Home खेती किसानी 9 अप्रैल को शम्भू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक को जाम करेंगे किसान

9 अप्रैल को शम्भू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक को जाम करेंगे किसान

0

एमएसपी कानून समेत कई मांगों को लेकर 13 फरवरी से किसान आंदोलन कर रहे है. किसान शम्भू बॉर्डर, खनौरी, डबवाली और रतनपुरा बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान नेताओं ने कहा कि वह 7 अप्रैल को देशभर में जिलास्तर पर जूलूस निकालकर भाजपा का पुतला दहन करेंगे. इसके अलावा 9 अप्रैल को शम्भू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक को जाम करने की घोषणा की है. इसके अलावा 3 से 11 अप्रैल तक केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु में युवा किसान शुभकरण सिंह की श्रद्धांजलि सभाएं आयोजित की जाएंगी. 

आज संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने चंडीगढ़ के किसान भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार ने हाल में कई मंडियों को खत्म कर के गेहूं की फसल सीधे साइलो में लेकर जाने का आदेश जारी किया है जो पिछले दरवाजे से 3 कृषि कानूनों को दोबारा लागू करने के समान है. किसान नेताओं ने बताया कि 10 फरवरी से हरियाणा में सैंकड़ों किसानों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से 5 किसान नेता अभी भी जेल में हैं. कहा कि शम्भू बॉर्डर, खनौरी, डबवाली और रतनपुरा बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. सभी बार्डरों पर किसानों को परेशान करने के लिए बिजली व्यवस्था को जानबूझकर बाधित किया जा रहा है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है. 

रेलवे ट्रैक जाम करने की घोषणा 

आज संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने फैसला लिया कि मंडियों को बचाने के लिए और जेल में बंद किसानों की रिहाई के साथ ही प्रदर्शन स्थलों के पास बिजली की व्यवस्था के लिए  7 अप्रैल को देशभर में जिला स्तर पर जुलूस निकालकर भाजपा का पुतला दहन किया जाएगा. यदि सरकार ने उसके बाद भी किसानों की इन बातों को नहीं माना तो 9 अप्रैल को शम्भू बॉर्डर पर रेलवे ट्रैक को जाम किया जाएगा और उसके बाद आगामी दिनों में रेल रोकने के स्थान बढ़ाये जा सकते हैं.

कर्नाटक, केरल में श्रद्धांजलि सभाएं होंगी 

किसान नेताओं ने बताया कि युवा किसान शुभकरण सिंह की श्रद्धांजलि सभाएं 3 अप्रैल को कर्नाटक के मैसूर में, 11 अप्रैल को उड़ीसा में और उसके बाद उत्तर प्रदेश में आयोजित की जाएंगी. आज शंभू बॉर्डर से एक प्रतिनिधिमंडल शहीद शुभकरण सिंह की अस्थि कलश लेकर वाया दिल्ली से चेन्नई के लिए रवाना हुआ, वहां से तमिलनाडु, केरल और पॉन्डिचेरी में ये यात्रा दक्षिण भारत के किसान संगठनों के जरिए निकाली जाएगी.

Exit mobile version