मौजूदा समय में खेती-किसानी को आसान बनाने के लिए किसान नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, आए दिन कई किसान खुद से घर बैठे भी कई जुगाड़ वाली मशीनें भी बना लेते हैं. जुगाड़ू मशीन हमेशा हमेशा से कारगर रही है. यह खेती में नए तकनीकों का इस्तेमाल करने का एक बेहतरीन तरीका है. दरअसल, कृषि को आसान बनाने के लिए और खेती में समय और लागत को बचाने के लिए देश के वैज्ञानिकों के साथ ही आप भी अब घर बैठे देसी जुगाड़ से नई मशीनें बना सकते हैं.अगर आप भी अपने टैलेंट से कुछ बनाना चाहते हैं तो अपने देसी जुगाड़ के जरिए मूंग तोड़ने वाले थ्रेशिंग मशीन बना सकते हैं. अधिकतर किसान मूंग की फली के पक जाने पर हाथों से तुड़ाई करते हैं, जिससे अधिक पके दाने फली से निकलकर खेत में ही गिर जाते हैं और किसान को उसका नुकसान होता है. ऐसे में किसान इस मशीन का उपयोग कर सकते हैं.
अगर आप भी कोई देसी मशीन बनाने का सोच रहे हैं तो आप मूंग की तुड़ाई करने वाली मशीन बना सकते हैं. ये मशीन किसानों के लिए काफी लाभदायक है. आइए जानते हैं कैसे बना सकते हैं ये मशीन.
देसी जुगाड़ से बनाएं ये मशीन
अधिकतर किसान मूंग की फली के पक जाने पर हाथों से तुड़ाई करते हैं, जिससे अधिक पके दाने फली से निकलकर खेत में ही गिर जाते हैं और किसान को उसका नुकसान होता है. हाथों से मूंग की तुड़ाई लगभग 3 से 4 बार की जाती है, जिसमें समय ज्यादा लगता है और देरी होने पर मूंग का भी नुकसान होता है. किसानों की इस समस्या से निजात पाने के लिए अपने देसी जुगाड़ से एक छोटी थ्रेशिंग मशीन बना सकते हैं, जो मात्र एक घंटे में 80 किलोग्राम तक मूंग को तोड़ सकती है.
5000 रुपये में तैयार करें ये मशीन
इस छोटी थ्रेशिंग मशीन को बनाने के लिए 1 हॉर्स पावर जनरेटर वाली मोटर, 2 बैरिंग, 1 बेल्ट चाहिए. ये मशीन काफी हल्की होती है. इस थ्रेशिंग मशीन का कुल वजन मात्र 30 किलोग्राम है, जिससे एक खेत से दूसरे खेत में इस मशीन को आसानी से ले जाया जा सकता है. वहीं, इस छोटी थ्रेशिंग मशीन को महज 5000 रुपये की लागत में तैयार किया जा सकता है.
कैसे काम करती है ये मशीन
इस थ्रेशिंग मशीन को चलाने के लिए बिजली की जरूरत होती है और इससे मात्र एक घंटे में 80 किलोग्राम तक मूंग की तुड़ाई की जा सकती हैं. इस मशीन के एक किनारे से मूंग की फलियों को डाला जाता है, जो थ्रेशिंग होने के बाद साफ मूंग को मशीन के पीछे बने आउटलेट से निकाल देती है. वहीं, मशीन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि तोड़ी गई मूंग की फली को बिना धूप में सुखाए ही इससे मूंग के दाने को अलग किया जा सकता है. ऐसा होने से खेत में होने वाली मूंग की बर्बादी बिलकुल खत्म हो जाती है और किसानों का मुनाफा बढ़ जाता है.
किसानों की आय बढ़ाने में मददगार
छोटी थ्रेशिंग मशीन कई राज्यों के किसानों के बीच धीरे-धीरे काफी लोकप्रिय हो रही है. साथ ही किसान भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं. इस मशीन से मूंग की खेती करने वाले किसानों के कम मेहनत और समय दोनों की बचत होती है. छोटा आकार और कम कीमत इस मशीन को किसानों के लिए बहुत उपयोगी है. इस थ्रेशिंग मशीन का उपयोग किसान अपनी मूंग की तुड़ाई के साथ-साथ अन्य किसानों के मूंग की थ्रेशिंग करके भी अतिरिक्त आय कमा सकते हैं.