– के पी मलिक
*किसानों की आवाज़ को,
बहरी सरकारों तक पहुंचाने दो!
फव्वारों से कुछ पानी सूख रहें,
उन खेतों तक भी पहुंचाने दो।
रिश्ते सिर्फ वोट तक ही नहीं,
विकास की रफ़्तार के भी हो!
अन्नदाता के ग़म के किस्से,
मंत्री के कानों तक पहुंचाने दो।
मुफ़्त राशन का ढोल पीटकर,
चुनाव में वोटों की फ़सल उगाते हो!
कुछ हिस्सा अन्न पैदा करने वाले,
उस अन्नदाता को भी ले जाने दो।
तुम मुद्दा राज्यसभा और लोकसभा,
में तो कभी उठाते नहीं हो!
केपी मलिक को इस मुद्दे को,
खेत खलिहानों तक ले जाने दो।
माना देश पूंजीपतियों के हवाले है,
मगर किसान को सुकून से जीने दो!
एमएसपी के उसके अरमान को,
देर सही अब तो लागू हो जाने दो।
– के पी मलिक