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औषधीय फसलों की खेती की तरफ बहुत तेजी से आकर्षित हो रहे हैं किसान

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उदयपुर में प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर में औषधीय महत्व और उच्च मूल्य वाली फसलों विषयक पर दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्रज्ञा फाण्डेशन, गुरूग्राम एवं प्रसार शिक्षा निदेशालय, उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान से आयोजित किया गया. प्रशिक्षण के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. आर. ए. कौशिक, निदेशक प्रसार ने बताया की औषधीय महत्व वाली फसले जैसे अफीम, अश्वगंधा, निंबू,  ग्रास, अजवाइन, सौफ, जीरा, ईसबगोल, ब्रोकली, जुकीनी, लाल पत्ता गोभी, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न, मशरूम उत्पादन आदि की खेती करना अत्यधिक लाभप्रद है उदयपुर संभाग की जलवायु भी इन फसलो के लिए अनुकुलित है.

इन फसलों का उपयोग स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की दवाईयां बनाने के लिए भी किया जाता है. इन फसलों की मांग राष्ट्रीय व अतंरराष्ट्रीय बाजार में अन्य फसलों की तुलना में अधिक होने से उत्पादन की अच्छी कीमत मिल जाती है. इस वजह से किसान इन फसलों की खेती की तरफ बहुत तेजी से आकर्षित हो रहे हैं.

इस अवसर पर प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. लतिका व्यास, प्राध्यापक, प्रसार शिक्षा निदेशालय ने बताया की दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियो को अधिक मुनाफे वाली विदेशी सब्जियां, सफेद मुसली, हल्दी, गन्ना इत्यादी फसलो की उन्नत फसलोत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक, जैविक उत्पादन, मृदा, जल, रोग व कीट प्रबंधन एवं तुडाई उपरान्त प्रबंधन पर विश्वविधालय के विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया.

प्रोग्राम ऑफिसर, आदर्श शर्मा ने बताया की इस प्रशिक्षण में सलुम्बर व डुंगरपुर जिले के 43 प्रशिक्षणार्थियो ने भाग लिया. सभी प्रशिक्षणार्थियो को प्रमाण-पत्र एवं प्रशिक्षण सम्बन्धी साहित्य प्रदान किये गये.

(
डॉ. लतिका व्यास)
सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी (पी आर.ओ.)
मप्रकृप्रौविविउदयपुर

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