Home खेती किसानी भीलवाड़ा के ‘लेमन किंग’:करना पड़ा चुनौतियों का सामना, उठाए कई साहसिक कदम  

भीलवाड़ा के ‘लेमन किंग’:करना पड़ा चुनौतियों का सामना, उठाए कई साहसिक कदम  

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पिछले कुछ सालों में खेती के तरीकों में काफी बदलाव आया है. किसान पारंपरिक खेती छोड़कर कई आधुनिक चीजों का इस्तेमाल करने लगे हैं. राजस्थान स्थित किसान अभिषेक जैन ने पारंपरिक खेती परिदृश्य को एक संपन्न उद्यम में बदल दिया है. अपने शहर में उन्हें ‘लेमन किंग’ के नाम से जाना जाता है. अभिषेक की यात्रा आधुनिक कृषि पद्धतियों के प्रति दृढ़ संकल्प, लचीलेपन और जुनून से भरी है. अभिषेक जैन राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के संग्रामगढ़ के रहने वाले हैं. यहीं पर वह अपनी पुश्तैनी जमीन पर 2007 से खेती कर रहे हैं. उनके पास कुल 30 बीघे जमीन है. वह जैविक नींबू और अमरूद उगाते हैं.

कॉमर्स में ग्रेजुएट हैं अभिषेक

आपको बता दें कि अभिषेक कॉमर्स में ग्रेजुएट हैं और शुरुआत में अपनी खुद की कंपनी चलाते थे. हालाँकि, किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही सोच रखा था. अपने पिता के असामयिक निधन के बाद अभिषेक ने अपनी कंपनी बंद करके खेती करने का फैसला किया. उन्हें नहीं पता था कि यह बदलाव न केवल उन्हें अपनी जड़ों से दोबारा जोड़ेगा बल्कि उल्लेखनीय सफलता भी दिलाएगा.

करना पड़ा चुनौतियों का सामना 

अपनी खेती यात्रा के शुरुआती दौर में अभिषेक को चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उनके पास खेती के बारे में मार्गदर्शन और जानकारी का अभाव था. हालाँकि, उन्होंने कई साहसिक कदम उठाए, जैसे कि अपने अमरूद के बागों की जगह अनार के पेड़ लगाना. दुर्भाग्य से, अपेक्षित लाभ नहीं हुआ, जिससे उन्हें अपनी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए मजबूर होना पड़ा. निर्णायक मोड़ तब आया जब इंटरनेट ने किसानों के लिए सूचना के अंतर को पाट दिया. इस दौरान वह कई व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े जहां उन्हें खेती से जुड़ी अहम जानकारियां मिलीं.

भूमि को तीन भागों में बांट दिया

वर्तमान में 6 एकड़ भूमि का प्रबंधन करते हुए, अभिषेक ने रणनीतिक रूप से अपने संसाधनों में विविधता ला दी है. उन्होंने चार एकड़ जमीन नींबू की खेती के लिए, डेढ़ एकड़ जमीन अमरूद की खेती के लिए और बाकी आधा एकड़ जमीन गौशाला के लिए समर्पित की है. इसके अलावा वह फूड प्रोसेसिंग में अचार बेचकर भी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. सबसे अच्छी बात यह थी कि अभिषेक ने पारंपरिक खेती के तरीकों को अपनाने के बजाय व्यावसायिक खेती करने के बारे में सोचा. इसके लिए उन्होंने अपने खेतों को तैयार किया और रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का इस्तेमाल किया. इससे उन्हें काफी फायदा भी हुआ. एक ओर खेती की लागत कम हुई तो दूसरी ओर भूमि की उर्वरता भी बढ़ी. आज अभिषेक करीब 6 एकड़ जमीन पर बागवानी कर रहे हैं और सालाना 12 लाख रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमा रहे हैं.

अभिषेक अपने खेत में बारहमासी किस्म के नींबू की खेती करते हैं. इसके अलावा उनके खेत में नींबू की देशी कग्गी किस्म भी है. इस नींबू के छिलके बहुत पतले होते हैं और इनमें काफी मात्रा में रस होता है.

खुद के ब्रांड के मालिक है अभिषेक

अभिषेक अपने खेत के नींबू से अचार भी बनाते हैं. एक बार उनके कुछ दोस्त खेती से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए उनके यहां आये. अभिषेक ने उन्हें घर का बना नींबू का अचार खिलाया. अभिषेक के दोस्तों को ये अचार बहुत पसंद आया. दोस्त नींबू का अचार घर ले गए और अभिषेक की मां से और अचार बनाने को कहा. अभिषेक की मां ने उनके लिए करीब 25 से 30 किलो अचार तैयार किया. फिर अगले साल उन दोस्तों ने फोन करके बताया कि यह अचार सभी को बहुत पसंद आया. उन्हीं दोस्तों ने अभिषेक को इन नींबू के अचार को बाजार में बेचने की सलाह दी. इसके बाद अभिषेक ने सोशल मीडिया के जरिए अचार की कुछ मार्केटिंग की और लोगों को इसके बारे में बताना शुरू किया. आज उनका पिकल जंक्शन नाम से एक ब्रांड भी है. इनका अचार अमेज़न पर भी बिकता है. अभिषेक नींबू की लगभग 20 प्रतिशत फसल का उपयोग अचार बनाने के लिए करते हैं जबकि बाकी को वह बाजार में बेचते हैं.

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