Home कारोबार FPI निवेश दोगुना, 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा

FPI निवेश दोगुना, 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा

0

CCIL के आंकड़े: 9 महीनों में एफएआर के तहत निवेश में तेज वृद्धि, 2026 तक परिपक्व होने वाले बॉन्ड्स को शामिल किया गया।

क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआईएल) के आंकड़ों से पता चलता है कि जेपी मॉर्गन द्वारा भारतीय डेट को सूचकांक में शामिल करने के बाद पिछले 9 महीने में पूर्ण सुलभ मार्ग (एफएआर) के तहत नामित भारतीय सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) दोगुना होकर करीब 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

16 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक एफएआर सिक्टोरिटीज में कुल 1.93 लाख करोड़ रुपये निवेश हुआ, जबकि 22 सितंबर 2023 को कुल निवेश 94,709 करोड़ रुपये था। एफएआर सिक्योरिटीज में एफपीआई निवेश 16 अक्टूबर, 2023 को 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया था।

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एफएआर के तहत जारी भारत सरकार के बॉन्डों को ही इस सूचकांक में शामिल किया गया है। 31 दिसंबर, 2026 के बाद परिपक्व होने वाले एफएआर के रूप में चिह्नित भारत सरकार के बॉन्ड इसके पात्र हैं। बाजार से जुड़े हिस्सेदारों ने कहा कि निवेश प्रवाह जारी रहने की संभावना है और संभवतः अगले 5 से 6 महीने में यह 2.5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू सकता है।

पीएनबी गिल्ट्स में वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष विजय शर्मा ने कहा, ‘जेपी मॉर्गन सूचकांक में शामिल किए जाने की वजह से निवेश दोगुना हुआ है। न सिर्फ शामिल होने से वास्तविक प्रवाह बढ़ा है, बल्कि जब शामिल किए जाने की घोषणा हुई थी, तभी से आवक शुरू हो गई थी।’ उन्होंने कहा, ‘जिस रफ्तार से धन आ रहा है, वह जारी रहेगा और अगले 5-6 महीने में हम 2.5 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू सकते हैं।’

जेपी मॉर्गन ने सितंबर 2023 में घोषणा की थी कि वह भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा पूर्ण सुलभ मार्ग के तहत जारी गवर्नमेंट पेपर्स को चालू साल 28 जून से शुरू हो रहे अपने जीबीआई-ईएम इंडेक्स में शामिल करेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आने वाले महीनों में भी यह गति बरकरार रहती है या नहीं। सूचकांक का अधिभार हर महीने 1 फीसदी बढ़ रहा है, ऐसे में लगा है कि यह गति जारी रहेगी।’

Exit mobile version