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जिंदा हुई महंगाई, टमाटर दाल सब महंगा,बुरी तरह से बिगड़ रहा है घर का बजट

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गृहणियों ने बताया कि लगातार दालें हों या सब्जियां, सभी के दाम आसमान छू रहे हैं. ऐसे में वे अपने घर का बजट नहीं बना पा रही हैं. पहले तो दालों के दाम ही बढ़ते थे पर अब स्थिति ऐसी है कि सब्जियां भी आसमान छू रही हैं. टमाटर ने तो जायका ही बिगाड़ दिया है, इन दिनों अच्छी क्वालिटी का टमाटर 200 रु किलो से ज्यादा तक बिक रहा हैं. वहीं आलू और प्याज भी इतना महंगा है कि लोगों की थाली से गायब होने लगा है.

गृहणियों ने बताया कि सब्जियों में ऐसी महंगाई पहले कभी नहीं देखी. 5 से 10 रु किलो मिलने वाला भटा यानी बैंगन 80 से 100 रु प्रति किलो में बिक रहा है. ऐसे में गरीब हो या मध्यम वर्गीय सभी की थाली से सब्जियां गायब हो रही हैं. ऐसे में सरकार को समय रहते जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.

मुफ्त की योजनाएं बंद करे सरकार

कई गृहणियों का मानना है कि प्रदेश हो या केंद्र की सरकार, लगातार मुफ्त की योजना चलाकर सरकार मध्यमवर्गीय परिवारों को संकट में डाल रही है. मुफ्त की योजना बंद कर सरकार को महंगाई कंट्रोल करनी चाहिए. वोट बैंक की राजनीति के चलते राजनीतिक दल मुफ्त की रेवड़ी बांटते फिरते हैं, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. मुफ्त की चीजें या धनराशि बांटने से इसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ता है. आखिर में सबसे ज्यादा मध्य वर्गीय परिवार ही इसमें पिसता है.

महंगाई ने बिगाड़ा घर का बजट

चुनाव हो गए अब वादों का क्या?

एक गृहणि ने कहा कि महंगाई के चलते आम जनता काफी परेशान है. जहां पेट्रोल-डीजल के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं तो वही सब्जियों और दालों के दाम लगातार बढ़ने से लोगों का बजट बिगड़ने लगा है. हाल में ही हुए लोकसभा और छिंदवाड़ा विधानसभा उपचुनाव में राजनीतिक पार्टियों द्वारा महंगाई और अन्य मुद्दों को लेकर तमाम वादे किए गए, पर चुनाव खत्म होने के बाद इस ओर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा. ऐसे में जनता अपने आप को ठगा का हुआ महसूस कर रही है.

बढ़ती कीमतों से हिली सरकार, समझिये महंगाई का पूरा खेल

इस साल भीषण गर्मी के कारण जहां आम लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. वहीं, अब गर्मी प्याज के आसमान छूते दामों की भी वजह बन गई है. स्थिति यह है कि इस बार फसल खराब होने के साथ गर्मी के कारण प्याज के खराब होने के चलते मंडी में प्याज की आवक घट गई है. इंदौर की आलू प्याज मंडी में स्थिति यह है कि जो प्याज ₹10 प्रति किलो के भाव से नहीं बिकता था, उसके भाव अब ₹40 किलो हो चुके हैं. वहीं, इस साल आवक घटने के कारण प्याज के दाम में लगातार तेजी बने रहने की आशंका है. नतीजतन बारिश शुरू होते ही प्याज के आयात की मांग भी शुरू हो गई है.

इंदौर मंडी में 40 रुपये किलो पहुंचे दाम

दरअसल देश के अन्य इलाकों की तरह ही इंदौर में प्याज के भावों में एक बार फिर आग लगी है. पिछले 15 दिनों में एकाएक प्याज के भाव आसमान पर पहुंच गए हैं. जहां कुछ महीने पहले ₹10 किलो बिकने वाली प्याज फुटकर बाजार में ₹35 से ₹40 किलो बिक रही है. वही मंडी में अच्छी सुपर प्याज 30 से 35 रुपए किलो तक मिल पा रही है. इस हिसाब से खेरची में सुपर प्याज के भाव 40 तक रुपए और मीडियम प्याज 30 से 35 रुपए किलो तक हो गए हैं.

हाफ सेंचुरी लगा सकती है प्याज की कीमत

आलू प्याज मंडी के अध्यक्ष ओमप्रकाश गर्ग की माने तो इस सीजन के अगले 15 दिनों में प्याज 50 रुपए किलो तक हो सकते है. वहीं, ग्राहकों का कहना है कि पहले 10 किलो एक साथ प्याज खरीदी करते थे लेकिन अब 1 किलो प्याज खरीदने में भी सोचना पड़ रहा है. हालांकि बरसात में प्याज के पकोड़े व सलाद के रूप में अधिक प्याज उपयोग में आती है जिसके चलते लोग इस बार बारिश के सीजन में प्याज के पकोड़े खाने से मेहरूम रह जाएंगे.

मंडी में घटी प्याज की आवक

दरअसल प्याज के दाम बढ़ने की एक अन्य वजह बरसात के चलते प्याज खराब होने के आशंका है. यही वजह है कि मंडियों में प्याज की आवक कम हो गई है. फिलहाल इंदौर की मंडी में प्रतिदिन 50 से 60000 बोरी प्याज आई थी जो घटकर 25 से 30000 रह गई है. मंडी में भी प्याज के दाम बढ़ाने के कारण प्याज के व्यापारी भी इसकी सीमित खरीदारी कर पा रहे हैं. जिसका असर प्याज के ग्राहकों पर भी पड़ रहा है. जो अब सरकार से प्याज के आयात की मांग करने लगे हैं.

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