सड़क और घरों के ऊपर बर्फ की चादर जम गई थी. कई जगह तो बर्फ की मोटी परत देखने को मिली. प्रत्क्षयदर्शियों का कहना है कि पोपटी में मंगलवार को फागुन मेला लगा था और मेले में बहुत भीड़ थी जिले के कई व्यापारियों ने मेले में दुकान भी लगा रखी थी.
किसानों की गेहूं की फसल चौपट
जैसे ही ओले गिरने शुरू हुए वैसे ही मेले में भगदड़ सी मच गई. लोग इधर-उधर छिपाने वालों कई जगह 20 मिनट तो कई जगह 40 मिनट तक बारिश और ओले गिरे हैं . भारी ओलावृष्टि के चलते मेले में जो दुकानें लगी थीं उन पर रखे सामान के खराब हो जाने से व्यापारियों को नुकसान हुआ है. वहीं खेतों में जिन किसानों की कटी हुई गेहूं की फसल और जिन किसानों की फसल कटी नहीं थी, उन्हें भी नुकसान हुआ है. इसके अलावा ओलावृष्टि से घरों को भी नुकसान पहुंचा है.