बांग्लादेश संकट, भारत की खेती का गणित बिगाड़ने वाला है. इससे भारत के किसानों को बड़ा नुकसान होने जा रहा है.भारत से बांग्लादेश को मक्का, कॉटन, गेहूं, चावल, दालें, प्याज और फल-सब्जियों का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है. साल 2021-22 में भारत ने वहां पर कृषि उत्पादों का एक्सपोर्ट करके 21,155 करोड़ रुपये कमाए थे. लेकिन, अब वहां की राजनीतिक अस्थिरता से भारत के किसानों को नुकसान झेलना पड़ सकता है.
बांग्लादेश में स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी आरक्षण देने के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन से भड़की हिंसा के बाद वहां राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. पूरे देश में अस्थिरता और अराजकता का माहौल है. तख्तापलट के बाद इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत की शरण में आ चुकी हैं. इस संकट का भारत पर क्या असर पड़ेगा? यह सवाल सबके मन में घूम रहा है. दरअसल, दोनों देश एक दूसरे के लिए बड़े व्यापारिक साझेदार हैं, इसलिए यह सवाल और भी महत्वपूर्ण हो गया है. इस पूरी कहानी को अगर एक लाइन में समझें तो कहा जा सकता है कि बांग्लादेश संकट, भारत की खेती का गणित बिगाड़ने वाला है. इससे भारत के किसानों को बड़ा नुकसान होने जा रहा है.
कई बार भारत के कुल कृषि उपज एक्सपोर्ट में बांग्लादेश पहले नंबर पर रहा है. यानी बांग्लादेश को सामान बेचकर हमने अच्छी कमाई की है. तख्तापलट ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर व्यापारिक गतिविधियों को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है, जिससे भारतीय किसानों पर सीधा असर पड़ने की संभावना है. आज ‘डेटा बोलता है’ सीरीज में हम भारत से बांग्लादेश को होने वाले एग्री एक्सपोर्ट और उससे किसानों पर पड़ने वाले असर पर चर्चा करेंगे.
भारत से बांग्लादेश को गेहूं, मक्का, कॉटन, चावल, दालें, प्याज और फल-सब्जियों का बड़े पैमाने पर निर्यात होता रहा है. हम जो कृषि उत्पादों का निर्यात करते हैं, उनमें बांग्लादेश अक्सर पहले और दूसरे नंबर पर रहता है. यानी हमें इसी देश से सबसे अधिक पैसा मिलता है. लेकिन, पिछले साल इसमें काफी कमी आ गई थी और वो इस मामले में सातवें नंबर पर जा पहुंचा था. जहां कभी भारत के कुल एग्री एक्सपोर्ट से कमाई जाने वाली रकम में बांग्लादेश की हिस्सेदारी 11 फीसदी से अधिक हुआ करती थी वहीं अब यह घटकर 3.6 फीसदी रह गई है. अगर बांग्लादेश में अस्थिरता का ऐसा ही माहौल कायम रहा तो एक्सपोर्ट और कम हो सकता है.
प्याज किसानों की चिंता बढ़ी
बहरहाल, बांग्लादेश में सरकार के तख्तापलट से भारत के प्याज उत्पादक किसानों को नुकसान झेलना पड़ सकता है. क्योंकि बांग्लादेश भारतीय प्याज का बड़ा आयातक है. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलिजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (DGCIS) के मुताबिक वर्ष 2023-24 में भारत से होने वाले कुल प्याज एक्सपोर्ट का 20.3 बांग्लादेश को गया है. इससे पहले भी वह भारतीय प्याज का प्रमुख आयातक रहा है. अब वहां पर चल रही अस्थिरता और अराजकता से एक्सपोर्ट प्रभावित हो सकता है, जिससे घरेलू बाजार में आवक बढ़ेगी और दाम गिर जाएंगे. किसानों की आय पर इसका बुरा असर पड़ेगा.
एक्सपोर्ट को लगा झटका
हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूज एक्सपोर्टर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट विकास सिंह का कहना है कि भारत-बांग्लादेश का घोजाडांगा बॉर्डर बंद हो चुका है. बांग्लादेश के कस्टम विभाग का सिस्टम सोमवार दोपहर से ही काम नहीं कर रहा है. ऐसे में प्याज और फल-सब्जियों का एक्सपोर्ट नहीं हो पा रहा है. यह स्थिति अगर लंबे वक्त तक कायम रही तो भारतीय किसानों को नुकसान होगा, क्योंकि निर्यात होने वाली फल-सब्जियों की आवक भारत के स्थानीय बाजार में बढ़ जाएंगे. सभी निर्यातक बांग्लादेश के हालात पर नजर बनाए हुए हैं. बांग्लादेश की करेंसी का करीब 20 फीसदी अवमूल्यन हो चुका है, इसका भी व्यापार पर असर पड़ने की संभावना है.
एनिमल फीड कारोबार
बांग्लादेश भारतीय मक्के का बड़ा आयातक है. तो क्या भारत में मक्का की खेती करने वाले किसान बांग्लादेश के हालात की चक्की में पिसेंगे? पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के कोषाध्यक्ष रिकी थापर कहते हैं कि जिस तरह की अस्थिरता और अराजकता का माहौल बांग्लादेश में है वो भारत के पोल्ट्री फीड इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाएगा. बांग्लादेश भारत के पोल्ट्री फीड का बड़ा आयातक है. अब वहां पर न तो भारत से अंडा जा पा रहा है न पोल्ट्री, डेयरी और एक्वा फीड. क्योंकि बॉर्डर सील हो चुके हैं. एनिमल फीड बनाने वाली कुछ भारतीय कंपनियों ने बढ़ते कारोबार को देखते हुए वहां पर प्लांट लगा लिए हैं. अब इनके मैनेजमेंट की बेचैनी बढ़ी हुई है. हमें उम्मीद है कि जल्द ही हालात सामान्य होंगे और एक्सपोर्ट शुरू हो जाएगा. मक्का उत्पादक किसानों को नुकसान
किसान नेता अनिल घनवत का कहना है कि हम लोग बांग्लादेश को न सिर्फ प्याज और मक्का बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट करते हैं बल्कि कॉटन, अंगूर, अनार और संतरा भी भेजते हैं. अभी वहां के हालात जल्दी ठीक होते हुए नहीं दिखाई दे रहे हैं, जिससे भारतीय किसानों को नुकसान हो सकता है. खासतौर पर भारत में मक्का और प्याज के दाम गिर जाएंगे. इन दोनों के उत्पादक किसानों को बहुत मुश्किल से सही दाम मिलना शुरू हुआ है, लेकिन अब बांग्लादेश के हालात से लोग डरे हुए हैं, क्योंकि एक्सपोर्ट बंद रहा तो कीमत हमारे किसानों को चुकानी पड़ेगी.