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दक्षिण कश्मीर में बारिश की कमी के कारण सूख रहे खेत 

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देश के कई राज्यों में इस वक्त अच्छी मॉनसून की बारिश हो रही है. पर दक्षिण कश्मीर के किसान सूखे के कारण परेशान हैं. खास कर धान की खेती करने वाले किसानों की परेशानी बढ़ गई है क्योंकि यहां पर लंबे समय से बारिश नहीं होने के कारण सूखे जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. अनंतनाग जिले के कई इलाकों में जल के स्त्रोत सूख गए हैं. इसके कारण किसानों को सिंचाई के लिए भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.अनंतनाग जिले के कई गांव, जिनमें आरा कोशीपोरा, दमहाल, पालपोरा, देहरुना, वानिहामा, ब्रिंटी डायलगाम, बटेंगू, वानपोह, अरवानी और दक्षिण कश्मीर के कई अन्य क्षेत्र शामिल हैं, सिंचाई के लिए पानी की कमी का सामना कर रहे हैं.

किसानों का कहना है कि बारिश की कमी के कारण खेत सूख रहे हैं. सिंचाई करने के लिए सभी जल संसाधन सूख गए हैं. उन्हें अब कोई उपाय नहीं सूझ रहा है. एक स्थानीय वेबसाइट द कश्मीरियत की रिपोर्ट के अनुसार अनंतनाग के बटेंगू इलाके के 64 वर्षीय किसान अब्दुल रहमान खान ने खेतों में पानी की कमी पर चिंता जताई.  उन्होंने बताया कि हमारे धान के खेत सूखे पड़े हैं. यह क्षेत्र के किसानों के लिए बड़ी समस्या है.  झेलम में मारवाल सिंचाई प्रोजेक्ट का जलस्तर काफी नीचे चला गया है. यह योजना दक्षिण और मध्य कश्मीर के इलाकों को पानी की आपूर्ति करती है. 

लोगों से पानी बचाने की अपील

इलाके में लंबे समय तक सूखे की मार झेलने और भीषण गर्मी के कारण अधिकारियों ने लोगों से पानी बचाने की अपील की है. जल कार्य प्रभाग श्रीनगर के कार्यकारी अभियंता ने कहा कि बढ़ते तापमान के कारण पानी की खपत बढ़ गई है, जिससे पानी की कमी हो गई है. यह समस्या खासकर श्रीनगर के सीमावर्ती इलाकों में अधिक देखी जा रही है. लोगों से कहा गया है कि अपनी दैनिक कार्यों में पानी की बचत करें. किचन गार्डन और गाड़ी धोने के लिए कम से कम पानी का इस्तेमाल करने के लिए लोगों से कहा गया है. विशेषज्ञों के अनुसार  मार्च और अप्रैल में जम्मू कश्मीर में तापमान 9-12 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बर्फ के साथ-साथ ग्लेशियर के भंडार भी बड़े पैमाने पर पिघल जाते हैं. उनका कहना है कि चिल्लई कलां की 40 दिनों की अवधि के दौरान बर्फ का जमा होना सिंचाई को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है.

खेतों में आ गई दरार

रिपोर्ट में यह भी जानकारी मिली है कि कुछ गांवों में पानी की कमी और लंबे सूखे की अवधि के कारण धान की रोपाई के बाद खेतों में दरार आ गई है. इससे खेती पर असर पड़ रहा है. कुलगाम के एक स्थानीय किसान शबीर अहमद ने बताया कि उनके खेत सूख रहे हैं पर वो पिछले 14 दिनों से अपने खेतों की सिंचाई नहीं कर पा रहे हैं. बस अपनी मेहनत को बर्बाद होते देखकर उनके पास हताश होने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. मौसम के हालात के देखकर किसानों को सूखे का डर सता रहा है. 

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