हरियाणा के हिसार जिले की एक अनाज मंडी में किसान की आत्महत्या का मामला सामने आया है. पुलिस ने मृतक किसान के परिवार के हवाले से कहा है कि वह मानसिक रूप से परेशान चल रहा था. वहीं, मृतक के गांव के पूर्व सरपंच ने कहा कि वह कपास की खेती में नुकसान और कर्ज से तनाव में था.
हरियाणा में किसान खाद के लिए लंबी लाइनों में लग रहे हैं और खाद की कमी की बात कह रहे हैं. वहीं, राज्य सरकार खाद की कमी से इनकार कर रही है. इस बीच, हिसार जिले के उकलाना में अनाज मंडी में डीएपी खरीदने पहुंचे सीमांत किसान की कथित तौर पर जहर खाकर आत्महत्या की खबर सामने आई है. किसान रामभगत जींद जिले के भीकेवाला गांव का रहने वाला था. वहीं, मामले को लेकर पुलिस ने कहा है कि रामभगत के परिवार ने बयान दिया है कि वह कुछ समय से तनाव में था.
किसान पर था कर्ज
‘दि ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, गांव के पूर्व सरपंच जय पाल सिंह ने कहा, ‘’रामभगत खेती में नुकसान होने के कारण तनाव में था. रामभगत का परिवार खेत में बने एक छोटे से घर में रहता है. उसके परिवार में पत्नी, दो बच्चे और तीन बहनें हैं. उसने करीब 5 एकड़ जमीन लीज पर ली थी, लेकिन हाल ही में कपास की फसल में उसे नुकसान हुआ था. अब उसे गेहूं की बुवाई करनी थी, जिसके लिए वह डीएपी खरीदने अनाज मंडी जाना था. उस पर कर्ज भी था.”
खाद की समस्या बरकरार
वहीं, किसान नेता खाद की कमी को लेकर लगातार राज्य सरकार को चेता रहे हैं. उनका कहना है कि स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. हिसार, फतेहाबाद, जींद और भिवानी में डीएपी का स्टॉक सीमित किया जा रहा है. बता दें कि अभी रबी की बुवाई पीक टाइम चल रहा है और किसान खाद की कमी से जुझ रहे है. किसान डीएपी बैग खरीदने के लिए उमड़ रहे हैं.
25 हजार MT डीएपी की जरूरत
किसानों को चिंता सता रही है कि खाद की कमी से सरसों, गेहूं और अन्य रबी फसलों की उपज प्रभावित न हो जाए. जानकारी के मुताबिक, हिसार जिले में 25,000 मीट्रिक टन डीएपी की मांग है, लेकिन अभी तक 10,552 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध कराई गई है. यही वजह है कि किसानों को डीएपी बैग के लिए लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है.
पलवल में किसानों की ये समस्याएं
इधर, पलवल जिले के किसान सिंचाई के लिए पानी की कमी, जलभराव और डीएपी की कमी के चलते परेशान हैं. पहाड़ी गांव में रहने वाले किसानों कहा कहना है कि पिछले दो हफ्तों से सिंचाई के लिए नहर में पानी नहीं है. गेहूं की फसल को सिंचाई की बहुत जरूरत है. वहीं, अकबरपुर नटोल,कहनोली, मंडकोला, जीता खेरली, मदनाका, सियारोली और कई अन्य गांवों में पानी भरने की समस्या की बात कही जा रही है.